पेपर लीक होने से बचाएगा AI? NEET और NET पेपर लीक पर मचे घमासान के बीच UPSC ने लिया ये बड़ा फैसला

UPSC: NEET और NET पेपर लीक को पिछले 15 दिन से देश में घमासान मचा हुआ है। पहले पेपर लीक को नकारने वाली सरकार इसके सबूत मिलते ही बैकफुट पर है। वहीं नीट और यूजीसी-नेट एग्जाम पर उठे विवादों के बीच यूपीएससी ने बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। यूपीएससी ने परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकने के लिए एआई बेस्ड (AI- Artificial Intelligence) सीसीटीवी से लेकर आधार बेस्ड फिंगर प्रिट चेक इस्तेमाल करने का फैसला किया है। यूपीएससी ने कहा कि उसने देशभर में विभिन्न केंद्रों/स्थलों पर आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों और तैनात अन्य कर्मियों की विभिन्न गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रिकॉर्डिंग और लाइव प्रसारण के साथ सीसीटीवी/वीडियो निगरानी लागू करने का भी फैसला लिया है। दरअसल, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के अनुभवी उपक्रमों से बोलियां आमंत्रित करने के लिए एक निविदा जारी की है। इस निविदा में ताकि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान उपयोग किए जाने वाले दो तकनीकी समाधान आधार कार्ड आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण, अभ्यर्थियों की चेहरे की पहचान और ई-प्रवेश पत्रों की क्यूआर कोड स्कैनिंग और एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी सेवा विकसित किए जा सकें। यूपीएससी ने 3 जून के निविदा दस्तावेज में कहा है कि यूपीएससी अपनी परीक्षाओं को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करने को बहुत महत्व देता है। इन उद्देश्यों को पूरा करने के मद्देनजर आयोग अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक डेटा का मिलान करने और धोखाधड़ी, जालसाजी, अनुचित साधनों और अभ्यर्थी की जगह पर परीक्षा देने जैसे कामों से रोकने के लिए परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों की कई गतिविधियों की निगरानी करने के लिए नई डिजिटल टेक्नॉलाजी का उपयोग करने का इरादा रखता है। एक्जाम में इन तकनीक का करेगा इस्तेमाल टेंडर के अनुसार, चयनित सेवा एजेंसी यूपीएससी द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का इस्तेमाल परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और चेहरे की पहचान के लिए करेगा। आयोग ने कहा कि चेहरे की पहचान के लिए दो तस्वीरों का मिलान किया जाएगा, जिनमें एक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान दी गयी और दूसरी परीक्षा के दिन ली गई तस्वीर का इस्तेमाल किया जाएगा। यूपीएससी 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है यूपीएससी एक संवैधानिक निकाय है, जो 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है। हालांकि, यूपीएससी इसके अलावा केंद्र सरकार के ग्रुप ए और ग्रुप बी पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और इंटरव्यू भी आयोजित करता है।

पेपर लीक होने से बचाएगा AI? NEET और NET पेपर लीक पर मचे घमासान के बीच UPSC ने लिया ये बड़ा फैसला
UPSC: NEET और NET पेपर लीक को पिछले 15 दिन से देश में घमासान मचा हुआ है। पहले पेपर लीक को नकारने वाली सरकार इसके सबूत मिलते ही बैकफुट पर है। वहीं नीट और यूजीसी-नेट एग्जाम पर उठे विवादों के बीच यूपीएससी ने बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। यूपीएससी ने परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकने के लिए एआई बेस्ड (AI- Artificial Intelligence) सीसीटीवी से लेकर आधार बेस्ड फिंगर प्रिट चेक इस्तेमाल करने का फैसला किया है। यूपीएससी ने कहा कि उसने देशभर में विभिन्न केंद्रों/स्थलों पर आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों और तैनात अन्य कर्मियों की विभिन्न गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रिकॉर्डिंग और लाइव प्रसारण के साथ सीसीटीवी/वीडियो निगरानी लागू करने का भी फैसला लिया है। दरअसल, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के अनुभवी उपक्रमों से बोलियां आमंत्रित करने के लिए एक निविदा जारी की है। इस निविदा में ताकि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान उपयोग किए जाने वाले दो तकनीकी समाधान आधार कार्ड आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण, अभ्यर्थियों की चेहरे की पहचान और ई-प्रवेश पत्रों की क्यूआर कोड स्कैनिंग और एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी सेवा विकसित किए जा सकें। यूपीएससी ने 3 जून के निविदा दस्तावेज में कहा है कि यूपीएससी अपनी परीक्षाओं को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करने को बहुत महत्व देता है। इन उद्देश्यों को पूरा करने के मद्देनजर आयोग अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक डेटा का मिलान करने और धोखाधड़ी, जालसाजी, अनुचित साधनों और अभ्यर्थी की जगह पर परीक्षा देने जैसे कामों से रोकने के लिए परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों की कई गतिविधियों की निगरानी करने के लिए नई डिजिटल टेक्नॉलाजी का उपयोग करने का इरादा रखता है। एक्जाम में इन तकनीक का करेगा इस्तेमाल टेंडर के अनुसार, चयनित सेवा एजेंसी यूपीएससी द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का इस्तेमाल परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और चेहरे की पहचान के लिए करेगा। आयोग ने कहा कि चेहरे की पहचान के लिए दो तस्वीरों का मिलान किया जाएगा, जिनमें एक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान दी गयी और दूसरी परीक्षा के दिन ली गई तस्वीर का इस्तेमाल किया जाएगा। यूपीएससी 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है यूपीएससी एक संवैधानिक निकाय है, जो 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है। हालांकि, यूपीएससी इसके अलावा केंद्र सरकार के ग्रुप ए और ग्रुप बी पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और इंटरव्यू भी आयोजित करता है।