केज खरीदी में 2 करोड़ 16 लाख का फर्जीवाड़ा, सहायक संचालक गिरफ्तार

मामला दर्ज होने के बाद थी फरार, न्यायिक रिमांड पर भेजा गया छत्तीसगढ़ संवाददाता धमतरी, 28 जुलाई। मछली पालन के लिए केज (पिंजरा) खरीदी में फर्जीवाड़ा करने वाली मत्स्य विभाग धमतरी की सहायक संचालक गीतांजलि गभिजए गिरफ्तार हो गई। कोतवाली पुलिस ने शनिवार देर-शाम को गीतांजलि गजभिए को बिलासपुर से गिरफ्तार किया। जिसे न्यायिक रिमांड पर भेजा है। आरोप है कि फर्जी हितग्राही बनाकर सहायक संचालक गजभिए ने 2 करोड़ 16 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। हितग्राहियों की बजाए इस राशि को केज बेचने वाली 3 फर्मों के खाते में ट्रांसफर किया था। मामले सामने आने के बाद संचालनालय की टीम ने पूरे फर्जीवाड़ा की जांच की। जिसमें धमतरी की सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए की भूमिका प्रमुख रही है। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद करीब 15 दिन पहले गजभिए पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ। एफआईआर दर्ज होने के बाद गीतांजलि गजभिए फरार थी। कोतवाली पुलिस की टीम ने बिलासपुर से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इन 3 फर्मों में भी हुई है एफआईआर केज खरीदी में हुई फर्जीवाड़े के मामले में सहायक संचालक गजभिए के अलावा सप्लायर फर्म मेसर्स स्टार सप्लायर बिलासपुर, एसएस एक्वाकल्चर पथर्री फिंगेश्वर राजिम व एसएस एक्वाफिड झांकी रायपुर के संचालकों को भी इस प्रकरण में आरोपी बनाया गया है। इन तीनों फर्म में ही हितग्राहियों को मिलने वाली सब्सिडी की राशि सीधे ट्रांसफर की गई थी। पुलिस तीन फर्मों को लेकर भी जांच जारी होने का दावा कर रही है। मामले में आगे और भी गिरफ्तारी संभव है। 2023 का है मामला यह पूरा मामला 2023 का है। मछली पालन के लिए केज (पिंजरा) खरीदी में फर्जीवाड़ा किया गया। फर्जी हितग्राही बनाकर हितग्राहियों की बजाए इस राशि को केज बेचने वाली तीन फर्मों के खाते में ट्रांसफर किया गया था। जिसमें राजनांदगांव की तत्कालीन व धमतरी की सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए की भूमिका प्रमुख रही है।

केज खरीदी में 2 करोड़ 16 लाख का फर्जीवाड़ा, सहायक संचालक गिरफ्तार
मामला दर्ज होने के बाद थी फरार, न्यायिक रिमांड पर भेजा गया छत्तीसगढ़ संवाददाता धमतरी, 28 जुलाई। मछली पालन के लिए केज (पिंजरा) खरीदी में फर्जीवाड़ा करने वाली मत्स्य विभाग धमतरी की सहायक संचालक गीतांजलि गभिजए गिरफ्तार हो गई। कोतवाली पुलिस ने शनिवार देर-शाम को गीतांजलि गजभिए को बिलासपुर से गिरफ्तार किया। जिसे न्यायिक रिमांड पर भेजा है। आरोप है कि फर्जी हितग्राही बनाकर सहायक संचालक गजभिए ने 2 करोड़ 16 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। हितग्राहियों की बजाए इस राशि को केज बेचने वाली 3 फर्मों के खाते में ट्रांसफर किया था। मामले सामने आने के बाद संचालनालय की टीम ने पूरे फर्जीवाड़ा की जांच की। जिसमें धमतरी की सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए की भूमिका प्रमुख रही है। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद करीब 15 दिन पहले गजभिए पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ। एफआईआर दर्ज होने के बाद गीतांजलि गजभिए फरार थी। कोतवाली पुलिस की टीम ने बिलासपुर से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इन 3 फर्मों में भी हुई है एफआईआर केज खरीदी में हुई फर्जीवाड़े के मामले में सहायक संचालक गजभिए के अलावा सप्लायर फर्म मेसर्स स्टार सप्लायर बिलासपुर, एसएस एक्वाकल्चर पथर्री फिंगेश्वर राजिम व एसएस एक्वाफिड झांकी रायपुर के संचालकों को भी इस प्रकरण में आरोपी बनाया गया है। इन तीनों फर्म में ही हितग्राहियों को मिलने वाली सब्सिडी की राशि सीधे ट्रांसफर की गई थी। पुलिस तीन फर्मों को लेकर भी जांच जारी होने का दावा कर रही है। मामले में आगे और भी गिरफ्तारी संभव है। 2023 का है मामला यह पूरा मामला 2023 का है। मछली पालन के लिए केज (पिंजरा) खरीदी में फर्जीवाड़ा किया गया। फर्जी हितग्राही बनाकर हितग्राहियों की बजाए इस राशि को केज बेचने वाली तीन फर्मों के खाते में ट्रांसफर किया गया था। जिसमें राजनांदगांव की तत्कालीन व धमतरी की सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए की भूमिका प्रमुख रही है।