दुर्गा प्रतिमाओं को रूप देने में लगे मूर्तिकार:मिट्टी, बांस, पटिए सहित श्रृंगार सामग्री के 20 से 25% बढ़े दाम

शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे हैं, स्थानीय के साथ बंगाल से बुलवाए मूर्तिकार मां दुर्गे की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे है, झांकी समिति सदस्य भी शहर के चौराहों से लेकर गांव में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए पंडाल को सजाने में लगे हैं। सागर रोड पर पाटनदेव हनुमान मंदिर के सामने और गंज बाजार में मां दुर्गे की प्रतिमा तैयार हो रही है, यहां पर प्रतिमा बनवाने के लिए बंगाल के लोगों को भी बुलवाया गया है। साथ ही मूर्तिकार गोविंद प्रजापति का पूरा परिवार दुर्गा प्रतिमाओं को बनाने में लगा है। वार्ड 13 अशोक नगर में नो रूप में विराजमान होगी मां शहर के वार्ड 13 अशोकनगर तिराहे पर हर साल की तरह इस साल भी मां की प्रतिमा नो रूप में विराजमान की जाएगी इस बार विशेष तौर पर दुर्गा प्रतिमाओं में अयोध्या की तर्ज पर भगवान श्री राम मंदिर की झलक दिखाई देगी वहीं शहर के स्वामी विवेकानंद कॉलेज वार्ड नो रामलीला और तालाब मोहल्ले, कलेक्ट्रेट कॉलोनी, सागर तिराहे, गंज बाजार, में मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा की स्थापना की जाएगी नवरात्रि में शहर के दशहरे मैदान सहित अन्य स्थानों पर गरबे का आयोजन भी किया जा रहा है। प्रजापति समाज ने मिट्टी उपलब्ध की मांग की रायसेन शहर में प्रजापति समाज द्वारा जिला प्रशासन से प्रतिमाओं के निर्माण सहित अन्य कार्य के लिए मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए मांग की जा चुकी है, प्रजापति समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें शहर के आसपास कोई ऐसी जगह आवंटित की जाए जिससे की उन्हें मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो सके अभी प्रजापति समाज के लोगों द्वारा प्रतिमाओं सहित अन्य काम के लिए मिट्टी खेतों से लाना पड़ रही है। मूर्ति बनाने की सामग्री के दाम 20 से 25 प्रतिशत बढ़े मां दुर्गा की प्रतिमा तैयार कर रहे कलाकार ने बताया कि मूर्ति बनाने में बहुत सामग्री लगती है, जैसे चारा मिट्टी, पटिया, बांस इन सभी चीजों को इकट्ठा करना पड़ता है। पहले जो बांस 20 रुपए का एक मिलता था, वह इस समय 60 से 70 रुपए में मिल रहा है। लकड़ी के पटिए भी 500 रुपए घन मीटर से बढ़कर 700 रुपए घन मीटर पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा श्रृंगार सामग्री भी 25 से 30 फीसदी महंगी हो गई है। एक मूर्ति को बनाने में ही खर्च 25 से 30 हजार रुपए आ रहा है। लागत और मेहनत की राशि भी बड़ी मुश्किल से मिल पाती है।

शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे हैं, स्थानीय के साथ बंगाल से बुलवाए मूर्तिकार मां दुर्गे की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे है, झांकी समिति सदस्य भी शहर के चौराहों से लेकर गांव में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए पंडाल को सजाने में लगे हैं। सागर रोड पर पाटनदेव हनुमान मंदिर के सामने और गंज बाजार में मां दुर्गे की प्रतिमा तैयार हो रही है, यहां पर प्रतिमा बनवाने के लिए बंगाल के लोगों को भी बुलवाया गया है। साथ ही मूर्तिकार गोविंद प्रजापति का पूरा परिवार दुर्गा प्रतिमाओं को बनाने में लगा है। वार्ड 13 अशोक नगर में नो रूप में विराजमान होगी मां शहर के वार्ड 13 अशोकनगर तिराहे पर हर साल की तरह इस साल भी मां की प्रतिमा नो रूप में विराजमान की जाएगी इस बार विशेष तौर पर दुर्गा प्रतिमाओं में अयोध्या की तर्ज पर भगवान श्री राम मंदिर की झलक दिखाई देगी वहीं शहर के स्वामी विवेकानंद कॉलेज वार्ड नो रामलीला और तालाब मोहल्ले, कलेक्ट्रेट कॉलोनी, सागर तिराहे, गंज बाजार, में मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा की स्थापना की जाएगी नवरात्रि में शहर के दशहरे मैदान सहित अन्य स्थानों पर गरबे का आयोजन भी किया जा रहा है। प्रजापति समाज ने मिट्टी उपलब्ध की मांग की रायसेन शहर में प्रजापति समाज द्वारा जिला प्रशासन से प्रतिमाओं के निर्माण सहित अन्य कार्य के लिए मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए मांग की जा चुकी है, प्रजापति समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें शहर के आसपास कोई ऐसी जगह आवंटित की जाए जिससे की उन्हें मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो सके अभी प्रजापति समाज के लोगों द्वारा प्रतिमाओं सहित अन्य काम के लिए मिट्टी खेतों से लाना पड़ रही है। मूर्ति बनाने की सामग्री के दाम 20 से 25 प्रतिशत बढ़े मां दुर्गा की प्रतिमा तैयार कर रहे कलाकार ने बताया कि मूर्ति बनाने में बहुत सामग्री लगती है, जैसे चारा मिट्टी, पटिया, बांस इन सभी चीजों को इकट्ठा करना पड़ता है। पहले जो बांस 20 रुपए का एक मिलता था, वह इस समय 60 से 70 रुपए में मिल रहा है। लकड़ी के पटिए भी 500 रुपए घन मीटर से बढ़कर 700 रुपए घन मीटर पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा श्रृंगार सामग्री भी 25 से 30 फीसदी महंगी हो गई है। एक मूर्ति को बनाने में ही खर्च 25 से 30 हजार रुपए आ रहा है। लागत और मेहनत की राशि भी बड़ी मुश्किल से मिल पाती है।