ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट ने पीएम मोदी को लेकर उठाए गंभीर सवाल, छापी ऐसी रिपोर्ट, जिससे घमासान मचना तय- PM Modi

ह्यूमन राइट्स की पब्लिश हुई एक रिपोर्ट भारत की राजनीति में कोहराम मचा सकता है। ये रिपोर्ट पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के ऊपर है। ये रिपोर्ट पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दौरान पीएम मोदी के भाषणों को लेकर है। एचआरडब्ल्यू (HRW) की रिपोर्ट में मोदी के भाषणों में इस्लामोफोबिक (Islamophobic comments) टिप्पणियों की बात कही गई है। रिपोर्ट को तैयार करने के लिए पीएम के 173 भाषणों का विश्लेषण हुआ है। बता दें पीएम मोदी के भाषणों को लेकर विपक्ष ने भी चुनाव के समय काफी ज्यादा विरोध जताया था। रिपोर्ट के मुताबिक ह्यूमन राइट्स वॉच ने 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पीएम मोदी के जरिए दिए गए 173 भाषणों का विश्लेषण किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैलियों में दिए 110 भाषणों में इस्लामोफोबिक टिप्पणियां कीं थी। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में कहा गया है ऐसा लगता है कि इनका मकसद राजनीतिक विपक्ष को कमजोर करना और गलत जानकारी के आधार पर बहुसंख्यक हिंदू समुदाय में डर पैदा करना था। उन्होंने विपक्ष को सिर्फ मुस्लिम अधिकारों को बढ़ावा देने वाला बताया। इसमें बीजेपी नेताओं के जरिए दिए गए भड़काऊ बयानों को लेकर भी बात की गई है। तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए दिए गए उकसाने वाले बयान रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मोदी के 2024 के चुनावी अभियान में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अक्सर नफरत भरे भाषण का इस्तेमाल किया गया।एचआरडब्ल्यू ने बताया कि पीएम मोदी भले ही मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह रखने से इनकार करते रहे हैं। मगर उन्होंने अपने लगातार झूठे दावों के जरिए हिंदुओं के बीच डर पैदा किया कि अगर चुनाव में इंडिया गठबंधन को जीत मिलती है तो उनके मंदिरों, संपत्ति, जमीन और लड़कियों-महिलाओं की सुरक्षा मुस्लिम समुदाय के चलते खतरे में पड़ जाएगी। रिपोर्ट में 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम मोदी के उस भाषण का जिक्र भी है, जहां उन्होंने मुस्लिमों को घुसपैठियां कह दिया था।

ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट ने पीएम मोदी को लेकर उठाए गंभीर सवाल, छापी ऐसी रिपोर्ट, जिससे घमासान मचना तय- PM Modi
ह्यूमन राइट्स की पब्लिश हुई एक रिपोर्ट भारत की राजनीति में कोहराम मचा सकता है। ये रिपोर्ट पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के ऊपर है। ये रिपोर्ट पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दौरान पीएम मोदी के भाषणों को लेकर है। एचआरडब्ल्यू (HRW) की रिपोर्ट में मोदी के भाषणों में इस्लामोफोबिक (Islamophobic comments) टिप्पणियों की बात कही गई है। रिपोर्ट को तैयार करने के लिए पीएम के 173 भाषणों का विश्लेषण हुआ है। बता दें पीएम मोदी के भाषणों को लेकर विपक्ष ने भी चुनाव के समय काफी ज्यादा विरोध जताया था। रिपोर्ट के मुताबिक ह्यूमन राइट्स वॉच ने 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पीएम मोदी के जरिए दिए गए 173 भाषणों का विश्लेषण किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैलियों में दिए 110 भाषणों में इस्लामोफोबिक टिप्पणियां कीं थी। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में कहा गया है ऐसा लगता है कि इनका मकसद राजनीतिक विपक्ष को कमजोर करना और गलत जानकारी के आधार पर बहुसंख्यक हिंदू समुदाय में डर पैदा करना था। उन्होंने विपक्ष को सिर्फ मुस्लिम अधिकारों को बढ़ावा देने वाला बताया। इसमें बीजेपी नेताओं के जरिए दिए गए भड़काऊ बयानों को लेकर भी बात की गई है। तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए दिए गए उकसाने वाले बयान रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मोदी के 2024 के चुनावी अभियान में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अक्सर नफरत भरे भाषण का इस्तेमाल किया गया।एचआरडब्ल्यू ने बताया कि पीएम मोदी भले ही मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह रखने से इनकार करते रहे हैं। मगर उन्होंने अपने लगातार झूठे दावों के जरिए हिंदुओं के बीच डर पैदा किया कि अगर चुनाव में इंडिया गठबंधन को जीत मिलती है तो उनके मंदिरों, संपत्ति, जमीन और लड़कियों-महिलाओं की सुरक्षा मुस्लिम समुदाय के चलते खतरे में पड़ जाएगी। रिपोर्ट में 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम मोदी के उस भाषण का जिक्र भी है, जहां उन्होंने मुस्लिमों को घुसपैठियां कह दिया था।