'ग्रीन इलेक्ट्रॉन' और एआई डाटा सेंटर से इंफ्रा को मिलेगी नई गति : गौतम अदाणी

मुंबई, 19 जून । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 1991 से 2014 के बीच रनवे तैयार हुआ और 2014 से 2024 के बीच विमान ने उड़ान भरी। अब ग्रीन इलेक्ट्रॉन और डाटा सेंटर स्तर पर एआई क्रांति की मदद से देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र की आगे की यात्रा को गति मिलेगी। अगले दशक में अदाणी समूह ऊर्जा संक्रमण क्षेत्र में 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा तथा अपनी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा के वैल्यू चेन का और विस्तार करेगा, जो पहले ही हरित ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक हर प्रमुख घटक के निर्माण तक फैली हुई है। क्रिसिल रेटिंग्स के एनुअल इंफ्रास्ट्रक्चर समिट में अपने कीनोट संबोधन में गौतम अदाणी ने कहा, हर देश की अपनी चुनौतियां हैं। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत का वास्तविक विकास अभी बाकी है। कई ट्रिलियन डॉलर के बाजार तैयार करने के लिए मंच पहले से मौजूद है। अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा कि ग्रीन इलेक्ट्रॉन की उपलब्धता किसी देश की आर्थिक प्रगति का मुख्य कारक होगी। गौतम अदाणी ने कहा, मेरी राय में, ग्रीन इलेक्ट्रॉन के लिए बाजार में विकास के लिए अभी कोई सीमा नहीं है। हम दुनिया के सबसे कम खर्चीले ग्रीन इलेक्ट्रॉन का उत्पादन करेंगे जो कई ऐसे क्षेत्रों के लिए फीडस्टॉक बन जाएगा, जिन्हें सस्टेनेबिलिटी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना है। ग्रीन इलेक्ट्रॉन गैर-उत्सर्जक ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित इलेक्ट्रॉन हैं - मुख्य रूप से पवन और सौर ऊर्जा से। इटली में हाल ही में संपन्न जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत पहला देश है जिसने सीओपी के तहत की गई सभी प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने विश्व नेताओं से कहा, हम 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमें मिलकर आने वाले समय को हरित युग बनाने का प्रयास करना चाहिए। गौतम अदाणी के अनुसार, अगली बड़ी क्रांति डाटा सेंटर होंगे, जो एआई क्लाउड के लिए घर की तरह हैं। उन्होंने कहा, एआई क्रांति के केंद्र में डाटा सेंटर है - एआई सिस्टम की कम्प्यूटेशन से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। एआई क्रांति मशीन लर्निंग एल्गोरिदम, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर विज़न, डीप लर्निंग और कई अन्य कार्यों पर निर्भर करती है। ये सभी डाटा को अभूतपूर्व गति और पैमाने पर प्रोसेस करने की क्षमता पर निर्भर करते हैं जो डाटा सेंटर द्वारा प्रदान की जाने वाली क्षमताएं हैं। हालांकि, इसके लिए भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो डाटा सेंटर व्यवसाय को दुनिया में सबसे बड़ा ऊर्जा-उपभोग करने वाला उद्योग बनाता है। अदाणी समूह के चेयरमैन ने जोर देकर कहा, तथ्य यह है कि ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और डिजिटल परिवर्तन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रौद्योगिकी क्षेत्र कीमती ग्रीन मोलेक्युल्स का सबसे बड़ा उपभोक्ता बन गया है। गौतम अदाणी ने कहा, हमारे पास पहले से ही डाटा सेंटर के लिए देश का सबसे बड़ा ऑर्डर है। अब हम गीगावाट-स्केल के एक और एआई डाटा सेंटर को लेकर चर्चा कर रहे हैं।(आईएएनएस)

'ग्रीन इलेक्ट्रॉन' और एआई डाटा सेंटर से इंफ्रा को मिलेगी नई गति : गौतम अदाणी
मुंबई, 19 जून । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 1991 से 2014 के बीच रनवे तैयार हुआ और 2014 से 2024 के बीच विमान ने उड़ान भरी। अब ग्रीन इलेक्ट्रॉन और डाटा सेंटर स्तर पर एआई क्रांति की मदद से देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र की आगे की यात्रा को गति मिलेगी। अगले दशक में अदाणी समूह ऊर्जा संक्रमण क्षेत्र में 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा तथा अपनी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा के वैल्यू चेन का और विस्तार करेगा, जो पहले ही हरित ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक हर प्रमुख घटक के निर्माण तक फैली हुई है। क्रिसिल रेटिंग्स के एनुअल इंफ्रास्ट्रक्चर समिट में अपने कीनोट संबोधन में गौतम अदाणी ने कहा, हर देश की अपनी चुनौतियां हैं। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत का वास्तविक विकास अभी बाकी है। कई ट्रिलियन डॉलर के बाजार तैयार करने के लिए मंच पहले से मौजूद है। अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा कि ग्रीन इलेक्ट्रॉन की उपलब्धता किसी देश की आर्थिक प्रगति का मुख्य कारक होगी। गौतम अदाणी ने कहा, मेरी राय में, ग्रीन इलेक्ट्रॉन के लिए बाजार में विकास के लिए अभी कोई सीमा नहीं है। हम दुनिया के सबसे कम खर्चीले ग्रीन इलेक्ट्रॉन का उत्पादन करेंगे जो कई ऐसे क्षेत्रों के लिए फीडस्टॉक बन जाएगा, जिन्हें सस्टेनेबिलिटी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना है। ग्रीन इलेक्ट्रॉन गैर-उत्सर्जक ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित इलेक्ट्रॉन हैं - मुख्य रूप से पवन और सौर ऊर्जा से। इटली में हाल ही में संपन्न जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत पहला देश है जिसने सीओपी के तहत की गई सभी प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने विश्व नेताओं से कहा, हम 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमें मिलकर आने वाले समय को हरित युग बनाने का प्रयास करना चाहिए। गौतम अदाणी के अनुसार, अगली बड़ी क्रांति डाटा सेंटर होंगे, जो एआई क्लाउड के लिए घर की तरह हैं। उन्होंने कहा, एआई क्रांति के केंद्र में डाटा सेंटर है - एआई सिस्टम की कम्प्यूटेशन से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। एआई क्रांति मशीन लर्निंग एल्गोरिदम, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर विज़न, डीप लर्निंग और कई अन्य कार्यों पर निर्भर करती है। ये सभी डाटा को अभूतपूर्व गति और पैमाने पर प्रोसेस करने की क्षमता पर निर्भर करते हैं जो डाटा सेंटर द्वारा प्रदान की जाने वाली क्षमताएं हैं। हालांकि, इसके लिए भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो डाटा सेंटर व्यवसाय को दुनिया में सबसे बड़ा ऊर्जा-उपभोग करने वाला उद्योग बनाता है। अदाणी समूह के चेयरमैन ने जोर देकर कहा, तथ्य यह है कि ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और डिजिटल परिवर्तन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रौद्योगिकी क्षेत्र कीमती ग्रीन मोलेक्युल्स का सबसे बड़ा उपभोक्ता बन गया है। गौतम अदाणी ने कहा, हमारे पास पहले से ही डाटा सेंटर के लिए देश का सबसे बड़ा ऑर्डर है। अब हम गीगावाट-स्केल के एक और एआई डाटा सेंटर को लेकर चर्चा कर रहे हैं।(आईएएनएस)