आरक्षक को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 2 मई। कोंडागांव जिले के रक्षित क्रेंद्र में पदस्थ आरक्षक ने न सिर्फ बस्तर जिले का नाम रोशन किया बल्कि दिल्ली तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उनकी कठोर परिश्रम का नतीजा है कि आज उन्हें कला, साहित्य और लेखन के क्षेत्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई। इस उपाधि के साथ ही उनके परिवार के साथ ही पुलिस विभाग में पदस्थ सहयोगियों के द्वारा बधाई देने के लिए तांता लग गया, वहीं इस सफलता के लिए उनके द्वारा कड़ी परिश्रम करने की बात भी कही है। दलित कुर्रे को दिल्ली विश्व मानव अधिकार सुरक्षा आयोग द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। कला साहित्य एवं लेखन के साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में कोंडागांव जिले में आरक्षक के पद पर पदस्थ दलित कुर्रे के कार्यों को लेकर विश्व मानव अधिकार सुरक्षा आयोग दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देते दलित कुर्रे को डॉक्टर की उपाधि से नवाजा गया। अब दलित कुर्रे अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाएंगे। पुलिस अधीक्षक ने दी बधाई दलित कुर्रे के कोंडागांव पहुंचने पर मित्रगण, पुलिस विभाग ने हर्ष व्यक्त करते बधाई दी। दलित जब अपने पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार से मिलने पहुंचे तो उन्होंने गर्व महसूस करते बधाई एवं शुभकामनाएं देते दलित कुर्रे को सम्मानित करने की बात कही। कैसे की शुरुआत दलित कुर्रे ने बताया कि वे 20 से 25 वर्षों से कला, साहित्य के क्षेत्र में लिखने का काम कर रहे थे, सबसे पहले मध्यप्रदेश में हुए विश्व एड्स दिवस पर एक पत्रिका लिखे, जिसके लिए उन्हें भोपाल बुलाया गया और पत्रिका के लिए प्रमाण पत्र भी दिया गया, इसके अलावा मानव अधिकार पर लिखे पत्रिका के लिए उन्हें अपर कलेक्टर ने अच्छे लेखन के लिए फोन पर बधाई भी दी। लिख चुके हंै कई पुस्तकें दलित कुर्रे ने बताया कि आरक्षक पद पर उन्होंने वर्ष 2003-2004 में ज्वाइन किया था, लेकिन कला व साहित्य के क्षेत्र में 20 से 25 वर्षों का अनुभव है, पहली पुस्तक उगता हुआ सूरज लिखा, जिसकी कामयाबी के बाद भाग 2 भी लिखा गया, इसके अलावा मंजिल से शिखर तक भी लिख चुके हंै, इसके अलावा एक बुक अभी और लिखने की बात कही जा रही है, एक बुक को लिखने में करीब 3 से 4 माह लगने की बात कही गई है। ऑन लाइन व ऑफ लाइन पर मिलेंगी पुस्तकें दलित कुर्रे ने बताया कि फेसबुक पर उनकी कई पुस्तकें है, जिसमें सक्सेसफुल महामंत्र मोटिवेशन स्पीकर, बिजनेस टिप्स फैक्टर रियल्टी, आध्यत्मिक ज्ञान, प्राकृतिक रहस्यों के साथ सामंजस्य, कविता, शेर, शायरी, गजल आदि लिखा गया है।

आरक्षक को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 2 मई। कोंडागांव जिले के रक्षित क्रेंद्र में पदस्थ आरक्षक ने न सिर्फ बस्तर जिले का नाम रोशन किया बल्कि दिल्ली तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उनकी कठोर परिश्रम का नतीजा है कि आज उन्हें कला, साहित्य और लेखन के क्षेत्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई। इस उपाधि के साथ ही उनके परिवार के साथ ही पुलिस विभाग में पदस्थ सहयोगियों के द्वारा बधाई देने के लिए तांता लग गया, वहीं इस सफलता के लिए उनके द्वारा कड़ी परिश्रम करने की बात भी कही है। दलित कुर्रे को दिल्ली विश्व मानव अधिकार सुरक्षा आयोग द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। कला साहित्य एवं लेखन के साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में कोंडागांव जिले में आरक्षक के पद पर पदस्थ दलित कुर्रे के कार्यों को लेकर विश्व मानव अधिकार सुरक्षा आयोग दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देते दलित कुर्रे को डॉक्टर की उपाधि से नवाजा गया। अब दलित कुर्रे अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाएंगे। पुलिस अधीक्षक ने दी बधाई दलित कुर्रे के कोंडागांव पहुंचने पर मित्रगण, पुलिस विभाग ने हर्ष व्यक्त करते बधाई दी। दलित जब अपने पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार से मिलने पहुंचे तो उन्होंने गर्व महसूस करते बधाई एवं शुभकामनाएं देते दलित कुर्रे को सम्मानित करने की बात कही। कैसे की शुरुआत दलित कुर्रे ने बताया कि वे 20 से 25 वर्षों से कला, साहित्य के क्षेत्र में लिखने का काम कर रहे थे, सबसे पहले मध्यप्रदेश में हुए विश्व एड्स दिवस पर एक पत्रिका लिखे, जिसके लिए उन्हें भोपाल बुलाया गया और पत्रिका के लिए प्रमाण पत्र भी दिया गया, इसके अलावा मानव अधिकार पर लिखे पत्रिका के लिए उन्हें अपर कलेक्टर ने अच्छे लेखन के लिए फोन पर बधाई भी दी। लिख चुके हंै कई पुस्तकें दलित कुर्रे ने बताया कि आरक्षक पद पर उन्होंने वर्ष 2003-2004 में ज्वाइन किया था, लेकिन कला व साहित्य के क्षेत्र में 20 से 25 वर्षों का अनुभव है, पहली पुस्तक उगता हुआ सूरज लिखा, जिसकी कामयाबी के बाद भाग 2 भी लिखा गया, इसके अलावा मंजिल से शिखर तक भी लिख चुके हंै, इसके अलावा एक बुक अभी और लिखने की बात कही जा रही है, एक बुक को लिखने में करीब 3 से 4 माह लगने की बात कही गई है। ऑन लाइन व ऑफ लाइन पर मिलेंगी पुस्तकें दलित कुर्रे ने बताया कि फेसबुक पर उनकी कई पुस्तकें है, जिसमें सक्सेसफुल महामंत्र मोटिवेशन स्पीकर, बिजनेस टिप्स फैक्टर रियल्टी, आध्यत्मिक ज्ञान, प्राकृतिक रहस्यों के साथ सामंजस्य, कविता, शेर, शायरी, गजल आदि लिखा गया है।