पीड़ित को समय पर न्याय एवं कार्यवाही में पारदर्शिता लाने हेतु नये कानून का किया गया निर्माण ...

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पीड़ित को समय पर न्याय एवं कार्यवाही में पारदर्शिता लाने हेतु नये कानून का किया गया निर्माण ...

-पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि पूर्व के कानून दण्ड की प्रक्रिया पर आधारित है जिसे बदल कर अब न्याय की प्रक्रिया पर लागू किया जावेगा 

-मंगलवार को लवलीहुड कॉलेज सेक्टर 6 भिलाई एवं नगर पालिका निगम दुर्ग में भारतीय न्याय संहिता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
-01 जुलाई 2024 से अंग्रेजो के जमाने से चले आ रहे कानून को बदल कर भारतीय न्याय संहिता पूर्ण रूप से हो जाएगा लागू 
-पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित छात्र/छात्राओ को अपनी सर की सुरक्षा के लिए दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने समझाईस देते हुए अपील की गई
     दुर्ग। भारत सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशित तीन नवीन आपराधिक कानून 01 जूलाई 2024 को लागू होने के पूर्व दुर्ग पुलिस द्वारा विभिन्न कार्यक्रम एवं सोशल मीडिया/प्रेस/इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से आम नागरिको तक नये कानून के बारे में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत मंगलवार को रामगोपाल गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज, एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला के द्वारा  नगर पालिक निगम दुर्ग एवं लवलीहुड कॉलेज सेक्टर 6 भिलाई   के सभा गृह में एक दिवसीय नवीन भारतीय न्याय संहिता विषय पर कार्यशाला आयोजन किया गया।

पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज, रामगोपाल गर्ग द्वारा नया कानून के विषय पर बताया गया कि नया कानून पीडित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है इस कानून से पीडित के साथ पुलिस, अधिवक्ता एवं न्यायाधीश के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। वर्तमान में जो कानून लागू है जो सन् 1860 में बनाया गया था यह कानून अंग्रेजो के द्वारा अपनी सौहलियत के आधार पर बनाया गया था। नये कानून में महिला संबंधी अपराध की विवेचना महिला अधिकारी ही करेगी साथ संपत्ति जप्ती/सर्च/सीज की वीडियोंग्राफी करना अनिवार्य होगा इस कानून के लागू होने से अपराधियों में जल्द एवं निश्चित सजा होने के डर से वे अपराध करने से डरेगें, नये कानून में आप कही से भी ई मेल के माध्यम से एफआईआर करा सकते है परंतु 03 दिवस के भीतर आप को संबंधित थाना पहुंचकर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा।
       पुलिस अधीक्षक ने अपने उद्बोधन मे कॉलेज में तीन महीने की ट्रेनिंग लेकर पासआउट होेने वाले छात्र/छात्राओं का उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। तत्पश्चात् भारत सरकार द्वारा 01 जुलाई 2024 से लागू हो रहे तीन नये कानून के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार हमें समाज में बहुत से अधिकार दिये है वेसे ही हमारे कर्तव्य भी होते है जिसका पालन करना हमारी जिम्मेदारी है। हर इंसान को कानून के कुछ कुछ नियमों की जानकारी होनी चाहिए वर्तमान में भारत में अंग्रेजो के द्वारा बनाये गये कानून लागू है जिसमें आज की स्थिति को देखते हुए बहुत से अपराधों पर कोई कानून बनाया नहीं गया है जैसे स्नेचिंग जिसमें किसी का मोबाईल, चैन, पर्स छीन कर भाग जाना जिस पर नये कानून में जोडा गया है महिलाओं एवं बच्चो से संबंधित अपराधों में दण्ड की प्रक्रिया को और कठोर किया गया है पूर्व में किसी अपराध की एफआईआर होने पर पुलिस को 60 दिन, 90 दिनों में चालान पेश करना होता था जिस पर न्यायालय द्वारा न्याय के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। परंतु इस कानून में हर किसी के लिए पुलिस, वकील, न्यायालय एवं जो उससे संबंधित है सभी के लिए समय सीमा निर्धारित किया गया है और समय सीमा के अंदर ही पीडित को न्याय दिलाना नये कानून का उदद्ेश्य है। पुलिस अधीक्षक  द्वारा उपस्थित छात्र/छात्राओं को सडक दुर्घटनाओं में हो रही मृत्यु आकडो पर प्रकाश डालते हुए अपील की गई की दो पहिया वाहन चलाते समय अपने सर की सुरक्षा के लिए हेलमेट अवश्य लगायें। 
      कार्यशाला के दौरान  सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि नवीन भारतीय न्याय संहिता आम जनता को न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है जिससे आम जनता एवं पीडित को न्याय मिलने में विलंब न हो और इसके अंतर्गत पुलिस एवं न्यायालय के लिए भी समय निर्धारित किया गया है नये कानून के अंतर्गत महिलाओं एवं बच्चो से संबंधित अपराध के लिए अलग अलग क्लीरिफिकेशन करते है परिभाषा को एकजाई किया गया है जिसमें बच्चो की परिभाषा दी गई है कि बच्चा कौन है महिलाओं से संबंधित अपराधों में दण्ड का प्रावधान करते हुए महिलाओं से संबंधित अपराधो को कठोर बनाया गया है। किसी भी अपराध में गवाह का फोटो एवं वीडियोग्राफी की जायेगी जिसे न्यायालय मे मान्य होगा जिससे पीडित को न्याय मिलने में आसानी होगी।  
       अभिषेक झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने अपने उद्बोधन में नये कानून के विषय पर कहा गया कि पुलिस के साथ साथ समाज को भी नये कानून के संबंध में जानकारी होना आवश्यक है कानून जो समाज में लागू होगा हमारे दैनिक जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है पहले का कानून दण्ड के लिए था अब कानून का समाज के न्याय के लिए है।

कार्यशाला मे उपस्थिति डीपीओ अनुरेखा सिंह द्वारा बताया गया की वर्तमान में जो कानून प्रचलित है वह वर्ष 1857 मे अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह होने पर अंग्रेजों के पास कोई कानून न होने से वर्ष 1860 मैं आईपीसी बनाया गया जो की दंड के प्रधान से बनाया गया था, 1 जुलाई 2024 से जो कानून लागू होने वाला है उसमें कानून को कठोर बनाया गया है और पीड़ित के जल्द  न्याय के लिए बनाया गया है। अलगाबाद सांप्रदायिक अखंडता को परिभाषित करते हुए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है गर्भपात करने वाले के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है इस नए कानून में आतंकवादी को अलग से परिभाषित किया गया है।
     कार्यक्रम के अंत में एडीएम अरविंद इक्का द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारी, सामाजिक संगठन, पार्षद, अलग-अलग शासकीय विभाग से आए हुए अधिकारी कर्मचारी,प्रेस मीडिया सभी को कार्यक्रम में आने के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया   साथ ही इस नए कानून का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने बताया गया।
       नगर पालिका निगम दुर्ग में उपस्थित अरविंद एक्का, एडीएम, बंजरंग दुबे, अति.दण्डाधिकारी,  लोकेश चंद्राकर, कमिश्नर,  चिराग जैन, नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग, अनुरेखा सिंह,  लवकेश धु्रव, हरिवंश मिरी,  मुकेश रावटे, एसडीएम,  नीलकंठ वर्मा, रक्षित निरीक्षक, निरीक्षक अंबर भारद्वाज, समाजिक संगठन पार्षदगण, समाज कल्याण, तहसील, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, हास्टल अधीक्षक, डॉक्टर, एमएलसी, वन विभाग, उपस्थित रहे। 
       लवलीहुड कॉलेज में उपस्थित मनीष, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीएसएफ, सतीष ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक, यातायात, निरीक्षक राजकुमार लहरे, थाना प्रभारी भिलाई नगर, डायरेक्टर असपाक अहमद नासिर, लवलीवुड कॉलेज व शिक्षकगण एवं छात्र/ छात्राएं उपस्थित रहें।