सीवीआरयू में ग्रामीणों को विज्ञान के प्रति जागरूक करने विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता

रिन्यूएबल एनर्जी बैक बोन ऑफ़ द न्यू एरा विषय पर कार्यशाला का आयोजन बिलासपुर, 16 जून। डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद रायपुर एक साथ मिलकर विज्ञान एवं अनुसंधान, नवाचार, रिसर्च, पेटेंट की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस क्रम में डॉक्टर सी सी रमन विश्वविद्यालय में में स्थापित सीजी कॉस्ट सेंटर में विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता व एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अतिथि वक्ता ने विद्यार्थियों से रिन्यूएबल एनर्जी बैक बोन ऑफ़ द न्यू एरा विषय पर जानकारी साझा की। यह आयोजन डिपार्मेंट ऑफ फिजिक्स, सेंटर फॉर रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी एवं आइक्यूएसी के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय परिसर में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीजी कॉस्ट) विद्यार्थियों के साथ-साथ पूरे अंचल में स्कूलों महाविद्यालयों के अलावा आम जन में विज्ञान के प्रति रुचि और जागरूकता के लिए कार्य कर रहे हैं। इस क्रम में दिशा ग्राम में विद्यार्थियों को भ्रमण भी कराया गया। यहां सेंटर फॉर रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी और रमन सेंटर फॉर साइंस कम्युनिकेशन और सोलर पार्क भी बनाया गया है। रायपुर का छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद रिसर्च, नवाचार, प्रोजेक्ट के क्षेत्र में कार्य करता है। इसके अलावा पेटेंट और वर्कशॉप ,कॉन्फ्रेंस भी इसके माध्यम से किए जाते हैं। इस अवसर पर कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि ऐसे में हमारे विश्वविद्यालय में सीजी कास्ट के समन्वय प्रकोष्ठ की स्थापना से साइंस एंड टेक्नोलॉजी की दिशा में हो रहे कार्य में तेजी आई है। इसका सीधा लाभ हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिल रहा है। हमें यह जानने की जरूरत है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए एनर्जी का उपयोग कैसे किया जा सकता है। वनांचल में आदिवासियों के बीच साइंस के लिए काम करने की अनंत संभावनाएं हैं। कोटा अंचल में स्कूल और महाविद्यालय में भी दोनों मिलकर एक बहुत अच्छे और सकारात्मक वातावरण में काम करेंगे। इस अवसर पर अकादमिक अधिष्ठाता डॉ अरविंद तिवारी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से साइंस के इनोवेशन को बल मिलेगा यह सेल रिसर्च विच अरे इनोवेशन को सहयोग कर रहा है. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हरदी बाजार महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉक्टर के के दुबे ने विद्यार्थियों को तकनीकी जानकारी दी। विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक मॉडल रखे, जिसे सभी ने सराहा। कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ राजीव पीटर्स ने किया। समन्वयक के रूप में डॉ रत्नेश तिवारी और उप समन्वयक डॉ राजीव पीटर्स थे।

सीवीआरयू में ग्रामीणों को विज्ञान के प्रति जागरूक करने विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता
रिन्यूएबल एनर्जी बैक बोन ऑफ़ द न्यू एरा विषय पर कार्यशाला का आयोजन बिलासपुर, 16 जून। डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद रायपुर एक साथ मिलकर विज्ञान एवं अनुसंधान, नवाचार, रिसर्च, पेटेंट की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस क्रम में डॉक्टर सी सी रमन विश्वविद्यालय में में स्थापित सीजी कॉस्ट सेंटर में विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता व एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अतिथि वक्ता ने विद्यार्थियों से रिन्यूएबल एनर्जी बैक बोन ऑफ़ द न्यू एरा विषय पर जानकारी साझा की। यह आयोजन डिपार्मेंट ऑफ फिजिक्स, सेंटर फॉर रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी एवं आइक्यूएसी के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय परिसर में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीजी कॉस्ट) विद्यार्थियों के साथ-साथ पूरे अंचल में स्कूलों महाविद्यालयों के अलावा आम जन में विज्ञान के प्रति रुचि और जागरूकता के लिए कार्य कर रहे हैं। इस क्रम में दिशा ग्राम में विद्यार्थियों को भ्रमण भी कराया गया। यहां सेंटर फॉर रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी और रमन सेंटर फॉर साइंस कम्युनिकेशन और सोलर पार्क भी बनाया गया है। रायपुर का छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद रिसर्च, नवाचार, प्रोजेक्ट के क्षेत्र में कार्य करता है। इसके अलावा पेटेंट और वर्कशॉप ,कॉन्फ्रेंस भी इसके माध्यम से किए जाते हैं। इस अवसर पर कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि ऐसे में हमारे विश्वविद्यालय में सीजी कास्ट के समन्वय प्रकोष्ठ की स्थापना से साइंस एंड टेक्नोलॉजी की दिशा में हो रहे कार्य में तेजी आई है। इसका सीधा लाभ हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिल रहा है। हमें यह जानने की जरूरत है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए एनर्जी का उपयोग कैसे किया जा सकता है। वनांचल में आदिवासियों के बीच साइंस के लिए काम करने की अनंत संभावनाएं हैं। कोटा अंचल में स्कूल और महाविद्यालय में भी दोनों मिलकर एक बहुत अच्छे और सकारात्मक वातावरण में काम करेंगे। इस अवसर पर अकादमिक अधिष्ठाता डॉ अरविंद तिवारी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से साइंस के इनोवेशन को बल मिलेगा यह सेल रिसर्च विच अरे इनोवेशन को सहयोग कर रहा है. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हरदी बाजार महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉक्टर के के दुबे ने विद्यार्थियों को तकनीकी जानकारी दी। विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक मॉडल रखे, जिसे सभी ने सराहा। कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ राजीव पीटर्स ने किया। समन्वयक के रूप में डॉ रत्नेश तिवारी और उप समन्वयक डॉ राजीव पीटर्स थे।