वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को आश्रय देने में उपयोग आ सकने वाली गुफा की पुष्टि की

केप कैनावेरल (अमेरिका), 15 जुलाई। वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक गुफा होने की पुष्टि की है, जो उस स्थान से ज्यादा दूर नहीं है जहां 55 वर्ष पहले नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन उतरे थे। वैज्ञानिकों के अनुसार, वहां सैकड़ों और गुफाएं हो सकती हैं जिनमें भविष्य में अंतरिक्ष यात्री आश्रय ले सकते हैं। इतालवी वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक टीम ने सोमवार को बताया कि चंद्रमा पर एक बड़ी गुफा होने के सबूत मिले हैं। यह अपोलो 11 के लैंडिंग स्थल से महज 250 मील (400 किलोमीटर) दूर सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी में स्थित है। यह गड्ढा, वहां खोजे गए 200 से अधिक अन्य गड्ढों की तरह, एक लावा ट्यूब के ढहने से बना था। शोधार्थियों ने नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर द्वारा रडार मापों का विश्लेषण किया और पृथ्वी पर लावा ट्यूबों के साथ परिणामों की तुलना की। उनके निष्कर्ष नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।(एपी)

वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को आश्रय देने में उपयोग आ सकने वाली गुफा की पुष्टि की
केप कैनावेरल (अमेरिका), 15 जुलाई। वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक गुफा होने की पुष्टि की है, जो उस स्थान से ज्यादा दूर नहीं है जहां 55 वर्ष पहले नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन उतरे थे। वैज्ञानिकों के अनुसार, वहां सैकड़ों और गुफाएं हो सकती हैं जिनमें भविष्य में अंतरिक्ष यात्री आश्रय ले सकते हैं। इतालवी वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक टीम ने सोमवार को बताया कि चंद्रमा पर एक बड़ी गुफा होने के सबूत मिले हैं। यह अपोलो 11 के लैंडिंग स्थल से महज 250 मील (400 किलोमीटर) दूर सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी में स्थित है। यह गड्ढा, वहां खोजे गए 200 से अधिक अन्य गड्ढों की तरह, एक लावा ट्यूब के ढहने से बना था। शोधार्थियों ने नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर द्वारा रडार मापों का विश्लेषण किया और पृथ्वी पर लावा ट्यूबों के साथ परिणामों की तुलना की। उनके निष्कर्ष नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।(एपी)