फैशन क्षेत्र में करियर की अब पहले से कहीं ज्यादा विस्तृत संभावनाएं-चांसलर अग्रवाल

आंजनेय यूनिवर्सिटी में फैशन नाउ एंड हाउ रायपुर, 6 सितंबर। आंजनेय यूनिवर्सिटी ने बताया कि फैशन की दुनिया में बदलाव की बयार बह रही है। आज के समय में, अवसरों की कमी नहीं है, लेकिन इनका सही उपयोग करने के लिए सटीक कदम उठाना आवश्यक है, ये बातें आंजनेय यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय वर्कशॉप फैशन नाउ एंड हाउ की शुरुआत के दौरान मुंबई से शामिल हुए डिज़ाइनर और इंटरप्रेन्योर मासूमी मेवावाला ने कही। यूनिवर्सिटी ने बताया कि अब फैशन सिर्फ डिज़ाइन की कला नहीं है; यह एक सम्पूर्ण प्रक्रिया है जो निर्माण से लेकर बिक्री तक के हर पहलू को शामिल करती है। आजकल, स्ट्रीट स्टाइल और सोशल मीडिया फैशन की दुनिया को नई दिशा दे रहे हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया के प्रभाव के चलते, युवा वर्ग अब अपनी खुद की स्टाइल स्टेटमेंट बनाने में जुटे हैं। इसी के साथ, फास्ट फैशन और स्लो फैशन के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण हो गया है। फास्ट फैशन ट्रेंड्स को जल्दी अपनाता है, जबकि स्लो फैशन स्थायित्व और गुणवत्ता पर जोर देता है। यूनिवर्सिटी ने बताया कि एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (्रढ्ढ) भी फैशन इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ्रढ्ढ के ज़रिए डिजाइनिंग, ट्रेंड एनालिसिस और कस्टमर प्रेफरेंसेस को समझना अब और भी आसान हो गया है, जिससे फैशन इंडस्ट्री को नई ऊचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। यूनिवर्सिटी के चांसलर अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि ब्रांडिंग भी फैशन की दुनिया में एक अहम भूमिका निभाती है। एक मजबूत ब्रांड इमेज और पहचान बनाना, न केवल ग्राहकों को आकर्षित करता है, बल्कि मार्केट में प्रतिस्पर्धा में भी महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करता है। फैशन में करियर की संभावनाएं अब पहले से कहीं ज्यादा विस्तृत है।

फैशन क्षेत्र में करियर की अब पहले से कहीं ज्यादा विस्तृत संभावनाएं-चांसलर अग्रवाल
आंजनेय यूनिवर्सिटी में फैशन नाउ एंड हाउ रायपुर, 6 सितंबर। आंजनेय यूनिवर्सिटी ने बताया कि फैशन की दुनिया में बदलाव की बयार बह रही है। आज के समय में, अवसरों की कमी नहीं है, लेकिन इनका सही उपयोग करने के लिए सटीक कदम उठाना आवश्यक है, ये बातें आंजनेय यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय वर्कशॉप फैशन नाउ एंड हाउ की शुरुआत के दौरान मुंबई से शामिल हुए डिज़ाइनर और इंटरप्रेन्योर मासूमी मेवावाला ने कही। यूनिवर्सिटी ने बताया कि अब फैशन सिर्फ डिज़ाइन की कला नहीं है; यह एक सम्पूर्ण प्रक्रिया है जो निर्माण से लेकर बिक्री तक के हर पहलू को शामिल करती है। आजकल, स्ट्रीट स्टाइल और सोशल मीडिया फैशन की दुनिया को नई दिशा दे रहे हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया के प्रभाव के चलते, युवा वर्ग अब अपनी खुद की स्टाइल स्टेटमेंट बनाने में जुटे हैं। इसी के साथ, फास्ट फैशन और स्लो फैशन के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण हो गया है। फास्ट फैशन ट्रेंड्स को जल्दी अपनाता है, जबकि स्लो फैशन स्थायित्व और गुणवत्ता पर जोर देता है। यूनिवर्सिटी ने बताया कि एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (्रढ्ढ) भी फैशन इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ्रढ्ढ के ज़रिए डिजाइनिंग, ट्रेंड एनालिसिस और कस्टमर प्रेफरेंसेस को समझना अब और भी आसान हो गया है, जिससे फैशन इंडस्ट्री को नई ऊचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। यूनिवर्सिटी के चांसलर अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि ब्रांडिंग भी फैशन की दुनिया में एक अहम भूमिका निभाती है। एक मजबूत ब्रांड इमेज और पहचान बनाना, न केवल ग्राहकों को आकर्षित करता है, बल्कि मार्केट में प्रतिस्पर्धा में भी महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करता है। फैशन में करियर की संभावनाएं अब पहले से कहीं ज्यादा विस्तृत है।