सतरुपा शीतला मंदिर में नवरात्र पर जलेंगे आस्था के ज्योत

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सतरुपा शीतला मंदिर में नवरात्र पर जलेंगे आस्था के ज्योत

सात रुपों में विराजमान मां शीतला का छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एकलौता मंदिर, जलकुंड के पानी सेवन से असाध्य रोगों से मिलती है मुक्ति

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में सात रुपों में विराजमान मां शीतला के सिविल लाईन कसारीडीह दुर्ग स्थित एकलौते एवं प्राचीन सतरुपा शीतला मंदिर में चैत्र नवरात्रि की भव्य तैयारियां अंतिम चरण पर है। यहां सतरुपा शीतला सेवा समिति द्वारा नवरात्रि पर 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक पूरे नौ दिन मां शीतला के पूजा-अर्चना के साथ जस गायन, जस झांकी, जगराता व अन्य धार्मिक आयोजन किए गए है। इस वर्ष मंदिर में15 सौ की संख्या में मनोकामना ज्योत कलश प्रज्जवलन की तैयारी है। मंदिर में विशेष विद्युत साज-सज्जा की जा रही है। विद्युत साज-सज्जा प्रतिवर्ष आकर्षण का केन्द्र बनता है। यह प्राचीन सतरुपा शीतला मंदिर छत्तीसगढ़ का एकलौता मंदिर है, जहां मां शीतला सात रुपों में विराजमान है।

मंदिर में सात रुपों में विराजमान मां शीतला के दरबार के सामने एक स्वयंभू छोटा सा जलकुंड है। जिसका जल कभी सूखता नहीं है। धार्मिक मान्यता है कि जलकुंड के पानी  सेवन और शरीर में लगाने से असाध्य से असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है और परिवार में सुख समृद्धि आती है। मंदिर के प्रति प्राचीनकाल से श्रद्धालुओं की श्रद्धा व आस्था प्रगाढ़ है। फलस्वरुप यहां नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ से मेला जैसा माहौल निर्मित होता है। उक्ताशय की जानकारी देते हुए सतरुपा शीतला सेवा समिति के अध्यक्ष रोमनाथ साहू ने बताया कि मंदिर में नवरात्रि पर 8 अप्रैल को प्रात: 10 बजे बिरही पूजन की जाएगी। 9 अप्रैल को प्रात: 7 बजे वेदी पूजा व शुभ मुर्हुत पर प्रात: 11.36 बजे ज्योत प्रज्जवलित किया जाएगा। इसी प्रकार 11 अप्रैल को अजय उपकार के निर्देशन में जस झांकी सेवा मंडली पोटियाकला दुर्ग द्वारा जस झांकी, 12 अप्रैल को सर्वसिद्धि जगराता मंडली दुर्ग द्वारा जगराता, 13 अप्रैल को श्री शीतला जस झांकी परिवार ग्राम कुनीकसा खैरागढ़ द्वारा जस झांकी, 14 अप्रैल को सुरधारा म्युजिकल ग्रुप दुर्ग द्वारा भक्ति गीत, 15 अप्रैल को अजय बाल समाज बघवा सरकार मंडली ग्राम सिरसाखुर्द द्वारा जस झांकी की प्रस्तुति दी जाएगी।

यह सभी धार्मिक आयोजन रात्रि 8 बजे से प्रारंभ होंगे। श्री साहू ने बताया कि अष्टमी पर 16 अप्रैल को संध्या 4 बजे से अष्टमी हवन पूजन किया जाएगा। तत्पश्चात संध्या 6.30 बजे कन्या भोज करवाया जाएगा। 17 अप्रैल को रामनवमीं पर प्रात: 10 बजे श्री राम पूजन और संध्या 4 बजे ज्योत कलश विसर्जन शोभायात्रा निकाली जाएगी। सतरुपा शीतला सेवा समिति के अध्यक्ष रोमनाथ साहू ने बताया कि 9 दिन के धार्मिक आयोजन के सुव्यवस्थित संचालन के लिए पदाधिकारी व सदस्यों को कार्यो का विभाजन कर दिया गया है। आयोजन की तैयारियों में सतरुपा शीतला सेवा समिति के अध्यक्ष रोमनाथ साहू, उपाध्यक्ष शिवसागर सिन्हा, सचिव प्रदीप देशमुख, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र धर्माकर, संयुक्त सचिव चम्पा साहू, प्रबंधकारिणी सदस्य तामेश्वर यादव, पुष्पा श्रीवास के अलावा अन्य सदस्य जुटे हुए है।