प्रकृति की रक्षा और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म & कौशिल्या साय

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प्रकृति की रक्षा और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म & कौशिल्या साय

दुर्ग। कबीर नगर उरला में 626वीं सतगुरु कबीर स्मृति महोत्सव आयोजित हुआ। कार्यक्रम में श्रीमति कौशिल्या देवी साय धर्मपत्नी श्री विष्णुदेव साय शामिल हुई और हिंदुत्व और गुरुत्व पर उपस्थितजनों को सम्बोधित किये। कबीर पंथ के संतो ने सद्गुरु कबीर साहेब जी विचार, सामाजिक उत्थान और मानवता के लिए कार्य को बताते हुए कहा की विभिन्न प्रकार के समस्याओं का हल कबीर की वाणी में है। 

कबीर स्मृति महोत्सव में पहुंची श्रीमति कौशिल्या देवी साय ने कहा की प्रकृति की रक्षा और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना दूसरे के दुःख में मदद करना भी धर्म का काम है। बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद से ही सफलता मिलती है। हमारे कर्म और व्यवहार से ही हमें समाज में स्थान मिलता है। संत समागम का यह कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है, सद्गुरु कबीर जी ने समाज में ऊंच नीच का भेदभाव मिटाया और सामाजिक समरसता को लेकर किये कार्य आज भी प्रासंगिक है। 
         विधायक गजेंद्र यादव ने कहा की सनातन ही सबसे बड़ा धर्म है। अपने धर्म पर गर्व करते धर्म की रक्षा के लिए आगे आने कहा। कबीर साहेब ने अपने विचारों से शांति के लिए भटक रहे लोगों को जोड़कर धर्म की राह पर लाये। इसके पूर्व आचार्य पंथ श्री मंगल साहेब और आश्रम के संस्थापक पूर्णनेंद्र दास जी ने कहा की कबीर के विचारों को बताते हुए कहा की वेद पढ़ने आए या ना आए वेदना पढ़ना जरूर आना चाहिए। बिना गुरु के जीवन में सफलता नहीं मिलती। सभी धर्म के महापुरुषों ने भी बताया है कबीर साहेब की वाणी में विभिन्न समस्याओं का हल है। इस दौरान महापौर धीरज बाकलीवाल, पार्षद बृजलाल पटेल, कुलेश्वर साहू, कांशीराम कोसरे, शिवेंद्र परिहार, पूर्व पार्षद लीलाधर पाल, अभिषेक उपस्थित रहे।