मेक्सिको : चुनाव के नतीजों का इंतजार, पहली महिला राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना
मेक्सिको : चुनाव के नतीजों का इंतजार, पहली महिला राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना
मेक्सिको सिटी, 3 जून। मेक्सिको में रविवार को संपन्न हुए मतदान में देश में पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित होने की पूरी संभावना है हालांकि मतदान वाले दिन भी हिंसा, गर्मी और ध्रुवीकरण चरम पर रहा।
पश्चिमी राज्य मिकोआकैन के कुइत्जियो शहर में काउंसिल के एक उम्मीदवार को गोली मारे जाने के बावजूद लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए घरों से बाहर निकले। मतदान से महज कुछ घंटों पहले एक मोटरसाइकिल पर सवार दो बदमाशों ने उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
देशभर में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुए लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अगर मेक्सिकी सिटी की पूर्व मेयर क्लाउडिया शिनबाम चुनाव में जीत हासिल करती हैं तब भी वह निवर्तमान राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर जैसा रुतबा नहीं प्राप्त कर सकेंगी। दोनों ही नेता सत्तारूढ़ मोरेना पार्टी से ताल्लुक रखते हैं।
पूर्व सांसद और मुख्य विपक्षी उम्मीदवार जोचिटल गाल्वेज ने सुरक्षा को लेकर चिंताओं पर मेक्सिको की जनता को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया और उन्होंने वादा किया कि वह संगठित अपराध के प्रति आक्रमक रुख अख्तियार करेंगी।
मेक्सिको में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए करीब 10 करोड़ लोग मतदान करने के लिए पंजीकृत थे। मतदाता देश के 32 में से नौ राज्यों के गवर्नर और संसद के दोनों सदनों, हजारों मेयर और सैकड़ों अन्य पदों पर उम्मीदवारों के चुनाव के लिए मतदान कर रहे हैं। देश में इस चुनाव को अब तक के सबसे बड़े चुनाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें हिंसा भी हुई है।
इस चुनाव को व्यापक रूप से लोपेज ओब्रेडोर पर जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है। ओब्रेडोर एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं जिन्होंने सामाजिक कार्यक्रमों में विस्तार किया लेकिन मेक्सिको में हिंसा को कम करने में काफी हद तक विफल रहे हैं।
ओब्रेडोर की मोरेना पार्टी के वर्तमान में 23 गवर्नर और पार्टी को कांग्रेस के दोनों सदनों में बहुमत प्राप्त है। मेक्सिको का संविधान राष्ट्रपति के पुनर्निर्वाचन को प्रतिबंधित करता है।
राष्ट्रपति पद के प्रमुख उम्मीदवार में दो महिलाओं के बीच कांटे की टक्कर है और जीत किसी भी की हो इस चुनाव में मेक्सिको को पहली महिला राष्ट्रपति मिलने जा रही है। वहीं तीसरे उम्मीदवार के रूप में जॉर्ज अल्वारेज मायनेज चुनाव मैदान में हैं, जो चुनाव में बहुत पीछे नजर आ रहे हैं।(एपी)
मेक्सिको सिटी, 3 जून। मेक्सिको में रविवार को संपन्न हुए मतदान में देश में पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित होने की पूरी संभावना है हालांकि मतदान वाले दिन भी हिंसा, गर्मी और ध्रुवीकरण चरम पर रहा।
पश्चिमी राज्य मिकोआकैन के कुइत्जियो शहर में काउंसिल के एक उम्मीदवार को गोली मारे जाने के बावजूद लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए घरों से बाहर निकले। मतदान से महज कुछ घंटों पहले एक मोटरसाइकिल पर सवार दो बदमाशों ने उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
देशभर में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुए लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अगर मेक्सिकी सिटी की पूर्व मेयर क्लाउडिया शिनबाम चुनाव में जीत हासिल करती हैं तब भी वह निवर्तमान राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर जैसा रुतबा नहीं प्राप्त कर सकेंगी। दोनों ही नेता सत्तारूढ़ मोरेना पार्टी से ताल्लुक रखते हैं।
पूर्व सांसद और मुख्य विपक्षी उम्मीदवार जोचिटल गाल्वेज ने सुरक्षा को लेकर चिंताओं पर मेक्सिको की जनता को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया और उन्होंने वादा किया कि वह संगठित अपराध के प्रति आक्रमक रुख अख्तियार करेंगी।
मेक्सिको में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए करीब 10 करोड़ लोग मतदान करने के लिए पंजीकृत थे। मतदाता देश के 32 में से नौ राज्यों के गवर्नर और संसद के दोनों सदनों, हजारों मेयर और सैकड़ों अन्य पदों पर उम्मीदवारों के चुनाव के लिए मतदान कर रहे हैं। देश में इस चुनाव को अब तक के सबसे बड़े चुनाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें हिंसा भी हुई है।
इस चुनाव को व्यापक रूप से लोपेज ओब्रेडोर पर जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है। ओब्रेडोर एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं जिन्होंने सामाजिक कार्यक्रमों में विस्तार किया लेकिन मेक्सिको में हिंसा को कम करने में काफी हद तक विफल रहे हैं।
ओब्रेडोर की मोरेना पार्टी के वर्तमान में 23 गवर्नर और पार्टी को कांग्रेस के दोनों सदनों में बहुमत प्राप्त है। मेक्सिको का संविधान राष्ट्रपति के पुनर्निर्वाचन को प्रतिबंधित करता है।
राष्ट्रपति पद के प्रमुख उम्मीदवार में दो महिलाओं के बीच कांटे की टक्कर है और जीत किसी भी की हो इस चुनाव में मेक्सिको को पहली महिला राष्ट्रपति मिलने जा रही है। वहीं तीसरे उम्मीदवार के रूप में जॉर्ज अल्वारेज मायनेज चुनाव मैदान में हैं, जो चुनाव में बहुत पीछे नजर आ रहे हैं।(एपी)