आग लगने का मामला: राजकोट गेम जोन के छह साझेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, दो गिरफ्तार

राजकोट, 26 मई। गुजरात के राजकोट शहर में गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके छह साझेदारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने संवाददाताओं को बताया कि स्थानीय पुलिस ने नवंबर 2023 में गेमिंग जोन के लिए बुकिंग लाइसेंस दिया था, जिसे एक जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि के लिए नवीनीकृत किया गया था। अधिकारी ने कहा, गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। इसने अग्निशमन संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था। इस पर काम प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि गेम जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे लेकिन आग पर काबू पाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी, जिससे शनिवार को त्रासदी हुई। अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि नाना मावा इलाके में टीआरपी गेम ज़ोन में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य झुलस गए। उन्होंने कहा कि घटना के समय लोग वहां गर्मी की छुट्टियों का आनंद लेने के लिए एकत्र हुए थे। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन का उपयोग करके लगभग दो-तीन मंजिला ऊंचा, 50 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा ढांचा बना रखा था। इसमें कहा गया कि संचालकों के पास उचित अग्निशमन उपकरण नहीं थे और उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ले रखा था। राजकोट के पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने कहा कि टीआरपी गेम ज़ोन का संचालन करने वाले रेसवे एंटरप्राइज के एक साझेदार युवराज सिंह सोलंकी और इसके प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्राथमिकी के अनुसार, राजकोट तालुका पुलिस ने रविवार को जिन छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, उनमें धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, रेसवे एंटरप्राइज के साझेदार- अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरन, युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ शामिल हैं। इसमें कहा गया कि मामला छह ज्ञात व्यक्तियों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए हैं। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (ऐसे कृत्य से चोट पहुंचाना जो दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य करके उसे गंभीर चोट पहुँचाना) और धारा 114 (अपराध होने पर किसी व्यक्ति की मौजूदगी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। गोहिल ने कहा कि जांच के दौरान गेम जोन के प्रबंधक नितिन जैन का नाम सामने आया। भार्गव ने कहा कि चारों फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए अपराध शाखा की चार अलग-अलग टीम गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा और संयुक्त अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी के नेतृत्व में राजकोट पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंप दी गई है। विशेष रूप से, गुजरात सरकार ने घटना की जांच के लिए राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया है। भार्गव ने कहा, हमारा पूरा प्रयास जल्द से जल्द जांच पूरी करने और आरोपपत्र दाखिल करना होगा। इसके लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक टीम गांधीनगर से यहां पहुंच गई है तथा अन्य सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी...हमने राज्य सरकार से एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने के लिए भी कहा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार सुबह घटनास्थल और घायल व्यक्तियों से मिलने के लिए अस्पताल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और प्रत्येक घायल को पचास-पचास हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।(भाषा)

आग लगने का मामला: राजकोट गेम जोन के छह साझेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, दो गिरफ्तार
राजकोट, 26 मई। गुजरात के राजकोट शहर में गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके छह साझेदारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने संवाददाताओं को बताया कि स्थानीय पुलिस ने नवंबर 2023 में गेमिंग जोन के लिए बुकिंग लाइसेंस दिया था, जिसे एक जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि के लिए नवीनीकृत किया गया था। अधिकारी ने कहा, गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। इसने अग्निशमन संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था। इस पर काम प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि गेम जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे लेकिन आग पर काबू पाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी, जिससे शनिवार को त्रासदी हुई। अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि नाना मावा इलाके में टीआरपी गेम ज़ोन में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य झुलस गए। उन्होंने कहा कि घटना के समय लोग वहां गर्मी की छुट्टियों का आनंद लेने के लिए एकत्र हुए थे। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन का उपयोग करके लगभग दो-तीन मंजिला ऊंचा, 50 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा ढांचा बना रखा था। इसमें कहा गया कि संचालकों के पास उचित अग्निशमन उपकरण नहीं थे और उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ले रखा था। राजकोट के पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने कहा कि टीआरपी गेम ज़ोन का संचालन करने वाले रेसवे एंटरप्राइज के एक साझेदार युवराज सिंह सोलंकी और इसके प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्राथमिकी के अनुसार, राजकोट तालुका पुलिस ने रविवार को जिन छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, उनमें धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, रेसवे एंटरप्राइज के साझेदार- अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरन, युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ शामिल हैं। इसमें कहा गया कि मामला छह ज्ञात व्यक्तियों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए हैं। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (ऐसे कृत्य से चोट पहुंचाना जो दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य करके उसे गंभीर चोट पहुँचाना) और धारा 114 (अपराध होने पर किसी व्यक्ति की मौजूदगी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। गोहिल ने कहा कि जांच के दौरान गेम जोन के प्रबंधक नितिन जैन का नाम सामने आया। भार्गव ने कहा कि चारों फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए अपराध शाखा की चार अलग-अलग टीम गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा और संयुक्त अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी के नेतृत्व में राजकोट पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंप दी गई है। विशेष रूप से, गुजरात सरकार ने घटना की जांच के लिए राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया है। भार्गव ने कहा, हमारा पूरा प्रयास जल्द से जल्द जांच पूरी करने और आरोपपत्र दाखिल करना होगा। इसके लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक टीम गांधीनगर से यहां पहुंच गई है तथा अन्य सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी...हमने राज्य सरकार से एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने के लिए भी कहा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार सुबह घटनास्थल और घायल व्यक्तियों से मिलने के लिए अस्पताल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और प्रत्येक घायल को पचास-पचास हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।(भाषा)