अर्थव्यवस्था में तेजी का असर, दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंचा भारत का एनबीएफसी सेक्टर

नई दिल्ली, 18 जून । भारत का नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल (एनबीएफसी) सेक्टर अब दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। फिलहाल यूएस और यूके का एनबीएफसी क्षेत्र क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर है। एसबीआई की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एनबीएफसी केवल लोगों को लोन देने का कार्य करती है। इनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता है। इस कारण ये जनता से जमा स्वीकार नहीं कर सकते। किसी भी देश के आर्थिक विकास में इनकी अहम भूमिका होती है। बता दें, वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही है, जो कि दुनिया में सबसे तेज है। फाइनेंसियल सेक्टर के विकास पर एसबीआई की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक दशक में भारतीय बैंकिंग सिस्टम में लचीलापन देखने को मिला है। इस दौरान बैंकिंग सिस्टम को कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हालातों का सामना करना पड़ा। एसेट्स क्वालिटी में सुधार और मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण भारत का बैंकिंग सिस्टम अच्छी स्थिति में है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत सरकार और रेगुलेटरी इकाइयों ने एक लेवल प्लेइंग फील्ड क्रिएट किया है। इसमें विलय के जरिए मजबूत बैंक बनाना, वित्तीय सेवाओं की पहुंच एवं गुणवत्ता बढ़ाना और डिजिटल बैंकिंग व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है। महामारी के दौरान भी सरकार ने पूंजी और लिक्विडिटी बफर के जरिए वित्तीय सेक्टर की स्थिरता को बनाए रखा। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि डिजिटल बैंकिंग की तरफ जोर दिए जाने के कारण सेक्टर की वृद्धि दर में इजाफा हुआ है। डिजिटल प्लेटफॉर्म आने के साथ वित्तीय सेवाओं को पहुंचाने में मदद मिली है। सरकार और नियामकों ने ग्राहकों की सुरक्षा पर ध्यान दिया है और डिजिटल बदलाव के इस दौर में नागरिकों के हितों की रक्षा की गई है। -(आईएएनएस)

अर्थव्यवस्था में तेजी का असर, दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंचा भारत का एनबीएफसी सेक्टर
नई दिल्ली, 18 जून । भारत का नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल (एनबीएफसी) सेक्टर अब दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। फिलहाल यूएस और यूके का एनबीएफसी क्षेत्र क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर है। एसबीआई की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एनबीएफसी केवल लोगों को लोन देने का कार्य करती है। इनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता है। इस कारण ये जनता से जमा स्वीकार नहीं कर सकते। किसी भी देश के आर्थिक विकास में इनकी अहम भूमिका होती है। बता दें, वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही है, जो कि दुनिया में सबसे तेज है। फाइनेंसियल सेक्टर के विकास पर एसबीआई की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक दशक में भारतीय बैंकिंग सिस्टम में लचीलापन देखने को मिला है। इस दौरान बैंकिंग सिस्टम को कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हालातों का सामना करना पड़ा। एसेट्स क्वालिटी में सुधार और मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण भारत का बैंकिंग सिस्टम अच्छी स्थिति में है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत सरकार और रेगुलेटरी इकाइयों ने एक लेवल प्लेइंग फील्ड क्रिएट किया है। इसमें विलय के जरिए मजबूत बैंक बनाना, वित्तीय सेवाओं की पहुंच एवं गुणवत्ता बढ़ाना और डिजिटल बैंकिंग व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है। महामारी के दौरान भी सरकार ने पूंजी और लिक्विडिटी बफर के जरिए वित्तीय सेक्टर की स्थिरता को बनाए रखा। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि डिजिटल बैंकिंग की तरफ जोर दिए जाने के कारण सेक्टर की वृद्धि दर में इजाफा हुआ है। डिजिटल प्लेटफॉर्म आने के साथ वित्तीय सेवाओं को पहुंचाने में मदद मिली है। सरकार और नियामकों ने ग्राहकों की सुरक्षा पर ध्यान दिया है और डिजिटल बदलाव के इस दौर में नागरिकों के हितों की रक्षा की गई है। -(आईएएनएस)