MP कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा आज:इंदौर में बैरिकेडिंग लगाकर रोकी, ट्रैक्टर रैली निकालकर कलेक्टर ऑफिस घेरेंगे

प्रदेश कांग्रेस प्रदेशभर में गुरुवार को किसान न्याय यात्रा निकाल रही है। इंदौर के तेजाजी नगर में यात्रा को बैरिकेडिंग लगाकर रोका गया है। इस पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि यह सरकार की हठधर्मिता है। कांग्रेस की मांग है कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6 हजार रुपए, गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल, धान की एमएसपी 3100 तय कराने समेत किसानों से जुड़ी कई मांगें शामिल हैं। कांग्रेस नेता किसानों के साथ ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। जिलों में कलेक्टर कार्यालयों का घेराव किया जाएगा। छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ यात्रा में शामिल होंगे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह और जीतू पटवारी इंदौर में रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार आलीराजपुर में इस यात्रा में शामिल होंगे। रातीबड़ में जुटेंगे भोपाल जिले के किसान भोपाल जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में आयोजित किसान न्याय यात्रा में शामिल होने रातीबड़ में जिले भर के किसान ट्रैक्टर से पहुंचेंगे। भोपाल की यात्रा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। रातीबड़ से किसान ट्रैक्टर रैली के रुप में नीलबड़ होते हुए डिपो चौराहे पहुंचेंगे। यहां से कलेक्ट्रेट की ओर जाएंगे। हालांकि, प्रशासन ने कांग्रेसियों को कलेक्ट्रेट तक पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कराई है। पटवारी बोले- लागत से भी कम मिल रहे हैं सोयाबीन के दाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- मध्यप्रदेश में सोयाबीन का भाव लगभग 4000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है। जबकि उसका समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो कि पहले ही बहुत कम है। मोदी सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य तय करते वक्त इसका लागत मूल्य 3261 रुपए निर्धारित किया है। जबकि मध्यप्रदेश ने लागत और मूल्य आयोग को पहले ही सूचित किया था कि मध्यप्रदेश में सोयाबीन की उत्पादन लागत 4455 रुपए प्रति क्विंटल आती है, वहीं महाराष्ट्र में यह लागत 6039 रुपए प्रति क्विंटल बतायी थी। लागत और मूल्य आयोग ने खुद अपनी 2024-25 की खरीफ की रिपोर्ट में बताया है कि भारत में औसत सोयाबीन का कास्ट ऑफ प्रोडक्शन (ए 2 $ एफएल) 4853 रुपए वर्ष 2022-23 के लिए मूल्यांकित किया गया था। समर्थन मूल्य तय करने वाला आयोग खुद कहता है कि लागत निकालने के लिए जो सैंपल साइज लिया जाता है, वह अपर्याप्त है, इसलिए लागत मूल्य सहीं नहीं निकलता। आयोग ने माना मप्र के लिए समर्थन मूल्य सही नहीं पटवारी ने कहा- लागत और मूल्य आयोग ने हाल ही में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में एक चार्ट के माध्यम से बताया है कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सोयाबीन के लिए लागत आयोग द्वारा कम आंकी जाती है, जबकि राज्य में वह अधिक आती है। भारत में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादन के लिए दो सबसे बड़े प्रांत हैं, उसके बाद राजस्थान और फिर कर्नाटक आता है।

MP कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा आज:इंदौर में बैरिकेडिंग लगाकर रोकी, ट्रैक्टर रैली निकालकर कलेक्टर ऑफिस घेरेंगे
प्रदेश कांग्रेस प्रदेशभर में गुरुवार को किसान न्याय यात्रा निकाल रही है। इंदौर के तेजाजी नगर में यात्रा को बैरिकेडिंग लगाकर रोका गया है। इस पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि यह सरकार की हठधर्मिता है। कांग्रेस की मांग है कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6 हजार रुपए, गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल, धान की एमएसपी 3100 तय कराने समेत किसानों से जुड़ी कई मांगें शामिल हैं। कांग्रेस नेता किसानों के साथ ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। जिलों में कलेक्टर कार्यालयों का घेराव किया जाएगा। छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ यात्रा में शामिल होंगे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह और जीतू पटवारी इंदौर में रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार आलीराजपुर में इस यात्रा में शामिल होंगे। रातीबड़ में जुटेंगे भोपाल जिले के किसान भोपाल जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में आयोजित किसान न्याय यात्रा में शामिल होने रातीबड़ में जिले भर के किसान ट्रैक्टर से पहुंचेंगे। भोपाल की यात्रा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। रातीबड़ से किसान ट्रैक्टर रैली के रुप में नीलबड़ होते हुए डिपो चौराहे पहुंचेंगे। यहां से कलेक्ट्रेट की ओर जाएंगे। हालांकि, प्रशासन ने कांग्रेसियों को कलेक्ट्रेट तक पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कराई है। पटवारी बोले- लागत से भी कम मिल रहे हैं सोयाबीन के दाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- मध्यप्रदेश में सोयाबीन का भाव लगभग 4000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है। जबकि उसका समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो कि पहले ही बहुत कम है। मोदी सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य तय करते वक्त इसका लागत मूल्य 3261 रुपए निर्धारित किया है। जबकि मध्यप्रदेश ने लागत और मूल्य आयोग को पहले ही सूचित किया था कि मध्यप्रदेश में सोयाबीन की उत्पादन लागत 4455 रुपए प्रति क्विंटल आती है, वहीं महाराष्ट्र में यह लागत 6039 रुपए प्रति क्विंटल बतायी थी। लागत और मूल्य आयोग ने खुद अपनी 2024-25 की खरीफ की रिपोर्ट में बताया है कि भारत में औसत सोयाबीन का कास्ट ऑफ प्रोडक्शन (ए 2 $ एफएल) 4853 रुपए वर्ष 2022-23 के लिए मूल्यांकित किया गया था। समर्थन मूल्य तय करने वाला आयोग खुद कहता है कि लागत निकालने के लिए जो सैंपल साइज लिया जाता है, वह अपर्याप्त है, इसलिए लागत मूल्य सहीं नहीं निकलता। आयोग ने माना मप्र के लिए समर्थन मूल्य सही नहीं पटवारी ने कहा- लागत और मूल्य आयोग ने हाल ही में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में एक चार्ट के माध्यम से बताया है कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सोयाबीन के लिए लागत आयोग द्वारा कम आंकी जाती है, जबकि राज्य में वह अधिक आती है। भारत में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादन के लिए दो सबसे बड़े प्रांत हैं, उसके बाद राजस्थान और फिर कर्नाटक आता है।