India-China: भारत के सामने झुका चीन! LAC को लेकर कही ऐसी बात कि मोदी सरकार की हो गई बल्ले-बल्ले

भारत-चीन ने अपने सीमा विवाद ( LAC- Line of Actual Control) को सुलझाने के लिए कदम तेज कर दिए है। इसी कड़ी में गुरुवार (29 अगस्त) को बीजिंग (Beijing) में वर्किंग मैकेनिज्म ऑन कंसल्टेंशन एंड कोऑर्डिनेशन (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वें दौर की बैठक हुई। सीमा विवाद में अबतक भारत को आंखें दिखा रहा चीन इस बार हुई बैठक के बाद शांत नजर आया। बैठक में दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने पर भी सहमति बनी। वहीं चीन भारत के साथ सीमा समझौते को मानने के लिए तैयार हो गया है। राजनीति दृष्टि से यह मोदी सरकार के लिए बड़ी कूटनीति जीत मानी जा रही है। बता दें कि चीन के साथ सीमा विवाद की शुरुआत 2020 से हुई थी। पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान (Gallowan) घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प हो गई थी। इसमें भारत ने एक कर्नल सहित 20 सैनिकों की शहादत हुई थी। वहीं चीन ने केवल चार हताहतों की बात स्वीकार की थी। हालांकि अनुमान है कि झड़प में 40 पीएलए कर्मियों की मौत हुई थी। 29 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध को पूरी तरह से हल करने के लिए दोनों देशों के राजनयिकों के बीच बैठक हुई। चीन ने दावा किया कि उसने भारत के साथ मतभेदों को कम किया है। बैठक के बाद भारत का कहना है कि चीन के साथ वार्ता स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी रही है। बीजिंग नई दिल्ली के साथ अपने सीमा-संबंधी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर भी सहमत हुआ। इससे लगने लगा है कि जल्द ही पूर्वी लद्दाख में चल रहा सीमा पर तनाव खत्म हो जाएगा। भारत ने बैठक के बाद क्या कहा इस बैठक में सैन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि मीटिंग के दौरान इस बात को दोहराया कि शांति एवं स्थिरता की बहाली और एलएसी के लिए सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक आधार हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने विचारों का स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी आदान-प्रदान किया। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पर मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के लिए बैठक की गई। इसमें कहा गया कि भारत और चीन राजनयिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए भी सहमत हुए हैं। चीन ने क्या कहा बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रलाय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, दोनों पक्ष हाल ही में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के अनुसार बॉर्डर की स्थिति को जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, दोनों पक्षों ने बॉर्डर एरिया में प्रासंगिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, मतभेदों को और कम किया, आम सहमति का विस्तार किया, बातचीत एवं परामर्श को मजबूत करने, एक-दूसरे की उचित चिंताओं को समायोजित करने और जल्द से जल्द दोनों देशों को स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने पर सहमति व्यक्त की।

India-China: भारत के सामने झुका चीन! LAC को लेकर कही ऐसी बात कि मोदी सरकार की हो गई बल्ले-बल्ले
भारत-चीन ने अपने सीमा विवाद ( LAC- Line of Actual Control) को सुलझाने के लिए कदम तेज कर दिए है। इसी कड़ी में गुरुवार (29 अगस्त) को बीजिंग (Beijing) में वर्किंग मैकेनिज्म ऑन कंसल्टेंशन एंड कोऑर्डिनेशन (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वें दौर की बैठक हुई। सीमा विवाद में अबतक भारत को आंखें दिखा रहा चीन इस बार हुई बैठक के बाद शांत नजर आया। बैठक में दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने पर भी सहमति बनी। वहीं चीन भारत के साथ सीमा समझौते को मानने के लिए तैयार हो गया है। राजनीति दृष्टि से यह मोदी सरकार के लिए बड़ी कूटनीति जीत मानी जा रही है। बता दें कि चीन के साथ सीमा विवाद की शुरुआत 2020 से हुई थी। पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान (Gallowan) घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प हो गई थी। इसमें भारत ने एक कर्नल सहित 20 सैनिकों की शहादत हुई थी। वहीं चीन ने केवल चार हताहतों की बात स्वीकार की थी। हालांकि अनुमान है कि झड़प में 40 पीएलए कर्मियों की मौत हुई थी। 29 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध को पूरी तरह से हल करने के लिए दोनों देशों के राजनयिकों के बीच बैठक हुई। चीन ने दावा किया कि उसने भारत के साथ मतभेदों को कम किया है। बैठक के बाद भारत का कहना है कि चीन के साथ वार्ता स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी रही है। बीजिंग नई दिल्ली के साथ अपने सीमा-संबंधी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर भी सहमत हुआ। इससे लगने लगा है कि जल्द ही पूर्वी लद्दाख में चल रहा सीमा पर तनाव खत्म हो जाएगा। भारत ने बैठक के बाद क्या कहा इस बैठक में सैन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि मीटिंग के दौरान इस बात को दोहराया कि शांति एवं स्थिरता की बहाली और एलएसी के लिए सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक आधार हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने विचारों का स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी आदान-प्रदान किया। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पर मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के लिए बैठक की गई। इसमें कहा गया कि भारत और चीन राजनयिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए भी सहमत हुए हैं। चीन ने क्या कहा बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रलाय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, दोनों पक्ष हाल ही में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के अनुसार बॉर्डर की स्थिति को जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, दोनों पक्षों ने बॉर्डर एरिया में प्रासंगिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, मतभेदों को और कम किया, आम सहमति का विस्तार किया, बातचीत एवं परामर्श को मजबूत करने, एक-दूसरे की उचित चिंताओं को समायोजित करने और जल्द से जल्द दोनों देशों को स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने पर सहमति व्यक्त की।