Bangladesh: कट्टरपंथियों के बाद अब सनातनियों की बारी, ढाका की सड़कों पर उतरे लाखों हिंदू, हिंसा के खिलाफ मार्च कर मांगा न्याय- Bangladeshi Hindu

बांग्लादेश (Bangladesh) में प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार के तख्तापलट के बाद फैली हिंसा में कट्टरपंथियों ने जमकर आतंक मचाया। कट्टरपंथियों के निशाने पर विशेषकर हिंदू समाज (hindu society) रहा। सैकड़ों मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं हिंदू घरों और उनके प्रतिष्ठानों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। अपने खिलाफ लगातार हो रहे हिंसा से हिंदुओं के सब्र का बांध टूट पड़ा और बांग्लादेश की राजधानी ढाका की सड़कों पर हिंदू समाज के लाखों लोग सड़क पर उतरे। हिंदू समाज के लोगों ने हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग की। बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने देश भर में मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग की है। प्रदर्शन में शामिल लोग अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीट, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने जैसी अन्य मांग की। हिंदू प्रदर्शनकारियों की रैली के चलते शनिवार को मध्य ढाका के शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात अवरुद्ध रहा। छात्रों सहित हजारों मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने भी यहां उनके साथ मिलकर अल्पसंख्यकों के हित के लिए एकजुटता व्यक्त की। बांग्लादेशी हिंदुओं को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को भारत भाग जाने के बाद हिंसा और लूटपाट का खामियाजा भुगतना पड़ा है। कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है। इतना ही नहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता हिंसा में मारे गए हैं। 27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम और 54 मंदिरों को फूंका बता दें कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम (fundamentalist muslim) ने देश के 27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम किया। उनके घरों और प्रतिष्ठान को निशाना बनाया। वहीं घरों में लूटपाट करने के बाद आग के हवाले कर दिया। वहीं कट्टरपंथियों ने 50 से ज्यादा मंदिर फूंक दिए। पूरे देश में दंगाई आतंक का तांडव नृत्य किया। बांग्लादेश डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की रात देश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमले किए। दंगाइयाें ने टोली या छोटे-छोटे झुंड बनाकर हिंदू बस्तियों पर धावा बोला। हिंदुओं के घरों में घुसकर लोगों को मारपीट कर बाहर निकाला। पूरा सामान लूटने के बाद आग के हवाले कर दिया। विरोध करने वाले हिंदुओं को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। यूएन ने कहा- हम नस्लीय हिंसा के खिलाफ हैं बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि वह नस्लीय आधार पर किसी भी हमले या हिंसा के खिलाफ हैं। महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने गुरुवार को कहा, हमने स्पष्ट किया है, हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हाल के हफ्तों में बांग्लादेश में होने वाली हिंसा को शांत किया जाए। निश्चित रूप से, हम किसी भी नस्लीय आधारित हमले या नस्लीय आधार पर हिंसा भड़काने के खिलाफ हैं।

Bangladesh: कट्टरपंथियों के बाद अब सनातनियों की बारी, ढाका की सड़कों पर उतरे लाखों हिंदू, हिंसा के खिलाफ मार्च कर मांगा न्याय- Bangladeshi Hindu
बांग्लादेश (Bangladesh) में प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार के तख्तापलट के बाद फैली हिंसा में कट्टरपंथियों ने जमकर आतंक मचाया। कट्टरपंथियों के निशाने पर विशेषकर हिंदू समाज (hindu society) रहा। सैकड़ों मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं हिंदू घरों और उनके प्रतिष्ठानों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। अपने खिलाफ लगातार हो रहे हिंसा से हिंदुओं के सब्र का बांध टूट पड़ा और बांग्लादेश की राजधानी ढाका की सड़कों पर हिंदू समाज के लाखों लोग सड़क पर उतरे। हिंदू समाज के लोगों ने हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग की। बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने देश भर में मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग की है। प्रदर्शन में शामिल लोग अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीट, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने जैसी अन्य मांग की। हिंदू प्रदर्शनकारियों की रैली के चलते शनिवार को मध्य ढाका के शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात अवरुद्ध रहा। छात्रों सहित हजारों मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने भी यहां उनके साथ मिलकर अल्पसंख्यकों के हित के लिए एकजुटता व्यक्त की। बांग्लादेशी हिंदुओं को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को भारत भाग जाने के बाद हिंसा और लूटपाट का खामियाजा भुगतना पड़ा है। कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है। इतना ही नहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता हिंसा में मारे गए हैं। 27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम और 54 मंदिरों को फूंका बता दें कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम (fundamentalist muslim) ने देश के 27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम किया। उनके घरों और प्रतिष्ठान को निशाना बनाया। वहीं घरों में लूटपाट करने के बाद आग के हवाले कर दिया। वहीं कट्टरपंथियों ने 50 से ज्यादा मंदिर फूंक दिए। पूरे देश में दंगाई आतंक का तांडव नृत्य किया। बांग्लादेश डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की रात देश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमले किए। दंगाइयाें ने टोली या छोटे-छोटे झुंड बनाकर हिंदू बस्तियों पर धावा बोला। हिंदुओं के घरों में घुसकर लोगों को मारपीट कर बाहर निकाला। पूरा सामान लूटने के बाद आग के हवाले कर दिया। विरोध करने वाले हिंदुओं को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। यूएन ने कहा- हम नस्लीय हिंसा के खिलाफ हैं बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि वह नस्लीय आधार पर किसी भी हमले या हिंसा के खिलाफ हैं। महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने गुरुवार को कहा, हमने स्पष्ट किया है, हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हाल के हफ्तों में बांग्लादेश में होने वाली हिंसा को शांत किया जाए। निश्चित रूप से, हम किसी भी नस्लीय आधारित हमले या नस्लीय आधार पर हिंसा भड़काने के खिलाफ हैं।