जूट से महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर, बना रही है एक से बढ़कर एक सामान

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जूट से महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर, बना रही है एक से बढ़कर एक सामान

अंडा। भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उतरदायित्व विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ विकास बोर्ड के सहयोग से महिला सशक्तिकरण तथा नारी को आत्मनिर्भर बनाने के लिये जिले के ग्राम पंचायत अंडा में त्रैमासिक जूट शिल्प प्रशिक्षण शिविर द्वारा महिलाओं को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जा रही । इसमें महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ तरह-तरह के कलाकृति और कारीगरी भी सिखाई जा रही है। अभी के समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए सभी  कुछ न कुछ नया करते हैं। इसमें महिलाएं भी किसी से कम नहीं है। कुछ तो सरकार की योजनाओं का लाभ उठाती हैं, वहीं कुछ खुद से अपना रोजगार शुरू करती हैं।

ग्राम पंचायत अंडा में भी अब जूट से कई आकर्षक चीजें बनाई जा रही है। जिसका डिमांड काफी है। तृप्ति, लुकेश्वरी, सुनीता, पिकेश्वरी सहित मौजूद अन्य महिलाओं ने कहा कि वह पिछले दो महीने से यहां पर प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रही है जिससे उन्हें जुट से अलग अलग चीजें बनाना शिख रही है।

-जूट से बनाये जाते हैं कई आकर्षक सामान..
मौजूद सभी महिलाओं ने कहा कि यहां पर जूट के बने सामान गुलदस्ता,बैग, शो पीस, चटाई, डोरमेट, बुक शोल्डर  अन्य चीजें , सहित अन्य कई घरेलू उपयोगी और आकर्षक चीजें बनाई जाती है।

-30 महिलाओं को चयनित कर दी जाती है ट्रेनिंग..
कार्यशाला में 30 महिलाओं को जूट से बने उत्पादों को बनाने का प्रशिक्षिका भानुमति बघेल द्वारा तीन महीने तक प्रषिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गांव की 30 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीन महीने की अवधि तक 3 हजार रुपये मासिक स्टाइपेड भी दिया जा रहा है । आगे बताया की राष्ट्रीय जूट बोर्ड जूट उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। कार्यशाला के तहत महिलाओं को जूट से उत्पाद बनाने सिखाए जा रहे हैं।