वित्त वर्ष 2024 में जेनसोल इंजीनियरिंग का राजस्व 141 प्रतिशत बढ़कर 960 करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2024 में जेनसोल इंजीनियरिंग का राजस्व 141 प्रतिशत बढ़कर 960 करोड़ रुपये जेनसोल...
वित्त वर्ष 2024 में जेनसोल इंजीनियरिंग का राजस्व 141 प्रतिशत बढ़कर 960 करोड़ रुपये
जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड का वित्त वर्ष का सालाना राजस्व 960 करोड़ रुपये कमाया
अडाणी ग्रीन एनर्जी 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाली भारत की पहली कंपनी बनी
नई दिल्ली
जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड का वित्त वर्ष 2023-24 में राजस्व सालाना आधार पर 141 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 960 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी बयान के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में राजस्व 398 करोड़ रुपये रहा था।
बयान के अनुसार, जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड की 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में परिचालन आय अभी तक की सर्वाधिक 960 करोड़ रुपये (अस्थायी व अनऑडिटेड) रही। यह सालाना आधार पर 141 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनमोल सिंह जग्गी ने कहा, ‘‘कंपनी का यह वित्तीय प्रदर्शन जनवरी 2024 में हमारे एक सम्मेलन में दिए गए लक्ष्य से अधिक मजबूत तथा सराहनीय वृद्धि दर्शाता है।’’
अडाणी ग्रीन एनर्जी 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाली भारत की पहली कंपनी बनी
नई दिल्ली
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने गुजरात के विशाल खावड़ा सोलर पार्क में 2,000 मेगावाट की सौर क्षमता स्थापित की है, जिसके साथ ही वह 10,000 मेगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है।
कंपनी बयान के अनुसार, उसके पास अब 10,934 मेगावाट का परिचालन खंड है, जो भारत में सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 में 2,848 मेगावाट नवीकरणीय क्षमता को स्थापित किया गया।
एजीईएल के परिचालन खंड में 7,393 मेगावाट सौर, 1,401 मेगावाट पवन और 2,140 मेगावाट पवन-सौर हाइब्रिड क्षमता शामिल है।
कंपनी का 2030 तक 45 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य है।
बयान में कहा गया, एजीईएल का 10,934 मेगावाट का परिचालन खंड 58 लाख से अधिक मकानों को बिजली देगा। सालाना करीब 2.1 करोड़ टन सीओ2 (कार्बन डाइऑक्साइड) के उत्सर्जन से बचाएगा।
अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा, ‘‘हमें नवीकरणीय क्षेत्र में भारत का पहला दस हजारी होने पर गर्व है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक से भी कम समय में अडाणी ग्रीन एनर्जी ने न केवल एक हरित भविष्य की कल्पना की, बल्कि इसे साकार भी किया। स्वच्छ ऊर्जा का पता लगाने के एक विचार मात्र से बढ़कर स्थापित क्षमता में 10,000 मेगावाट की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है…’’
अडाणी ने कहा, ‘‘2030 तक 45,000 मेगावाट (45 गीगावॉट) के लक्ष्य के तहत हम खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र बना रहे हैं। खावड़ा 30,000 मेगावाट की एक परियोजना है जिसका वैश्विक स्तर पर कोई मुकाबला नहीं है। एजीईएल न केवल दुनिया के लिए मानक स्थापित कर रहा है बल्कि उन्हें नई सिरे से परिभाषित भी कर रहा है।’’