राज्य की भाजपा सरकार ने कांग्रेस की योजनाओं को बंद की साय साय& भूपेश बघेल
दुर्ग। दुर्ग लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने राजीव भवन (कांग्रेस भवन) को केन्द्रीय चुनाव कार्यालय बनाया है। जिसका छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को लोकसभा प्रत्याशी राजेन्द्र साहू के अलावा कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों, विधायक, पूर्व विधायकों, जिलाध्यक्षों व नौ विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में उद्घाटन किया। इस अवसर पर राजीव भवन परिसर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लोकसभा का यह आम चुनाव नहीं है, बल्कि यह खास चुनाव है। इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मतदाताओं के पास स्थानीय, प्रादेशिक व राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर मजबूती के साथ जाना है। इस चुनाव में भाजपा ने 400 पार का नारा दिया है, ताकि वे महापुरुष डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान में परिवर्तन कर सके। भाजपा संवैधानिक एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा के खिलाफ बोलने की आजादी छीन ली गई है। जिसने भी खिलाफत की उस पर ईडी, आईटी व अन्य एजेंसियों ने शिकंजा कसा है। जिससे लोकतंत्र व संविधान खतरे में आ गया है। यह लोकसभा चुनाव देश की जनता की लड़ाई है। लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए यह लड़ाई हमें मिलकर लड़नी है। मोदी की गारंटी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आड़े हाथों लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन 4 माह के कार्यकाल के बाद भी मोदी की गारंटी को राज्य की भाजपा सरकार धरातल पर नहीं उतार पाई है। कहा गया था कि किसानों को वर्ष 17 और 18 के धान खरीदी का बकाया बोनस दिया जाएगा, लेकिन राज्य सरकार द्वारा वर्ष 14, 15 और 16 के आधार पर बोनस दे दिया गया है,जबकि इन वर्षों में छत्तीसगढ़ में अकाल की स्थिति निर्मित हुई थी। यह बोनस की राशि भी सभी किसानों के बैंक खातों में नहीं पहुंची है। इस वर्ष की धान खरीदी की राशि भी किसानों को एकमुश्त नहीं दी गई है। यह राशि पंचायत भवन में देने का भाजपा ने वादा किया था, लेकिन यह वादा भी झूठा निकला। इस वर्ष की धान खरीदी की बोनस राशि 12 मार्च को दी भी गई, तो किसान अपने बैंक खातों से 30 हजार से ज्यादा की रकम निकाल भी नहीं पा रहे है। महतारी वंदन योजना अंतर्गत मार्च माह में महिलाओं को 1 हजार रुपए बैंक खातों में डाला गया है, लेकिन अगले 3 माह की राशि महिलाओं को कौन देगा? यह बड़ा सवाल बना हुआ है। इस योजना के लिए महिलाओं को बैंको का बार-बार चक्कर काटना पड़ा है.