बुजुर्ग- दिव्यांगों ने होम वोटिंग कर लोकतंत्र में निभाई सहभागिता

छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 19 अप्रैल। लोकतंत्र के महापर्व में पोस्टल-बैलेट के माध्यम से होम वोटिंग के लिए 85 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के वृद्धजन तथा 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के घरों तक मतदान दलों ने दस्तक दी है, जो मतदान केन्द्रों तक जाने में असमर्थ हैं। लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए मतदान अधिकारियों द्वारा शहर से लेकर गांव तक चिन्हांकित बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के घर-घर जाकर होम वोटिंग कराया गया। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी है। जिसके तहत गुरुवार को जिले में मतदान अधिकारियों द्वारा चिन्हांकित बुजुर्ग और दिव्यांगजनों का होम वोटिंग कराया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु संयुक्त जिला कार्यालय से होम वोटिंग के लिए सामग्री वितरण कर मतदान दल को रवाना किया गया। जिले में विशेष मतदान दलों द्वारा कड़ी मेहनत करके होम वोटिंग कराया जा रहा है। राजनांदगांव शहर के लखोली सतनामीपारा निवासी 55 वर्षीय तेजदास साहू ने घर पर मतदान अधिकारियों को देखकर बहुत खुशी जाहिर की। श्री साहू ने बताया कि वे पिछले विधानसभा निर्वाचन में भी घर पर ही वोट दिया था। श्री साहू ने बताया कि वे दोनों पैर और हाथों से दिव्यांग है। जिसके कारण मतदान केन्द्र में जाने में समस्या होती थी। लखोली सतनामी पारा की 27 वर्षीय तरूणा बचपन से ही दिव्यांग है। श्रीमती तरूणा ने भी होम वोटिंग कर अपने मताधिकार का उपयोग किया। डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र की ग्राम खैरी निवासी दृष्टिबाधित दिव्यांग अहिल्या वर्मा ने बताया कि पहले मतदान कराने के लिए उनके बड़े भाई ले जाते थे। अहिल्या ने बताया कि मतदान दल घर में आने से बहुत अच्छा लगा। अहिल्या ने भारत निर्वाचन आयोग की इस अनूठी पहल के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। पहली बार होम वोटिंग कर रहे डोंगरगढ़ कालकापारा वार्ड नंबर 10 निवासी जगन्नाथ सिंदे 89 वर्षीय बुजुर्ग हैं। श्री सिंदे ने बताया कि वे रेल्वे से सेवानिवृत्त है। वे हमेशा लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा बनते आ रहे है। पहले वे मतदान केन्द्र में जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते थे। पिछले विधानसभा निर्वाचन में भी मतदान केन्द्र में जाकर वोट दिया था, लेकिन इस बार स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के कारण मुझे वोट देने की चिंता थी, लेकिन बीएलओ द्वारा चिन्हांकित करने पर यह लाभ मुझे मिला है। करवारी निवासी नरेश कुमार मेश्राम और ज्ञानदास बंजारे ने भी घर पर ही वोट दिया।

बुजुर्ग- दिव्यांगों ने होम वोटिंग कर लोकतंत्र में निभाई सहभागिता
छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 19 अप्रैल। लोकतंत्र के महापर्व में पोस्टल-बैलेट के माध्यम से होम वोटिंग के लिए 85 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के वृद्धजन तथा 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के घरों तक मतदान दलों ने दस्तक दी है, जो मतदान केन्द्रों तक जाने में असमर्थ हैं। लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए मतदान अधिकारियों द्वारा शहर से लेकर गांव तक चिन्हांकित बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के घर-घर जाकर होम वोटिंग कराया गया। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी है। जिसके तहत गुरुवार को जिले में मतदान अधिकारियों द्वारा चिन्हांकित बुजुर्ग और दिव्यांगजनों का होम वोटिंग कराया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु संयुक्त जिला कार्यालय से होम वोटिंग के लिए सामग्री वितरण कर मतदान दल को रवाना किया गया। जिले में विशेष मतदान दलों द्वारा कड़ी मेहनत करके होम वोटिंग कराया जा रहा है। राजनांदगांव शहर के लखोली सतनामीपारा निवासी 55 वर्षीय तेजदास साहू ने घर पर मतदान अधिकारियों को देखकर बहुत खुशी जाहिर की। श्री साहू ने बताया कि वे पिछले विधानसभा निर्वाचन में भी घर पर ही वोट दिया था। श्री साहू ने बताया कि वे दोनों पैर और हाथों से दिव्यांग है। जिसके कारण मतदान केन्द्र में जाने में समस्या होती थी। लखोली सतनामी पारा की 27 वर्षीय तरूणा बचपन से ही दिव्यांग है। श्रीमती तरूणा ने भी होम वोटिंग कर अपने मताधिकार का उपयोग किया। डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र की ग्राम खैरी निवासी दृष्टिबाधित दिव्यांग अहिल्या वर्मा ने बताया कि पहले मतदान कराने के लिए उनके बड़े भाई ले जाते थे। अहिल्या ने बताया कि मतदान दल घर में आने से बहुत अच्छा लगा। अहिल्या ने भारत निर्वाचन आयोग की इस अनूठी पहल के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। पहली बार होम वोटिंग कर रहे डोंगरगढ़ कालकापारा वार्ड नंबर 10 निवासी जगन्नाथ सिंदे 89 वर्षीय बुजुर्ग हैं। श्री सिंदे ने बताया कि वे रेल्वे से सेवानिवृत्त है। वे हमेशा लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा बनते आ रहे है। पहले वे मतदान केन्द्र में जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते थे। पिछले विधानसभा निर्वाचन में भी मतदान केन्द्र में जाकर वोट दिया था, लेकिन इस बार स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के कारण मुझे वोट देने की चिंता थी, लेकिन बीएलओ द्वारा चिन्हांकित करने पर यह लाभ मुझे मिला है। करवारी निवासी नरेश कुमार मेश्राम और ज्ञानदास बंजारे ने भी घर पर ही वोट दिया।