पीडिय़ा मुठभेड़ को बताया फर्जी, सर्व आदिवासी समाज का आज नगर बंद
पीडिय़ा मुठभेड़ को बताया फर्जी, सर्व आदिवासी समाज का आज नगर बंद
जगदलपुर, 27 मई।बीजापुर जिले के ग्राम पीडिय़ा में 10 मई को पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा फर्जी बताया जा रहा है। उनका कहना है कि पुलिस जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों को मारने के बाद उसे नक्सली घोषित किया है, इसके अलावा कोंडागांव के जिला अध्यक्ष पर फर्जी मुकदमा दर्ज करते हुए जिलाबदर कर दिया गया है, इन मामलों को लेकर बंद का आव्हान किया गया है।
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष गंगा नाग ने बताया कि सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग का संभाग स्तरीय बैठक 21 मई को किया गया, जिसमे इस बात को कहा गया कि कुछ दिन पहले बीजापुर जिले के ग्राम पीडिय़ा में पुलिस और नक्सलियों के बीच में मुठभेड़ हुई, जिसके लिए समाज की ओर से 58 सदस्यों की एक टीम 17 मई को जांच के लिए भेजा गया, जहाँ इस बात का पता चला कि जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस दिन मारागुमेड तेंदूपत्ता खरीदी फंड में ग्रामीण तेंदूपत्ता खरीदने तो कुछ बेचने के लिए गए हुए थे, अचानक से पुलिस टीम को आता देख ग्रामीण डर के चलते भाग खड़े हुए।
पुलिस की टीम ने चारों ओर से ग्रामीणों को घेर लिया, कुछ ग्रामीण पेड़ में चढ़ गए तो कुछ लोग झाडिय़ों के पीछे छुप गए, ग्रामीणों ने अपने आप को साधारण ग्रामीण बताने के बाद भी पुलिस टीम ने ग्रामीणों को गोली मारी।
पेड़ में चढ़े ग्रामीण ताती सुक्कू को गोली लगने के बाद उसका शव पेड़ में ही लटका रहा, जिसे बाद में पुलिस जवानों ने पेड़ से उतारा, इसके अलावा जिस ग्रामीण को मरने के बाद ईनामी घोषित किया था, वह अभी भी जिंदा है, जबकि एक जेल में बंद है, यह मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी है, इस मामले को लेकर ही 28 मई को नगर बंद का आव्हान किया गया है। जिसपर बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स को भी इसमें समर्थन देने के लिए पत्र लिखा गया है, जिसपर उन्होंने भी इस पर अपनी सहमति देते हुए आधे पहर के लिए अपनी दुकानों से लेकर प्रतिष्ठानों को बंद करने की बात कही है।
जगदलपुर, 27 मई।बीजापुर जिले के ग्राम पीडिय़ा में 10 मई को पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा फर्जी बताया जा रहा है। उनका कहना है कि पुलिस जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों को मारने के बाद उसे नक्सली घोषित किया है, इसके अलावा कोंडागांव के जिला अध्यक्ष पर फर्जी मुकदमा दर्ज करते हुए जिलाबदर कर दिया गया है, इन मामलों को लेकर बंद का आव्हान किया गया है।
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष गंगा नाग ने बताया कि सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग का संभाग स्तरीय बैठक 21 मई को किया गया, जिसमे इस बात को कहा गया कि कुछ दिन पहले बीजापुर जिले के ग्राम पीडिय़ा में पुलिस और नक्सलियों के बीच में मुठभेड़ हुई, जिसके लिए समाज की ओर से 58 सदस्यों की एक टीम 17 मई को जांच के लिए भेजा गया, जहाँ इस बात का पता चला कि जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस दिन मारागुमेड तेंदूपत्ता खरीदी फंड में ग्रामीण तेंदूपत्ता खरीदने तो कुछ बेचने के लिए गए हुए थे, अचानक से पुलिस टीम को आता देख ग्रामीण डर के चलते भाग खड़े हुए।
पुलिस की टीम ने चारों ओर से ग्रामीणों को घेर लिया, कुछ ग्रामीण पेड़ में चढ़ गए तो कुछ लोग झाडिय़ों के पीछे छुप गए, ग्रामीणों ने अपने आप को साधारण ग्रामीण बताने के बाद भी पुलिस टीम ने ग्रामीणों को गोली मारी।
पेड़ में चढ़े ग्रामीण ताती सुक्कू को गोली लगने के बाद उसका शव पेड़ में ही लटका रहा, जिसे बाद में पुलिस जवानों ने पेड़ से उतारा, इसके अलावा जिस ग्रामीण को मरने के बाद ईनामी घोषित किया था, वह अभी भी जिंदा है, जबकि एक जेल में बंद है, यह मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी है, इस मामले को लेकर ही 28 मई को नगर बंद का आव्हान किया गया है। जिसपर बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स को भी इसमें समर्थन देने के लिए पत्र लिखा गया है, जिसपर उन्होंने भी इस पर अपनी सहमति देते हुए आधे पहर के लिए अपनी दुकानों से लेकर प्रतिष्ठानों को बंद करने की बात कही है।