कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के चुनाव आज:तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बने अधिकारी नहीं करेंगे मतदान

मध्यप्रदेश कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ के आज चुनाव हो रहे हैं। भोपाल के प्रशासन अकादमी में मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ का प्रांतीय महा सम्मेलन और साल 2024 का निर्वाचन हो रहा है। इसमें प्रदेश भर के नायब तहसीलदार, तहसीलदार और प्रभारी डिप्टी कलेक्टर शामिल हो रहे हैं। प्रभारी डिप्टी कलेक्टर नहीं करेंगे वोट महा सम्मेलन के दौरान प्रभारी डिप्टी कलेक्टर अजय शर्मा ने कहा कि जो साथी तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के पद का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। उन सभी ने यह निर्णय किया है कि हम इस निर्वाचन में मार्गदर्शक की भूमिका में रहेंगे। प्रभारी डिप्टी कलेक्टर मतदान में भाग नहीं लेंगे। एक हजार से ज्यादा अधिकारी शामिल होंगे महा सम्मेलन में शामिल होने आए एक तहसीलदार ने बताया कि प्रदेश भर से करीब एक हजार कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। एक हजार रुपए पंजीयन शुल्क के साथ अधिकारी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। हालांकि चुनाव के लिए वोटिंग की स्थिति बनेगी ये अभी कह पाना मुश्किल है। कोशिश होगी कि आम सहमति से चुनाव हो जाए। दो बजे के बाद चुनाव की प्रक्रिया होगी शुरू सुबह 9 बजे से 11 बजे से तक पंजीयन हुए। इसके बाद ढ़ाई बजे से 3 बजे तक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार नामांकन फार्म दाखिल करेंगे। 3 से 3:15 बजे तक स्क्रूटनी होगी। 3:15 से 3:30 बजे तक नाम वापसी होगी। 4 बजे से मतदान होगा। ऑनलाइन वोटिंग कराकर बने थे अध्यक्ष सोशल मीडिया ग्रुप पर आनलाइन ग्रुप पर वोटिंग कराने के बाद अध्यक्ष बनाए गए इंदौर में पदस्थ नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान के निर्वाचन को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के संगठन मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की वर्तमान कार्यकारिणी ने अवैध घोषित किया है। इस बीच चौहान को अध्यक्ष पद के लिए प्रमोट करने वाले अफसरों की ओर से एक बार फिर तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बन चुके और संघ की वर्तमान कार्यकारिणी में शामिल तहसीलदारों को चुनौती दी गई है। संघ के अफसरों के सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल मैसेज में कहा गया है कि संघ के वरिष्ठ लोगों को इस निचले स्तर तक नहीं आना था लेकिन जैसी उनकी मर्जी। असली बनाम नकली की लड़ाई मीडिया पर निराकृत नहीं होगी। इसका निराकरण सक्षम न्यायालय में होगा और यदि वरिष्ठ मजबूर करेंगे तो वहां यह लड़ाई लड़ी भी जायेगी। चैट में कहा, पंजीयन और मान्यता नहीं है संघ की वायरल चैट के अनुसार यदि यह कानूनी लड़ाई लड़ी गई तो संघ के पंजीयन से लेकर मान्यता मिलने तक (जो कि मुझे पता है, अभी तक नहीं ली गई है) सभी दस्तावेज, सदस्यता पंजी, सदस्यता आवेदन, वार्षिक शुल्क पंजी, वार्षिक ऑडिट, वार्षिक सम्मेलनों के मिनिट्स, निर्वाचन के मिनिट्स, आय-व्यय आदि न्यायालय में बुलवाए जायेंगे और यदि संघ के खाते का वार्षिक ऑडिट नहीं हुआ पाया गया या ऑडिट में कुछ गड़बड़ पाई गई तो न्यायालय से ही जिम्मेवारी तय होगी और वहीं से अग्रिम कार्यवाही होगी। सीनियर को कहा, पुनर्विचार कर लें चैट में यह भी कहा गया है कि इन हालातों में सभी वरिष्ठ एक बार अपने कदमों पर पुनर्विचार कर लें और कम से कम वे तो कर ही लें, जिनके नाम लेटरहेड पर छपे हैं। इस बीच लेटरहेड वाले वरिष्ठ यदि चाहें तो सम्मान विदाई लेने के लिए स्वतंत्र हैं। रही बात भोपाल आने की, तो हम सब वहां बिलकुल पहुंचेंगे क्योंकि हमारे भी बहुत से सवाल है। तब तक उनके जवाब यदि आप देना चाहे तो आप दें। यदि लेटरहेड में लिखे वरिष्ठ देना चाहें, तो उन तक यह मैसेज प्रेषित कर दीजिएगा। इनके द्वारा किए गए सवाल में कहा गया है कि हाल ही में दो नायब तहसीलदारों को कलेक्टर ने निलंबित किया, तो यह जानते हुए भी कि कलेक्टर इसके लिए सक्षम नहीं है। आपने और संघ कार्यकारिणी ने क्या किया ?

कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के चुनाव आज:तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बने अधिकारी नहीं करेंगे मतदान
मध्यप्रदेश कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ के आज चुनाव हो रहे हैं। भोपाल के प्रशासन अकादमी में मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ का प्रांतीय महा सम्मेलन और साल 2024 का निर्वाचन हो रहा है। इसमें प्रदेश भर के नायब तहसीलदार, तहसीलदार और प्रभारी डिप्टी कलेक्टर शामिल हो रहे हैं। प्रभारी डिप्टी कलेक्टर नहीं करेंगे वोट महा सम्मेलन के दौरान प्रभारी डिप्टी कलेक्टर अजय शर्मा ने कहा कि जो साथी तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के पद का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। उन सभी ने यह निर्णय किया है कि हम इस निर्वाचन में मार्गदर्शक की भूमिका में रहेंगे। प्रभारी डिप्टी कलेक्टर मतदान में भाग नहीं लेंगे। एक हजार से ज्यादा अधिकारी शामिल होंगे महा सम्मेलन में शामिल होने आए एक तहसीलदार ने बताया कि प्रदेश भर से करीब एक हजार कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। एक हजार रुपए पंजीयन शुल्क के साथ अधिकारी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। हालांकि चुनाव के लिए वोटिंग की स्थिति बनेगी ये अभी कह पाना मुश्किल है। कोशिश होगी कि आम सहमति से चुनाव हो जाए। दो बजे के बाद चुनाव की प्रक्रिया होगी शुरू सुबह 9 बजे से 11 बजे से तक पंजीयन हुए। इसके बाद ढ़ाई बजे से 3 बजे तक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार नामांकन फार्म दाखिल करेंगे। 3 से 3:15 बजे तक स्क्रूटनी होगी। 3:15 से 3:30 बजे तक नाम वापसी होगी। 4 बजे से मतदान होगा। ऑनलाइन वोटिंग कराकर बने थे अध्यक्ष सोशल मीडिया ग्रुप पर आनलाइन ग्रुप पर वोटिंग कराने के बाद अध्यक्ष बनाए गए इंदौर में पदस्थ नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान के निर्वाचन को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के संगठन मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की वर्तमान कार्यकारिणी ने अवैध घोषित किया है। इस बीच चौहान को अध्यक्ष पद के लिए प्रमोट करने वाले अफसरों की ओर से एक बार फिर तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बन चुके और संघ की वर्तमान कार्यकारिणी में शामिल तहसीलदारों को चुनौती दी गई है। संघ के अफसरों के सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल मैसेज में कहा गया है कि संघ के वरिष्ठ लोगों को इस निचले स्तर तक नहीं आना था लेकिन जैसी उनकी मर्जी। असली बनाम नकली की लड़ाई मीडिया पर निराकृत नहीं होगी। इसका निराकरण सक्षम न्यायालय में होगा और यदि वरिष्ठ मजबूर करेंगे तो वहां यह लड़ाई लड़ी भी जायेगी। चैट में कहा, पंजीयन और मान्यता नहीं है संघ की वायरल चैट के अनुसार यदि यह कानूनी लड़ाई लड़ी गई तो संघ के पंजीयन से लेकर मान्यता मिलने तक (जो कि मुझे पता है, अभी तक नहीं ली गई है) सभी दस्तावेज, सदस्यता पंजी, सदस्यता आवेदन, वार्षिक शुल्क पंजी, वार्षिक ऑडिट, वार्षिक सम्मेलनों के मिनिट्स, निर्वाचन के मिनिट्स, आय-व्यय आदि न्यायालय में बुलवाए जायेंगे और यदि संघ के खाते का वार्षिक ऑडिट नहीं हुआ पाया गया या ऑडिट में कुछ गड़बड़ पाई गई तो न्यायालय से ही जिम्मेवारी तय होगी और वहीं से अग्रिम कार्यवाही होगी। सीनियर को कहा, पुनर्विचार कर लें चैट में यह भी कहा गया है कि इन हालातों में सभी वरिष्ठ एक बार अपने कदमों पर पुनर्विचार कर लें और कम से कम वे तो कर ही लें, जिनके नाम लेटरहेड पर छपे हैं। इस बीच लेटरहेड वाले वरिष्ठ यदि चाहें तो सम्मान विदाई लेने के लिए स्वतंत्र हैं। रही बात भोपाल आने की, तो हम सब वहां बिलकुल पहुंचेंगे क्योंकि हमारे भी बहुत से सवाल है। तब तक उनके जवाब यदि आप देना चाहे तो आप दें। यदि लेटरहेड में लिखे वरिष्ठ देना चाहें, तो उन तक यह मैसेज प्रेषित कर दीजिएगा। इनके द्वारा किए गए सवाल में कहा गया है कि हाल ही में दो नायब तहसीलदारों को कलेक्टर ने निलंबित किया, तो यह जानते हुए भी कि कलेक्टर इसके लिए सक्षम नहीं है। आपने और संघ कार्यकारिणी ने क्या किया ?