ईरान के रैपर को सुनाई गई सज़ा-ए-मौत, क्या है वजह?

ईरान के एक रैपर को सरकार विरोधी प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए मौत की सज़ा सुनाई गई है. उनके वकील ने इसकी पुष्टि की है. साल 2022 में पुलिस की हिरासत में महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन को तूमज सालेही ने अपने गानों के ज़रिए समर्थन दिया था. सालेही के वकीलों में से एक आमिर रईसियन ने कहा कि उनके मुवक्किल इस सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करेंगे. ईरानी प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. सालेही को पहली दफ़ा अक्टूबर 2022 में गिरफ़्तार किया गया था. उस समय सालेही ने प्रदर्शनों के समर्थन में सार्वजनिक रूप से बयान दिया था. उन पर कई आरोप लगे थे. जुलाई 2023 में उन्हें छह साल और तीन महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई थी. उनके वकील ने बताया कि लेकिन इसी साल जनवरी में इस्फ़हान की रिवॉल्यूशनरी कोर्ट ने सालेही पर नए आरोप तय किए. सालेही को अदालत ने भ्रष्टाचार, सरकार के ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा फैलाने और दंगे भड़काने सहित कई आरोपों का दोषी पाया. अब उनके पास इस मौत की सज़ा के ख़िलाफ़ अपील दायर करने के लिए 20 दिन हैं.

ईरान के रैपर को सुनाई गई सज़ा-ए-मौत, क्या है वजह?
ईरान के एक रैपर को सरकार विरोधी प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए मौत की सज़ा सुनाई गई है. उनके वकील ने इसकी पुष्टि की है. साल 2022 में पुलिस की हिरासत में महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन को तूमज सालेही ने अपने गानों के ज़रिए समर्थन दिया था. सालेही के वकीलों में से एक आमिर रईसियन ने कहा कि उनके मुवक्किल इस सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करेंगे. ईरानी प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. सालेही को पहली दफ़ा अक्टूबर 2022 में गिरफ़्तार किया गया था. उस समय सालेही ने प्रदर्शनों के समर्थन में सार्वजनिक रूप से बयान दिया था. उन पर कई आरोप लगे थे. जुलाई 2023 में उन्हें छह साल और तीन महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई थी. उनके वकील ने बताया कि लेकिन इसी साल जनवरी में इस्फ़हान की रिवॉल्यूशनरी कोर्ट ने सालेही पर नए आरोप तय किए. सालेही को अदालत ने भ्रष्टाचार, सरकार के ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा फैलाने और दंगे भड़काने सहित कई आरोपों का दोषी पाया. अब उनके पास इस मौत की सज़ा के ख़िलाफ़ अपील दायर करने के लिए 20 दिन हैं.