घर की शोभा बढ़ा रहीं हर राज्य की गणेश प्रतिमा:एक अनोखा भक्त, जिसके घर में गणपति बाबा की 1000 से अधिक प्रतिमाएं

शाजापुर में गणपति बप्पा के एक ऐसे भक्त हैं, जिन्होंने उनकी एक हजार से अधिक प्रतिमाएं एकत्रित करके अपने घर में रखी हुई हैं। इन्हें गणपति बप्पा की अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं एकत्रित करने का शौक है। शाजापुर के लालपुरा निवासी होटल व्यवसायी रामकृष्ण उर्फ गोलू भावसार जिन्होंने बप्पा की हर तरह की प्रतिमाएं अपने घर में रखी हुई हैं। अपने परिवार या दोस्तों के साथ ये कहीं भी घूमने जाते हैं या किसी पारिवारिक आयोजन में भी शामिल होते हैं, तो उस शहर से बप्पा की सबसे सुंदर प्रतिमा खरीदना नहीं भूलते। रामकृष्ण गोलू भावसार ने दैनिक भास्कर को चर्चा में बताया कि पहले उनके पिता स्व. आनंदीलाल भावसार प्रतिमाएं खरीदकर लाते थे और उन्हीं की प्रेरणा से आज वे इस क्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। आज स्थिति ये है कि इनके यहां मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, राजस्थान के कई शहरों की आकर्षक प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। जिनकी सुंदरता देखते ही मन मोह लेती हैं। रामकृष्ण के मुताबिक उनके यहां अब तक एक हजार से अधिक प्रतिमाएं हैं, जो एक नहीं बल्कि हर शहर से एकत्रित की हुई हैं। इनके दिन की शुरूआत बप्पा की आराधना से होती है, इसके बाद ही ये घर से निकलते हैं। केवल वे ही नहीं बल्कि उनके घर का हर सदस्य बप्पा को प्रणाम कर और उनका आशीर्वाद लेकर ही घर से निकलते हैं। वे बताते हैं कि जब भी हमने खुद को संकट में पाया बप्पा ने हमे उससे उबारा है। इसलिए हमारे पूरे परिवार की उनसे विशेष आस्था है और गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी पर्व तक उनके यहां विशेष आयोजन होते हैं।

घर की शोभा बढ़ा रहीं हर राज्य की गणेश प्रतिमा:एक अनोखा भक्त, जिसके घर में गणपति बाबा की 1000 से अधिक प्रतिमाएं
शाजापुर में गणपति बप्पा के एक ऐसे भक्त हैं, जिन्होंने उनकी एक हजार से अधिक प्रतिमाएं एकत्रित करके अपने घर में रखी हुई हैं। इन्हें गणपति बप्पा की अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं एकत्रित करने का शौक है। शाजापुर के लालपुरा निवासी होटल व्यवसायी रामकृष्ण उर्फ गोलू भावसार जिन्होंने बप्पा की हर तरह की प्रतिमाएं अपने घर में रखी हुई हैं। अपने परिवार या दोस्तों के साथ ये कहीं भी घूमने जाते हैं या किसी पारिवारिक आयोजन में भी शामिल होते हैं, तो उस शहर से बप्पा की सबसे सुंदर प्रतिमा खरीदना नहीं भूलते। रामकृष्ण गोलू भावसार ने दैनिक भास्कर को चर्चा में बताया कि पहले उनके पिता स्व. आनंदीलाल भावसार प्रतिमाएं खरीदकर लाते थे और उन्हीं की प्रेरणा से आज वे इस क्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। आज स्थिति ये है कि इनके यहां मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, राजस्थान के कई शहरों की आकर्षक प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। जिनकी सुंदरता देखते ही मन मोह लेती हैं। रामकृष्ण के मुताबिक उनके यहां अब तक एक हजार से अधिक प्रतिमाएं हैं, जो एक नहीं बल्कि हर शहर से एकत्रित की हुई हैं। इनके दिन की शुरूआत बप्पा की आराधना से होती है, इसके बाद ही ये घर से निकलते हैं। केवल वे ही नहीं बल्कि उनके घर का हर सदस्य बप्पा को प्रणाम कर और उनका आशीर्वाद लेकर ही घर से निकलते हैं। वे बताते हैं कि जब भी हमने खुद को संकट में पाया बप्पा ने हमे उससे उबारा है। इसलिए हमारे पूरे परिवार की उनसे विशेष आस्था है और गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी पर्व तक उनके यहां विशेष आयोजन होते हैं।