वानर का 1.3 करोड़ वर्ष पुराना जीवाश्म मिला
देहरादून। अनुसंधानकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल को जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले में वानर की नयी खोजी गई प्रजाति का 1.3 करोड़ वर्ष पुराना जीवाश्म मिला है। यह आधुनिक समय के लंगूर का प्राचीनतम ज्ञात पूर्वज है।
इस खोज के निष्कर्ष पत्रिका प्रोसीडिंग्स आफ द रॉयल सोसाइटी बी में प्रकाशित हुआ है। इससे इस बारे में नयी जानकारी मिली है कि वर्तमान समय के लंगूर के पूर्वज कब अफ्रीका से एशिया में आये थे। यह जीवाश्म कपि रमनागरेंसिस प्रजाति के वानर के निचले चव का है, जिसके बारे में पहले जानकारी नहीं थी। यह लगभग एक सदी में रामनगर के प्रसिद्ध जीवाश्म स्थल पर खोजी गई पहली नई जीवाश्म वानर प्रजाति का प्रतिनिधित्व करता है। अमेरिका में एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता क्षेत्र में एक छोटी पहाड़ी पर चढ़ रहे थे, जहां एक साल पहले वानर के एक जबड़े का जीवाश्म मिला था। दल जब उस स्थल पर कुछ देर के लिए आराम करने के लिए रुका तो उन्हें जमीन पर कुछ चमकीला दिखा। अमेरिका में न्यूयार्क स्थित सिटी यूनिवर्सिटी के क्रिस्टोफर सी. गिलबर्ट ने कहा, हमें तत्काल पता चल गया कि यह वानर का दांत है लेकिन यह पूर्व में क्षेत्र में मिले वानरों के किसी दांत जैसा नहीं दिख रहा था। गिल्बर्ट ने कहा, चव के आकार से, हमारा प्रारंभिक अनुमान यह है कि यह एक लंगूर के पूर्वज का हो सकता है, लेकिन ऐसे वानर के जीवाश्म का कोई रिकॉर्ड वस्तुत: नहीं हंै।
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