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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी कार्य किए जाते हैं, उसका शुभ फल प्राप्त होता है। इस पावन पर्व को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया का पावन पर्व आज मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया के शुभ दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के पावन दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम जी का जन्म हुआ था।
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हैदराबाद तेलंगाना सरकार ने रमजान के दौरान इच्छुक कोविड-19 मुस्लिम मरीजों को पौष्टिक भोजन सुनिश्चित कराने के लिए अस्पतालों को निर्देश दिए हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने इस मामले को लेकर हैदराबाद के गांधी अस्पताल को निर्देश दिए हैं। गांधी अस्पताल कोविड-19 के मरीजों का नोडल केंद्र है। अस्पताल को मुस्लिम मरीजों को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद पौष्टिक और संतुलित भोजन देने के लिए कहा गया है।बता दें कि रमजान के दौरान मुस्लिम दिन में पानी तक नहीं पीते हैं। यह उनका पवित्र महीना होता है इसलिए मरीजों में भी रोजा रखने की इच्छा होगी। एक अस्थायी मेन्यू के अनुसार रोजा रखने वाले मरीजों को रमजान के महीने के दौरान सुबह 3.30 बजे ब्रेड, चावल, दाल और सब्जी दी जाएगी। साथ ही वैकल्पिक दिनों में चिकन और मटन भी उपलब्ध कराया जाएगा। रोजा तोडऩे के लिए उन्हें उन्हें टमाटर की चटनी और चिकन फ्राई के साथ चावल या सब्जी बिरयानी परोसी जाएगी। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि उपवास करने वाले मुस्लिम रोगियों को अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने के लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट मिलते रहें जो कोविड-19 से खिलाफ लडऩे के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करेंगे।
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दिल्ली में 47 सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के जवानों में से 9 को नरेला (दिल्ली) के संगरोध केंद्र में भेजा गया था, जिन्होंने सीओवीआईडी -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है। उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया है। सभी को दिल्ली में तैनात किया गया था.
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लॉकडाउन में देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे अपने मजदूरों के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों को सरकार मध्यप्रदेश वापस लाएगी. शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की है.
इसके लिए जल्द ही मजदूरों की जानकारी जुटाने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी. अन्य राज्यों से मजदूर प्रदेश वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों से चर्चा भी की है. सभी मुख्यमंत्रियों ने शिवराज सिंह चौहान को अपने-अपने राज्य की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है.सरकार अन्य प्रदेशों में फंसे व्यक्तियों को लाने के लिए उनके परिवारजनों को मध्यप्रदेश से जाने की अनुमति भी देगी. इसी के साथ मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों के फंसे हुए मजदूरों को भी उनके प्रदेशों में जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी.सिर्फ अन्य प्रदेश ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में ही एक जिले के दूसरे जिले में फंसे मजदूर भी अपने जिलों को लौट सकेंगे. इस संबंध में जल्द ही सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश जारी जाएंगे.इंदौर से आना-जाना रहेगा प्रतिबंधितहालांकि इस फैसले से इंदौर ज़िले में फंसे या इंदौर के रहने वाले ऐसे मजदूर जो अन्य ज़िले या अन्य प्रदेश में फंसे है या मध्यप्रदेश के अलग-अलग संक्रमित क्षेत्रों फंसे है उनको राहत नहीं मिलेगी.सरकार ने तय किया है कि मध्यप्रदेश के सभी संक्रमित क्षेत्रों और इंदौर जिले से किसी भी मजदूर को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि इससे संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहेगा.सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगाफैसल की जानकारी देते हुए सीएम शिवराज ने बताया कि यह कार्य पूरी सावधानी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया जाएगा. राज्य और जिले की सीमाओं पर वापस लौटने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण की पूरी व्यवस्था की जाएगी. -
नई दिल्ली कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सभी ग्राम पंचायतों के प्रमुखों को संबोधित किया। पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने नए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप की शुरुआत की। इस पोर्टल के जरिए ग्राम पंचायतों की समस्या, उनसे जुड़ी जानकारी एक जगह पर मौजूद रहेगी। यहां अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट से हमें सबक मिला है कि अब आत्मनिर्भर होना काफी जरूरी है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री बोले कि कोरोना संकट के बीच गांव वालों ने दुनिया को बड़ा संदेश दिया। गांव वालों ने सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बल्कि दो गज दूरी का संदेश दिया, जिसने कमाल कर दिया।मोदी ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला के मोहम्मद इकबाल से बात की। इकबाल ने बताया कि उन्होंने गांव के हर ब्लॉक को कोरोना वायरस और लॉकडाउन की जानकारी दी, यहां सिर्फ एक ही केस सामने आया था। इस दौरान कर्नाटक के एक व्यक्ति से बात करते हुए पीएम ने कहा कि आजकल वो गांव के प्रमुख से लेकर देशों के प्रमुख तक से बात कर रहे हैं।इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने सभी के काम करने के तरीके को बदल दिया है, अब हम आमने-सामने होकर बातें नहीं कर पा रहे हैं। पंचायती राज दिवस गांव तक स्वराज पहुंचाने का अवसर होता है, कोरोना संकट के बीच इसकी जरूरत बढ़ गई है।मोदी ने कहा कि कोरोना संकट से कई तरह की मुसीबतें आईं, लेकिन इससे हमें संदेश भी मिला है। कोरोना संकट ने हमें सिखाया कि अब हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा, बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों को झेल पाना मुश्किल है। आज बदली हुई परिस्थितियों ने हमें आत्मनिर्भर बनना याद दिलाया है, इनमें ग्राम पंचायतों का मजबूत रोल है। इससे लोकतंत्र भी मजबूत होगा।पीएम मोदी बोले कि 5-6 साल पहले देश की सिर्फ 100 पंचायत ब्रॉडबैंड से जुड़ी थी, लेकिन आज सवा लाख पंचायतों तक ये सुविधा पहुंच गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन वेबसाइट को शुरू किया गया है, उसके जरिए गांव तक जानकारी और मदद पहुंचने में तेजी आएगी।ग्राम पंचायतों के प्रमुखों से पीएम ने कहा कि अब गांव की मैपिंग ड्रोन के जरिए की जाएगी, जबकि बैंक से ऑनलाइन लेने में भी मदद मिलेगी। अभी इसकी शुरुआत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कुल 6 राज्यों में इसकी शुरुआत हो रही है, फिर हर गांव तक इसे ले जाया जाएगा।गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से देश में लॉकडाउन है और सभी सरकारी कार्यक्रम अब वीडियो काँफे्रंस के जरिए ही हो रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्यमंत्रियों, कई क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और वाराणसी में भाजपा कार्यकर्ताओं को वीडियो काँफे्रंस के जरिए ही संबोधित कर चुके हैं।राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की पूर्व संध्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज मंत्री नरेंद्र तोमर को खत लिखकर बधाई दी थी। इस दौरान उन्होंने देश के विकास में पंचायतों के योगदान का जिक्र किया, साथ ही ग्राम पंचायतों की तुलना कोरोना वारियर्स से की।इस पत्र में पीएम मोदी ने कहा है कि महात्मा गांधी का मानना था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। हमारी सरकार इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है कि एक सशक्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था देश के विकास की कुंजी है। -
नईदिल्ली। रामायण, महाभारत को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिलने के बाद अब दूरदर्शन पर ‘श्री कृष्णा’ की वापसी हो रही है। ‘श्री कृष्णा’ का निर्देशन भी रामानंद सागर ने दिया था। डीडी नेशनल ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट किया, खुशखबरी..हमारे दर्शकों के लिए !! जल्द आ रहा ‘श्री कृष्णा’।
कुछ दिनों पहले दर्शकों ने रामायण और महाभारत के बाद श्री कृष्णा के फिर से प्रसारण की मांग की थी और अब उनकी ये मांग भी पूरी हो गई है।बता दें कि रामानंद आर्ट्स के प्रोडक्शन में बना ये शो 1993 में दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित हुआ था और इसके बाद 1996 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था।शो में श्री कृष्ण का किरदार सर्वदमन डी. बनर्जी ने निभाया था। सर्वदमन बनर्जी को इस शो से काफी पॉपुलैरिटी मिली थी। लोग उन्हें सच में भगवान कृष्ण ही समझते थे। वह रामायण, ‘अर्जुन’, ‘जय गंगा मैया’ और ‘ओम नम: शिवाय’ जैसे शोज में भी नजर आए हैं।बता दें कि 14वें हफ्ते के टीआरपी लिस्ट में रामायण ने बाजी मारी थी। रामायण शो को सबसे ज्यादा देखा गया था जिस वजह से ये शो टीआरपी में फिर टॉप पर रहा।रामायण के बाद दूसरे नंबर पर शो महाभारत था। बता दें कि महाभारत डीडी भारती और डीडी रेट्रो पर आता है।वैसे बता दें कि इस शो में तीन एक्टर्स ने श्री कृष्ण का किरदार निभाया था। श्री कृष्ण के बचपन का किरदार अशोक कुमार ने निभाया था, वहीं जवान कृष्ण का किरदार स्वप्निल जोशी ने निभाया था और बड़े श्री कृष्ण का किरदार सर्वदमन डी. बनर्जी ने निभाया था। -
देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1229 नए मामले सामने आए हैं और 34 लोगों की मौत हो गई है। देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 21,700 हो गई है, जिसमें 16,689 सक्रिय हैं, 4325 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 686 लोगों की मौत हो गई है।
ओडिशा सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बालासोर, भद्रक और जाजपुर जिलों में आज रात 10 बजे से 26 अप्रैल तक यानी 60 घंटे के पूर्ण बंद की घोषणा की हैतेलंगाना में आज कोरोना के 23 नए मामलेतेलंगाना में आज कोरोना के 23 नए केस सामने आए हैं। इसी के साथ राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 970 हो गई है, जिनमें से 25 लोगों की मौत हो गई है जबकि 262 लोग ठीक हो चुके हैं।अब तक, 37 रियल टाइम पीसीआर किट को आईसीएमआर सत्यापन केंद्रों द्वारा मान्य किया गया है। इसमें 17 कंपनियों की पीसीआर किट शामिल हैं। -
नई दिल्ली देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। और पिछले 24 घंटों के दौरान 1409 नये मामले दर्ज किये जाने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 21 हजार के पार पहुंच गयी तथा इस दौरान इस संक्रमण के कारण 41 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 681 हो गया है। देश के विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के अब तक कुल 19,984 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 77 विदेशी मरीज शामिल हैं। कोरोना से संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की रफ्तार भी तेज हुई है और पिछले 24 घंटों में कोरोना से संक्रमित 388 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 4,258 पर पहुंच गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार सुबह जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है।
कोरोना से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या में एक दिन में 434 की वृद्धि दर्ज की गयी और कुल आंकड़े 5,652 पर पहुंच गये। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 18 और लोगों की मौत के बाद इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 269 हो गयी है। राज्य में 789 संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। गुजरात पिछले 24 घंटे के दौरान 229 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। गुजरात में संक्रमितों की कुल संख्या में 2,407 हो गयी है तथा 13 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 103 पर पहुंच गयी है। इसके बाद देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है जहां पिछले 24 घंटाें में 92 नये मामले दर्ज किये जाने के कारण अब तक कुल 2,248 लोग इस महामारी से संक्रमित हुए हैं तथा इस दौरान मरने वालों की संख्या एक बढ़कर 48 हो गयी है।राजधानी में कुल 724 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वहीं राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान 231 नये मामले सामने आये है और इनका आंकड़ा बढ़कर 1,890 हो गया। राज्य में संक्रमण से दो और लोगों की मौत के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गयी है। तमिलनाडु में 33 नये संक्रमित सामने आये है और संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1,629 हो गई तथा राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 18 है। मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 40 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की संख्या 1,592 हो गयी तथा मरने वालों की संख्या चार बढ़कर 80 हो गयी। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में संक्रमण के 155 नये मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1,449 हो गई है तथा इस दौरान एक व्यक्ति की मौत के बाद मृतकों की संख्या 21 हो गयी है और अभी तक 173 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।तेलंगाना में इस दौरान 17 नये मामले सामने आये और संक्रमितों की कुल संख्या 945 हो गयी। राज्य में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या में पिछले 24 घंटों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह संख्या 23 पर बनी हुई है। केरल में 438 लोग संक्रमित हुए हैं और तीन लोगों की मौत हुई है। दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में 813 और कर्नाटक में 427 लोग संक्रमित हैं तथा इन राज्यों में क्रमश: 24 और 17 लोगों की मौत हुई है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या 407 है और पांच लोगों की मौत हुुई है। इसके अलावा पंजाब में 16, पश्चिम बंगाल में 15, हरियाणा और झारखंड में तीन-तीन, बिहार में दो तथा मेघालय, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और असम में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। -
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से ही काम कर रहे हैं। ऐसे में ऑफिस की मीटिंग के लिए वीडियो कॉलिंग ऐप Zoom और Google Meet का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। हाल ही में Zoom ऐप यूजर्स के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है और इसकी खासियत है कि इसमें एक समय में एक साथ 100 से ज्यादा लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिए कनेक्ट हो सकते हैं। लेकिन इस बीच ये भी खबर सुर्खियों में रही कि Zoom ऐप में यूजर्स को डाटा लीक किया जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने अब एक ‘ऐप चैलेंज’ लॉन्च किया है। इस चैलेंज के तहत जीतने वाली टीम को 1 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा।
केंद्र सरकार की वेबसाइट mygov.in पर जारी किए गए इस ऐप चैलेंज में Zoom ऐप जैसे बनाने के लिए कहा गया है। साथ ही यह जानकारी दी गई है कि चैलेंज में जीतने वाली टीम को एक करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। चैलेंज के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं और रजिस्ट्रेशन की आखिरी डेट 30 अप्रैल है। यानि जो भी इस चैलेंज में हिस्सा लेना चाहता है उसे 30 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद 29 जून को सरकार रिजल्ट की घोषणा करेगी। जीतने वाली टीम को केंद्रीय सूचना एंव तकनीकी मंत्रालय की ओर से सर्टिफिकेट और 1 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा।वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार सरकार ने इस ऐप चैलेंज के लिए कुछ नियम व शर्ते भी रखी हैं। जैसे कि यह ऐप सभी डिवाइसेज को सपोर्ट करने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है कि ये कम डाटा खर्च के साथ ही कमजोर नेटवर्क पर भी काम कर सके। इसके अलावा ऐप में ट्रांसफर होने वाला डाटा इनक्रिप्टेड फॉर्मेट में होना चाहिए।
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शाहजहांपुर 21 अप्रैल 2020। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक किसान ने देश के लोगों के प्रति प्रेम और समर्पण की मिसाल पेश करते हुए 223 क्विंटल गेहूं की पूरी फसल प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दी। किसान ने पूरी फसल मंडी सचिव को सौंप दी है ताकि कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के दौरान इस फसल से सैकड़ों जरूरतमंदों का पेट भर सके। शाहजहांपुर के निगोही क्षेत्र में तैनात लेखपाल गुरु प्रकाश चौधरी ने मंलवार को यहां बताया कि गुजरात में बड़ौदा के निवासी धर्मेंद्र सिंह लाठर ने गुलरिया चकझाऊ गांव में 12 एकड़ जमीन खरीदी थी। खेती में गेहूं की उनकी पहली फसल पैदा हुई जिसे उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में देने का फैसला किया। सोमवार को किसान के भाई सुरेंद्र गेहूं लेकर मंडी पहुंचे और 223 क्विंटल गेहूं मंडी सचिव को सौंप दिया।
लेखपालों की निगरानी में गेहूं का वजन किया गया और मंडी में गेहूं प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए रखवा दिया गया। किसान का कहना है कि पैसा तो सभी लोग दान कर रहे हैं लेकिन दान किए गए इस गेहूं से इलाके के सैकड़ों लोगों का पेट भर सकेगा। अपनी फसल दान करने वाले किसान लॉकडाउन के कारण गुजरात से आ नहीं सके लेकिन उन्होंने अपने भाई की मदद से अपनी पहली फसल प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दी। कोरोना से लड़ने के लिए ऐसे ही जज्बातों की जरूरत है। हर कोई किसान के इस कदम की सराहना कर रहा है। -
नई दिल्ली। चीन ने की भारत के नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों की आलोचना की। चीन ने सोमवार को कहा कि ये विश्व व्यापार संगठन के सिद्धांतों के विरूद्ध है और मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार के खिलाफ है। दिल्ली स्थित चीन के दूतावास की प्रवक्ता जी रॉन्ग ने बयान में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत ये भेदभाव वाली नीति बदलेगा और अलग-अलग देशों के निवेश से एक जैसा बर्ताव रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से लगाई रोक के नियमों के खिलाफ हैं और जी-20 के आम समझौते के खिलाफ भी है। कंपनियां कहां निवेश करती हैं वो वहां के बिजनेस के माहौल और आर्थिक स्थिति पर नजर रखती हैं, कोविड-19 से बने खराब आर्थिक माहौल में देशों को मिलकर काम करना चाहिए।
कोरोना महामारी के दौरान चीनी निवेश और भारतीयों कंपनियों के टेकओवर को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पिछले हफ्ते एफडीआई नियमों में बड़ा बदलाव किया था. इस बदलाव के बाद कोई भी विदेशी कंपनी किसी भारतीय कंपनी का अधिग्रहण विलय नहीं कर सकेगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने बताया, भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के निकाय अब यहां सिर्फ सरकार की मंजूरी के बाद ही निवेश कर सकते हैं. भारत में होने वाले किसी निवेश के लाभार्थी भी यदि इन देशों से होंगे या इन देशों के नागरिक होंगे, ऐसे निवेश के लिये भी सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी। दरअसल सरकार को लगता है चीनी कंपनिया भारतीय कंपनियों के अधिग्रहण या खरीदने की फिराक में हैं इसलिए सरकार ने ये कदम उठाया है. चीनी कंपनियों को इस तरह के कदम से रोकने के लिए कई अन्य देश पहले ही नियमों को कड़ा कर चुके हैं। इटली, स्पेन और जर्मनी ने भी अपने एफडीआई नियमों में बदलाव किया है। -
दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर हर तरफ जारी है। इससे कोई भी बचा नहीं है। अब देश के सबसे सुरक्षित स्थान राष्ट्रपति भवन में भी इस खतरनाक वायरस ने ऐंट्री ले ली है। इस खुलासे के बाद कोरोना से लड़ाई में जुटी एजेंसियों के होश उड़े हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति भवन में भी कोरोना ने दस्तक दे दिया है। राष्ट्रपति भवन में काम करने वाले एक सफाईकर्मी की बहू कोरोना पॉजिटिव मिली है। वह अपने परिवार के साथ राष्ट्रपति भवन के परिसर में ही रहती है। इस खुलासे के बाद परिसर में रहने वाले 125 परिवारों को होम क्वारंटीन किया गया है। एजेंसियों ने इनको अपने अपने घरों में रहने को कहा है। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम राष्ट्रपति भवन में काम करने वाले एक एक सदस्य की जांच में जुटी है।राष्ट्रपति भवन परिसर जैसे वीवीआईपी इलाके में क़ोरोना की दस्तक से सरकारी एजेंसियों के होश उड़ गए हैं। इस महिला को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद पूरे राष्ट्रपति भवन परिसर में हड़कंप मच गया है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि महिला का पति राष्ट्रपति भवन में ही काम करने वाले अंडर सेक्रेट्री लेवल के एक आईएएस अधिकारी के दफ्तर में काम करता था। इसे देखते हुए अधिकारी ने एहतियातन खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। एजेंसियां ये पता लगाने में लगी हैं कि कहीं इनमें से कोई भी राष्ट्रपति से तो नहीं मिला है। फिलहाल कई टीमें राष्ट्रपति भवन में डेरा डाले हैं। -
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में मंगलवार को पांच लोग जुड़ गए. इनमें नरोत्तम मिश्रा, तुलसीराम सिलावट, कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत और मीना सिंह शामिल हैं.
शिवराज सिंह मंत्रिमंडल का सदस्य बने पांच मंत्रियों में से दो गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट उन विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे. वहीं इस शपथ ग्रहण के भाजपा के दिग्गज नेता गोपाल भार्गव को बड़ा झटका लगा है, उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही थी. वहीं भाजपा के भूपेंद्र सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना थी.बता दें कि 23 मार्च को शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से अब तक किसी भी अन्य मंत्री ने शपथ नहीं ली थी. इस बीच कोरोना वायरस के फैसले प्रकोप के मद्देनजर बिना स्वास्थ्य मंत्री के सरकार चलने की आलोचना हो रही थी. अब पांच मंत्रियों के शपथ लिए जाने से बड़ी आलोचना को विराम लगा है. -
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पौड़ी में अपने पिता आनंद सिंह बिष्ट के अंतिम संस्कार में शामिल नही होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बाबत अपने परिवार को एक पत्र भी लिखकर अपील की है।
उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण से जंग के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताने के साथ ही माँ से भावुक अपील की। उन्होंने लिखा है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए पिता जी के अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों।मां को सम्बोधित पत्र में उन्होंने लिखा है कि पिता को श्रद्धांजलि। हम अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिखा है कि पिताजी के कैलाशवाली होने पर मुझे भारी दुख और शोक है।
वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम और निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं अंतिम दर्शन न कर सका। कल 21 अप्रैल को लॉकडाउन के कारण अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाऊंगा।सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए परिवार से अपील की लॉकडाऊन का पालन में कम से कम अंतिम संस्कार में लोग शामिल हो। मैं लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनके दर्शनार्थ के लिए आऊंगा। उन्होंने कहा है कि वह कल पौड़ी में पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जा रहे हैं। उनकी भी पिता के अंतिम दर्शन की इच्छा थी पर कोरोना की लड़ाई की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रहे। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।
एम्स दिल्ली में आज निधन होने के बाद उनके पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पंचूर यमकेश्वर जनपद पौड़ी लाया जाएगा। दिल्ली से उनके सीएम योगी आदित्यनाथ के छोटे भाई महेंद्र सिंह बिष्ट व अन्य स्वजन साथ में है। उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग के जरिये लाया जाएगा। इसके साथ ही पंचूर (पौड़ी) के समीप थल नदी में दो हेलीपैड बनाए गए हैं।संत बनने के बाद परिवार के नाम पर कोई नहीं होता
हमारी सनातन संस्कृति में संत बनने के बाद परिवार के नाम पर कोई नहीं होता। अगर लोक बंधन के संबंध रिश्ते जीवित हैं तो वह संत कदापि नहीं हो सकता! इन्हीं मर्यादाओं का पालन करते हुए जिन्होंने सन्यास जीवन को धारण किया है उनके लिए संसार में सभी सगे हो सकते हैं! लेकिन परिवार के रिश्ते नाते नहीं। भगवान राम भी अपने 14 साल के सन्यासी वनवास काल में अपने पिता दशरथ की मृत्यु की खबर मिलने के बाद भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए थे।
निधन की सूचना मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ की आंखें नम हो गईं
इससे पहले आज पिता के निधन की सूचना मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ की आंखें नम हो गईं, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अपनी कोर टीम की बैठक उन्होंने जारी रखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोर टीम के साथ बैठक करते रहे। बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोटा से उत्तर प्रदेश लौटे सभी बच्चों का का होम क्वारंटाइन कराना सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही सभी बच्चों के मोबाइल में आरोग्य सेतु डाउनलोड कराने के बाद उनको घर भेजा जाए।
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पूरी दुनिया कोरोना (Coronavirus) संकट के भयावह दौर से गुजर रही है. पूरी दुनिया के 5 महाद्वीपों के करीब 146 देशों में वायरस का संक्रमण (virus infection) फैला है. सबसे गौर करने वाली बात है कि अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस और यूके जैसे देशों में वायरस की वजह से सबसे ज्यादा मौतें (deaths) हुई हैं. इन देशों में पूरी दुनिया की 73 फीसदी मौतें हुई हैं.
हैरानी की बात है कि इन देशों में दुनिया का सबसे बेहतरीन हेल्थ केयर सिस्टम (health care system) है. इसका मतलब है कि अच्छा हेल्थ केयर सिस्टम भी आपको महामारी (epidemic) से नहीं बचा सकता है. सवाल उठता है कि फिर हमें कौन बचा सकता है? क्यों बहुत से देश अपने यहां कोरोना के संकट को अच्छे से संभाल पाए और कुछ देश अब तक संक्रमण से निपटने में संघर्ष कर रहे हैं?मीडियम डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के संकट का ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, साउथ कोरिया, जर्मनी, कनाडा और भारत जैसे देशों ने अच्छे से मुकाबला किया. इन देशों में बाकी देशों की तुलना में कम मौतें हुई हैं. ऑस्ट्रेलिया में प्रति 10 लाख में 2, सिंगापुर में 1, साउथ कोरिया में 4, जर्मनी में 31, कनाडा में 13 और भारत में 0.2 मौतें दर्ज की गई हैं.महामारी से निपटने में राजनीतिक नेतृत्व रहा अहम फैक्टरइन देशों में कोरोना के संकट से अच्छी तरह से निपटने मे हेल्थ केयर सिस्टम के अलावा कई फैक्टर ने काम किया. देश कितने दूर-दराज के इलाकों तक बसा है, उसकी आबादी कितनी घनी है और वहां का नेतृत्व कैसा है, जैसे फैक्टर अहम रहे. कोई ये कह सकता है कि हेल्थ केयर सिस्टम की वजह से कुछ देशों ने कोरोना के संकट का बेहतर जवाब दिया और उससे अपने देश को ज्यादा प्रभावित होने से बचा पाए. लेकिन सिर्फ हेल्थ केयर सिस्टम आधी कहानी ही कहती है. कोरोना के संकट से अच्छे तरह से निपटने वाले देश तकरीबन हेल्थ रैंकिंग में टॉप 50 में आते हैं. भारत का स्थान इसमें 118वां है.संकट से निपटने में सबसे अहम फैक्टर रहा है, संक्रमण की चपेट में आए देश का राजनीतिक नेतृत्व. इन देशों के राजनीतिक नेतृत्व ने महामारी से निपटने में बेहतर कदम उठाए, इसलिए वो अपने देशों पर कोरोना के प्रभाव को कम कर सके. अब सवाल उठता है कि इन देशों के राजनीतिक नेतृत्व ने ऐसा क्या किया और बाकी के देशों को इससे क्या सबक लेना चाहिए.सिंगापुर से सीखी जा सकती हैं ये 5 बातेंसिंगापुर की बात करें तो ये एक छोटा सा देश है. भौगोलिक क्षेत्र और आबादी दोनों के लिहाज से. इसके पहले भी सार्स जैसी महामारी को फैलने से रोकने में सिंगापुर कामयाब रहा था. सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कोरोना पर तुरंत एक्शन लिया. सिंगापुर के तौर तरीकों से ये 5 बातें सीखी जा सकती हैं -
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी में एक महिला ने जान से मारने की धमकी दी है। जिसके बाद पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए। पुलिस ने आननफानन में मुकदमा दर्ज कर धमकी देने वाली की गिरफ्तारी के प्रयास शुरु कर दिये हैं।
पुलिस ने धमकी देने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। दरअसल, प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार को मजदूरों और कामगारों क़ो सरकार द्वारा मदद करने की अपील की थी और उनको घर सुरक्षित पहुंचाने की सलाह भी सरकार को दी। इससे गुस्साई एक महिला ने ट्विटर पर प्रियंका को जान से मारने की धमकी दे दी। इसके बाद एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने बस्ती कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई है।ट्विटर पर आरती पांडेय नाम की महिला ने ट्विटर अकाउंट से प्रियंका को जान से मारने की धमकी दी है। यूपी कांग्रेस ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री को कोरोना वायरस महामारी से संबंधित कई सलाह दी हैं। जिनसे ये महिला खासी खफा है। इसके बाद बस्ती की आरती पांडेय नाम की महिला ने अपने ट्विटर हैंडल @आरती पांडेय यूपी51 से कमेंट करते हुए कांग्रेस महासचिव को गोली मार देने की धमकी दे डाली। -
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार से कोरोना वायरस के संक्रमण मुक्त इलाकों में सीमित छूट देने की बात कही है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है. इसी बीच, कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन में कोई छूट नहीं देने का फैसला किया है. थोड़ी बहुत भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है. लोग जानना चाहते हैं कि 20 अप्रैल से क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा. क्या ऑनलाइन ऑर्डर देकर कोई सामान मंगवाया जा सकता है? या फिर ऑनलाइन फूड डिलीवरी जारी रहेगी या बंद रहेगी. ऐसे तमात सवालों के जवाब आप एक नजर में यहां जान सकते हैं.
कहां मिलेगी छूटस्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा है कि कोरोना के संक्रमण से मुक्त रहे इलाकों में लॉकडाउन के नियमों में सीमित छूट दी जाएगी. लेकिन यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव वाले हॉटस्पॉट जिलों में तीन मई तक कोई छूट नहीं मिलेगी. इन जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाया जाएगा. हॉटस्पॉट से आशय उन इलाकों से है जिनमें संक्रमण के काफी अधिक मामले पाए गए या जिनमें संक्रमण के मामले चार दिन में दोगुना होने की दर पाई गई हो.किन-किन क्षेत्रों में छूट मिलेगीसंक्रमण मुक्त क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कृषि संबंधी गतिविधियों की छूट दी जाएगी. इन इलाकों में विभिन्न गतिविधियों की आंशिक छूट मिलेगी, उन क्षेत्रों में यात्रा सेवाए, शैक्षिक संस्थान, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां पहले की तरह ही तीन मई तक प्रतिबंधित होंगी. सिनेमा तथा मॉल सहित आवश्यक सेवाओं से इतर अन्य सेवाओं से जुड़े सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे.आईटी और आईटीईएस क्षेत्र को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होने इजाजत दी जाएगी. स्वरोजगार वाले इलेक्ट्रेशियन, सूचना प्रौद्योगिकी मरम्मत, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, बढ़ई को भी लोगों के लिये सेवा उपलब्ध करने की इजाजत होगी. राजमार्गों के किनारे स्थित ढाबा, ट्रक मरम्मत दुकानें और सरकारी गतिविधियों के लिये कॉल सेंटर भी 20 अप्रैल से खुलेंगे. गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए एयर कंडीशनर्स, एयर कूलर, पंखों की बिक्री तथा उनकी मरम्मत की दुकानों को भी आवश्यक सामान या सेवाओं के दायरे में लाया गया है तथा उन्हें खुलने और काम करने की अनुमति दी गई है.गैर-जरूरी वस्तुओं पर लगाई पाबंदीसरकार ने रविवार को यू-टर्न लेते हुए लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी. गौरतलब है कि चार दिन पहले ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और रेडीमेड परिधान आदि की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब इस ‘छूट’ को वापस ले लिया गया है. 15 अप्रैल को जारी आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर-जरूरी सामान की बिक्री की अनुमति दी गई थी. ई-कॉमर्स कंपनियों ने आर्डर लेने शुरू कर दिए थे लेकिन फैसला वापस ले लिया गया क्योंकि ऐसा महसूस हुआ कि सामानों की सूची बहुत व्यापक है और इससे कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लागू पाबंदियों पर असर पड़ सकता है. -
दुनियाभर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 24,06,823 पहुंच गई है. 1,65,054 लोगों की मौत हुई है. वेबसाइट वल्डोमीटर के मुताबिक अमेरिका में 763,832, स्पेन में 198,674, इटली में 178,972, फ्रांस में 152,894 मामले सामने आए हैं. अमेरिका में 40,553, स्पेन में 20,453, इटली में 23,660, फ्रांस में 19,718, चीन में 4,632 लोगों की मौत हुई है.
अमेरिका में मरने वालों की संख्या 40,000 के पार पहुंचीअमेरिका इस महामारी से अब सबसे अधिक प्रभावित देश है. अमेरिका में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 40,000 को पार गई. अमेरिका में 40,553 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 763,832 मामले सामने आए हैं. कम से कम 71,003 मरीज स्वस्थ हो गए हैं.यूरोप में अब तक 101493 की मौतयूरोप में अभी तक 101493 मौतें हुई हैं और संक्रमण के 1153148 मामले सामने आए हैं. अमेरिका और कनाडा को मिला कर 768670 मामले सामने आ चुके हैं और 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं. एशिया में 162256 मामले और 6951 मौतें, पश्चिम एशिया में 122819 मामले और 5559 मौतें, लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में 98202 मामले और 4915 मौतें, अफ्रीका में 21165 मामले और 1058 मौतें और ओशिआपस में 7879 मामले सामने आए हैं और 90 लोगों की मौतें हुई हैं. -
|नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है. अब कोरोना वायरस से लड़ाई में मददगार पुलिसकर्मियों, अध्यापकों, प्रधानाचार्य, सिविल डिफेंस कर्मियों आदि की यदि कोरोना वायरस के कारण मौत हो जाती है, तो दिल्ली सरकार ऐसे कर्मचारियों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देगी. अभी तक यह मुआवजा केवल दिल्ली के अस्पतालों में रोगियों का उपचार कर रहे डॉक्टर्स, अन्य स्वास्थ्य कर्मियों व सफाई कर्मचारियों तक सीमित था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि शहर में पिछले तीन दिन में कोविड-19 के मामलों में मामूली कमी आई है. साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इसमें और कमी आएगी. केजरीवाल ने उन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए इस प्रकार के मुआवजे की घोषणा की, जो इस समय अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं और कोरोना की रोकथाम, बचाव और राहत के कार्यों में जुटे हुए हैं. ऐसे किसी भी सरकारी कर्मचारी की कोरोना वायरस वायरस के कारण मौत हो जाने पर दिल्ली सरकार ऐसे कर्मचारियों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देगी.मुख्यमंत्री ने कहा, “अभी तक स्वास्थ्य व सफाई कर्मचारियों के लिए इस प्रकार के मुआवजे की घोषणा की गई थी. लेकिन अब अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे पुलिसकर्मियों, विभिन्न स्कूलों में भोजन बांट रहे अध्यापकों, प्रधानाचार्य की कोरोना से मौत होने पर उनके परिजनों को भी एक करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा.”मुख्यमंत्री के मुताबिक, इनके अलावा ऐसे अन्य कर्मचारी जो राहत और बचाव के कार्य में जुटे हुए हैं, यदि कोरोना वायरस के कारण उनकी मौत होती है तो उनके परिजनों को भी एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.गौरतलब है कि दिल्ली में अभी तक कोरोनावायरस के 1707 मामले सामने आए हैं. दिल्ली में कोरोना हॉटस्पॉट यानी कंटेनमेंट जोन की संख्या शनिवार को बढ़कर 71 हो गई. -
नईदिल्ली। उच्चतम न्यायालय में शनिवार को एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त प्रवासी मजदूरों को वापस उनके घर जाने देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकारें मजदूरों को उनके गृहनगर और गांवों तक सुरक्षित यात्रा के लिए अनुमति दें और उन्हें आवश्यक परिवहन प्रदान करें।
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लंदन दुनिया के लगभग सभी देशों को प्रभावित कर चुके कोरोना वायरस से 22 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कई देश इस बीमारी का इलाज करने के लिए शोध कर रहे हैं। वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में शामिल ब्रिटेन भी उन देशों में शामिल है जिसके वैज्ञानिक कोरोना का उपचार ढूंढने के लिए शोध में जुटे हुए हैं। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी विभाग की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने का दावा किया है। पत्रकारों से शुक्रवार को बात करते हुए गिलबर्ट ने सितंबर तक कोरोना का टीका आने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि हम महामारी का रूप लेने वाली एक बीमारी पर काम कर रहे थे जिसे एक्स का नाम दिया गया था। इसके लिए हमें योजना बनाकर काम करने की जरुरत थी।
उन्होंने कहा कि सीएचएडीओएक्स1 तकनीक के साथ इसके 12 परीक्षण किए जा चुके हैं। हमें इसके एक डोज से ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के परिणाम मिले हैं। वहीं आरएनए और डीएनए तकनीक में इसके दो या दो से ज्यादा डोज की जरुरत होती है। प्रोफेसर गिल्बर्ट ने जानकारी दी कि इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। इसकी सफलता पर विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि सितंबर तक इसके 10 लाख डोज उपलब्ध हो जाएंगे।ऑक्सफोर्ड की टीम को इस टीके पर इतना विश्वास है कि उसने क्लिनिकल ट्रायल से पहले ही इसका उत्पादन शुरू कर दिया है। इस बारे में प्रोफेसर एड्रियन हिल का कहना है कि टीम आत्मविश्वास से भरी हुई है। वे सितंबर तक क्लिनिकल ट्रायल का इंतजार नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि हमने जोखिम के साथ बड़ी तादाद में वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुल सात निर्माताओं के साथ इसका उत्पादन किया जा रहा है।प्रोफेसर हिल का कहना है कि सात निर्माताओं में से तीन ब्रिटेन, दो यूरोप, एक चीन और एक भारत से हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल सितंबर या साल के अंत तक इस टीके के 10 लाख डोज उपलब्ध हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 510 वॉलंटियर्स के साथ तीन चरणों के ट्रायल की शुरुआत हो गई है। उम्मीद है कि तीसरे चरण में 5000 वॉलंटियर्स हमसे जुड़ेंगे। -
रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार उच्च गुणवत्ता वाले रैपिड टेस्टिंग किट खरीदने जा रही है. यह जानकारी खुद स्वास्थ्य टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर दी है. सिंहदेव ने कहा कि भारत में स्थित एक दक्षिण कोरियाई कंपनी से ये किट खरीद रहे हैं. जो हमें 337 + GST के बेंचमार्क मूल्य पर मिल रहा है. इस मूल्य पर कंपनी से 75 हजार किट खरीद रहे हैं.
सिंहदेव ने बताया कि किट की जो मूल्य है, वह सबसे कम बोली लगाने वाला साबित हुआ है. हम जिस दर को बंद कर पाए हैं, वह भारत में सबसे कम है. - कोरोना वॉरियर्स पर हमले की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब राजस्थान में पुलिस टीम पर हमला किया गया है. टोंक में कोरोना प्रभावित इलाकों में गश्त करने गई पुलिस पर लोगों ने घेर कर हमला किया. हमले में तीन पुलिसकर्मी जख्मी हैं. उन्हें टोंक के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हमला किया गया था. यह हमला उस वक्त हुआ था, जब मेडिकल टीम कोरोना से मरे एक शख्स के परिजनों को क्वारनटीन करने पहुंची थी. इलाके के लोगों ने मेडिकल टीम को घेर लिया और पथराव किया था. इस घटना में डॉक्टर समेत कई कर्मी घायल हुए थे. पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया था.
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन-2 की घोषणा के क्रम में राष्ट्र के नाम संबोधन को टीवी पर रिकॉर्ड 20.3 करोड़ लोगों ने देखा। इसने पीएम मोदी के पिछले संबोधनों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। उन्होंने अपने संबोधन में देश में लागू लॉकडाउन को 19 दिनों यानी तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी।
पीएम मोदी के प्रसारण को चार अरब मिनट देखा गया
ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील लुल्ला ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया, ‘प्रधानमंत्री के 25 मिनट के संबोधन का प्रसारण 199 प्रसारण कंपनियों ने किया। सभी दर्शकों की संख्या के आधार पर गणना की जाए तो इस प्रसारण को चार अरब मिनट देखा गया। यह एक रिकॉर्ड है।’
बार्क ने दी जानकारी, कहा-दूरदर्शन की वजह से टीवी के दर्शकों में 38 फीसद हुआ इजाफा
बार्क ने कहा कि 12 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह तक टीवी देखने का आंकड़ा कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले की तुलना में 38 फीसद बढ़ा है। लुल्ला ने संकेत दिया कि इसकी वजह दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में इजाफा है। लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन ने रामायण और महाभारत का प्रसारण दोबारा शुरू किया है। इसके कारण दर्शकों की संख्या बढ़ी है। दूरदर्शन की वजह से ही सामान्य मनोरंजक चैनलों के दर्शकों की संख्या भी बढ़ी है।
चार बार देश को संबोधित कर चुके हैं पीएम मोदी
हालांकि, इस दौरान विज्ञापनों में 26 फीसद की गिरावट आई है। गौरतलब है कि पीएम मोदी कोरोना वायरस महामारी पर देश की जनता को अब तक चार बार संबोधित कर चुके हैं। पहली बार उन्होंने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था। इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा थी। तीसरी बार उन्होंने घरों में मोमबत्तियां और दीये जलाने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने जब पहली बार 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी तब उनके संबोधन को रिकॉर्ड 19.3 करोड़ लोगों ने देखा था।
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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 5865 हो गई है। वही इस खतरनाक वायरस से अब तक 169 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इसी बीच, एक अच्छी खबर आई है कि देश में 400 जिले ऐसे है, जहां कोरोना का एक भी संक्रमित नहीं पाया गया है। अगर सख्ती बरकरार रही तो ये भी एक बड़ी कामयाबी होगी।
नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि हम लॉकडाउन को खत्म करने को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं। कुछ राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि भारत में अभी 400 ऐसे जिले हैं, जहां कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। ज्यादातर मामले क्ल्स्टर के रूप में सामने आ रहे हैं। देश में अब तक सामने आए कुल मामलों के 80 फीसदी सिर्फ 62 जिलों से आए हैं। इन जिलों में लॉकडाउन करके वायरस के फैलाव को रोका जा रहा है। कुमार ने कहा कि बहुत हद तक यह संभव है कि इन जिलों में लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि अगर लोग लॉकडाउन का सही प्रकार से पालन करेंगे तो भविष्य में इन 400 जिलों में भी कोई मामला सामने नहीं आएगा।जिन जगहों को हॉटस्पॉट्स के तौर पर चिन्हित किया गया है, वहां बड़े पैमाने पर जांच और घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है, ताकि वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें। वहीं, देश में संपूर्ण लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। आज महाराष्ट्र में 162, गुजरात में 55, राजस्थान में 47, पंजाब में आठ, बिहार में 12, कर्नाटक में 10, झारखंड में चार, मध्यप्रदेश में छह, ओडिशा में दो और छत्तीसगढ़ में एक नए मामले सामने आए हैं। झारखंड में कोरोना से आज पहली मौत हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के 591 नए मामले आए हैं और 20 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 5865 हो गई है। जिसमें 5218 सक्रिय हैं, 478 लोग स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 169 लोगों की मौत हुई है।