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नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में शाह ने कोरोना से लड़ाई, सीमा पर चीन से विवाद, प्रवासी मजदूरों जैसे तमाम मुद्दों पर खुल कर बात की. शाह ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दोनों युद्ध जीतने जा रहा है. अमित शाह ने कहा कि भारत कोरोना की जंग के साथ ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बढ़े तनाव की जंग भी जल्द जीतेगा. शाह ने कहा लोगों को सड़कों पर देखकर हमें बहुत दुख हुआ था. पढ़ें गृह मंत्री के इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें.
-गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, हम हर विषय पर संसद में चर्चा करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि संसद चलने वाली है और अगर किसी को सीमा विवाद पर चर्चा करना है तो आइए, हम चर्चा करेंगे. 1962 से आज तक दो दो हाथ हो जाए. उन्होंने कहा कि कोई भी चर्चा से नहीं डरता है. लेकिन जब देश के जवान संघर्ष कर रहे हैं, सरकार स्टैंड लेकर कोई ठोस कदम उठा रही है, उस वक्त ऐसा कोई भी बयान नहीं देना चाहिए जिससे पाकिस्तान और चीन को खुशी मिले.
- अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत विरोधी प्रोपगेंडा से लड़ने में सक्षम है लेकिन यह देखकर काफी दुख होता है कि इतनी बड़ी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ऐसी ओछी राजनीति करते हैं.
अमित शाह ने सरेंडर मोदी वाले ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा, कांग्रेस और राहुल गांधी को खुद इस बारे में सोचने की जरूरत है. भारत में राहुल गांधी की ओर से की जा रही बात को पाकिस्तान और चीन के लोग हैशटैग बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी को इस बारे में भी सोचना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेता का बयान चीन और पाकिस्तान को बढ़ावा देता है. वो भी ऐसे समय में जब संकट का वक्त हो.
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा जुलाई के अंत तक कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर किए गए दावे को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक कुल कोरोना मरीजों की संख्या साढ़े पांच लाख के आंकड़े तक नहीं पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि हमने कोरोना को रोकने के लिए बचाव कार्यों पर काफी ध्यान दिया है, इसलिए साढ़े पांच लाख के आंकड़े से मैं सहमत नहीं हूं.
-दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड पर अमित शाह ने कहा कि राजधानी में कम्युनिटी स्प्रेड नहीं हुआ है. कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में कोरोना के टेस्ट चार गुना बढ़ाए गए हैं. अब दिल्ली में प्रतिदिन 16 हजार टेस्ट हो रहे हैं.
- अमित शाह ने कहा पहले आइसोलेशन बेड की कीमत 24-25 हज़ार थी जो अब 8-10 हज़ार कर दी गई है. बिना वेंटिलेटर के ICU का पहले रेट 34-43 हज़ार अब 13-15 हज़ार हो गया है. वेंटिलेटर के साथ ICU का रेट 44-54 हज़ार था उसे 15-18 हज़ार कर दिया गया है. इसमें रहने, टेस्ट और दवाइयों का खर्चा शामिल है.
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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. खराब सेहत के कारण मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के छुट्टी पर होने के कारण राष्ट्रपति ने आनंदीबेन पटेल को अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
राष्ट्रपति भवन के जरिए बताया गया कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की अनुपस्थिति में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
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नई दिल्ली। देश की एकता और अखंडता में योगदान के क्षेत्र में सर्वोच्च नागरिक सम्मान सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार के लिए ऑनलाइन नामांकन की तिथि 15 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।
केंद्र सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर यह पुरस्कार शुरू किया है। इसके तहत राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने तथा सशक्त और संयुक्त भारत के मूल्यों को सुदृढ़ बनाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है। -
हमीरपुर (उप्र)। जिले के भरुआ सुमेरपुर थाना क्षेत्र में कानपुर-सागर राजमार्ग पर बालू भरे रिक्शा को बचाने के प्रयास में तीन वाहन आपस में टकरा गए जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए।
भरुआ सुमेरपुर के थाना प्रभारी श्रीप्रकाश यादव ने शनिवार को बताया कि कानपुर-सागर राजमार्ग पर शुक्रवार को बालू भरे एक रिक्शा को बचाने के प्रयास में कुंड़उरा गांव से सवारी भरकर आ रहा ऑटो सामने से आ रही बोलेरो जीप से टकराकर पलट गया। इसी दौरान पीछे से आ रही एक मोटरसाइकिल भी ऑटो से टकरा गई।
उन्होंने बताया कि हादसे में ऑटो सवार दरियापुर गांव निवासी शकुंतला (50), कुंड़उरा गांव निवासी रामकिशन (60) की मौके पर मौत हो गई, जबकि घायल ऑटो चालक राजेश कुशवाहा (35) ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। यादव ने बताया कि इस हादसे में जीप और मोटरसाइकिल सवार छह अन्य लोग घायल भी हुए हैं। इनमें से अन्नू और राकेश सिंह को गंभीर हालत में इलाज के लिए कानपुर रेफर किया गया है। -
देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई से 12 अगस्त के बीच नियमित ट्रेनों के लिए बुक किये गए सभी टिकटों को रद्द करने का फैसला लिया है.
नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई से 12 अगस्त के बीच नियमित ट्रेनों के लिए बुक किये गए सभी टिकटों को रद्द करने का फैसला लिया है. रेलवे बोर्ड के अनुसार अगर किसी भी यात्री ने इस दौरान इन ट्रेनों में टिकट की बुकिंग की है तो उसे 100 फीसदी रिफंड मिलेगा. रेलवे के अनुसार इस दौरान सिर्फ स्पेशल ट्रेनें चलेंगी जिसकी घोषणा मई और जून में की गईं थी. इससे पहले महीने की शुरुआत में रेलवे ने लॉकडाउन के बीच चलने वाली ट्रेनों की संख्या 15 जोड़ी (अप-डाउन कर रही 30 ट्रेनें) से बढ़ाकर 200 कर दी थी. अधिकारियों ने बताया कि जरूरी सेवाओं में लगे कर्मियों की आवाजाही के लिए हाल में मुंबई में सीमित तौर पर शुरू की गई विशेष उपनगरीय सेवा भी जारी रहेगी. इससे पहले रेलवे ने 30 जून तक सभी ट्रेनों को रद्द किया था.
रेलवे ने अपनी गाइडलाइंस में यात्रियों को ट्रेन के निकलने के 90 मिनट पहले स्टेशन पहुंचने की सलाह दी थी. जिन यात्रियों के पास कन्फर्म्ड/RAC टिकट होंगे, उन्हें ही स्टेशन के भीतर घुसने दिया जाएगा. गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस के तहत सभी यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा और जिनमें कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देंगे, उन्हें यात्रा करने की अनुमति मिलेगी.
ट्रेन पर भी यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करना होगा और पूरी यात्रा के दौरान फेस मास्क पहनकर रखना होगा. सभी यात्रियों को लगातार हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहना होगा. सभी यात्रियों के फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना जरूरी है. रेलवे के हर ज़ोन को हर स्टेशन पर प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट बनाने की सलाह दी गई है, ताकि यात्रियों के बीच कोई फेस-टू-फेस मूवमेंट न हो
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नई दिल्ली. सरकार की किसानों के लिए सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi scheme) के तहत खेती करने के लिए 6000 रुपये मुफ्त में पाने का मौका है. पीएम किसान स्कीम के तहत अगली किस्त 1 अगस्त 2020 से किसानों के खातों में ट्रांसफर हो जाएगी.
आपको बता दें कि देश के 9 करोड़, 87 लाख 46 हजार किसान (Farmer) इस स्कीम में रजिस्टर्ड हो चुके हैं. अगर आप भी इस स्कीम का फायदा उठाना चाहते हैं तो तो 30 जून से पहले जरूर करा लें रजिस्ट्रेशन.
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नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस ने रिकॉर्डतोड़ रफ्तार पकड़ ली है. जून में रोज आने वाले कोविड-19 केस में तकरीबन रोज बढ़ोतरी हो रही है. मौत भी अब रोजाना 400 का आंकड़ा पार कर रहा है.
आंकड़ों पर नजर रखने वालों के लिए 25 और 26 जून अहम तारीखें हैं. भारत (India) में 25 जून यानी, गुरुवार को कोरोना से होने वाली मौतें की संख्या 15 हजार को पार कर जाएगी. अगले दिन यानी 26 जून को भारत में कोरोना वायरस के कुल केस 5 लाख हो जाएंगे.
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छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे है. कई ऐसे जिले हैं, जहां कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि कुछ जिलों में इनकी संख्या तेजी से घटी भी है. अब BSF के 15 जवान भी कोरोना पॉजिटिव मिले है. 10 जवान बांदे और 5 जवान अन्तागढ़ के कैम्प में पदस्थ है. जानकारी के मुताबिक सभी जवान छुट्टी से वापस लौटे थे.
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भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण खतरनाक होता जा रहा है. एक जून को देश में 2 लाख लोग भी इस वायरस की चपेट में नहीं आए थे, लेकिन महज 22 दिन में यह संख्या सवा चार लाख पहुंच गई है. बढ़ता संक्रमण चिंता का विषय तो है ही, लेकिन इससे भी डरावनी बात डेथ रेट का बढ़ना है.
भारत (India) में महज 20 दिन में कोविड-19 का डेथ रेट (Covid-19 Death Rate) ढाई गुना बढ़ गया है. इस दौरान दुनिया का डेथ रेट भी बढ़ा है, लेकिन यह भारत के मुकाबले यह कम है. इस महीने की शुरुआत में भारत में कोरोना वायरस से डेथ रेट (Coronavirus Death Rate) 4 था.
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चीन के तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इसमें कांग्रेस समेत 20 राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ माथापच्ची की. इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सभी विपक्षी नेताओं को चीन के साथ गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प की जानकारी दी. साथ ही कहा कि हमारी सेना सीमा पर पूरी तरह मुस्तैद है.
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सर्वदलीय बैठक के वक्त कई सवाल उठाए और कहा कि अब भी देश एलएसी से जुड़े कई मुद्दों पर अंधेरे में है. सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, ‘हम आज एक दर्दनाक टकराव के बाद मिल रहे हैं. हमारे मन गहरी वेदना और आक्रोश से भरे हैं. मेरे विचार से यह बैठक सरकार को लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी.’
सोनिया गांधी ने कहा, ‘हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम का पूरा समर्थन करता है. खेद इस बात का है कि ऐसा नहीं हुआ. इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है.’
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भारत आठ साल बाद फिर आठवीं बार सुरक्षा परिषद का सदस्य चुन लिया गया है। यह पहले भी सात बार उसका सदस्य रह चुका है। यह सदस्यता दो साल की होती है। सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य हैं। उनमें से पांच-अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस-स्थायी सदस्य हैं। इनमें से प्रत्येक को वीटो का अधिकार है। शेष दस अस्थायी सदस्य किसी भी प्रस्ताव पर अपने निषेधाधिकार (वीटो) का इस्तेमाल नहीं कर सकते। लेकिन सुरक्षा परिषद की इस अस्थाई सदस्यता का भी काफी महत्व है, क्योंकि ये 10 अस्थायी सदस्य अपने-अपने महाद्वीपों- अफ्रीका, एशिया, लातीनी अमेरिका, यूरोप आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत की इस सदस्यता का समर्थन पाकिस्तान और चीन ने भी किया है। भारत को 192 वोटों में से 184 वोटों का प्रचंड बहुमत मिला है। जनवरी 2021 से भारत सुरक्षा परिषद का औपचारिक सदस्य बन जाएगा।
इस बार भारत का सुरक्षा परिषद का सदस्य बनना विशेष महत्वपूर्ण है। चीन और पाकिस्तान दोनों ने उसका समर्थन किया है। इन दोनों पड़ोसी देशों से आजकल जैसे संबंध चल रहे हैं, उन्हें देखते हुए यह भारत की विशेष उपलब्धि है। भारत को अपने राष्ट्रहितों की रक्षा तो करनी ही है लेकिन एशिया और प्रशांत क्षेत्र के प्रतिनिधि होने के नाते इस इलाके के सभी देशों का भी हित संवर्धन करना है। सबसे पहले, इस अपनी आठवीं बारी में उसकी कोशिश होनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र के मूल ढांचे में ही परिवर्तन हो। भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका जैसे राष्ट्रों को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिल। यदि सुरक्षा परिषद के ढांचे में यह मूल परिवर्तन हो गया तो यह विश्व राजनीति को नई दिशा दे देगा। भारत को चाहिए कि अपने इस नए पद का इस्तेमाल वह कम से कम दक्षिण एशिया महासंघ बनाने के लिए करे, जैसा कि यूरोपीय संघ है। उससे भी बेहतर महासंघ हमारा बन सकता है, क्योंकि दक्षिण और मध्य एशिया के राष्ट्र सैकड़ों वर्षों से एक विशाल कुटुम्ब की तरह रहते रहे हैं। दक्षिण एशिया में भारत की जो स्थिति है, वैसी किसी भी क्षेत्रीय संगठन में किसी अन्य देश की स्थिति नहीं है। यदि महासंघ की यह प्रक्रिया शुरू हो जाए तो चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे विवाद भी अपने आप शांत हो सकते हैं। कश्मीर, तिब्बत, पख्तूनिस्तान और बलूचिस्तान की समस्याएं भी अपने आप हल होने लगेंगी। करोड़ों दुखी और वंचित लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की अपूर्व सुविधाएं मिलने लगेंगी। 21 वीं सदी की दुनिया को भारत चाहे तो नई दिशा दिखाने की कोशिश कर सकता है।
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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने शुक्रवार को लगातार 13वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा किया। शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत में 56 पैसे की वृद्धि की गई, जिसके बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 78.37 रुपये प्रति लीटर हो गई। वहीं, डीजल की कीमतों में 63 पैसे की वृद्धि की गई। इसके बाद दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 77.06 रुपये हो गई है।
इससे पहले, गुरुवार को कीमतों में वृद्धि की गई थी। गुरुवार को राजधानी में 53 पैसे की वृद्धि की गई थी, इसके बाद एक लीटर पेट्रोल की कीमत 77.81 हो गई थी। वहीं, डीजल में 64 पैसे का इजाफा किया गया था, जिसके बाद डीजल की कीमत बढ़कर 76.43 रुपये हो गई थी। प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।कैसे तय होती है तेल की कीमत?
विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है।देश में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स 69 फीसदी हो गया है, जो विश्व में सबसे ज्यादा है। पिछले साल तक भारत में पेट्रोल-डीजल पर 50 फीसदी तक टैक्स था। बात अगर विकसित अर्थव्यवस्था की करें तो अमेरिका में कुल कीमत का 19 फीसदी जापान में, 47 फीसदी यूके में, 62 फीसदी और फ्रांस में 63 फीसदी टैक्स के रूप में लगता है।
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नईदिल्ली। लद्दाख में भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद बीएसएनएल के अलावा एक और सरकारी कंपनी ने चीन को बड़ा झटका दिया है। इंडियन रेलवे के डेडिकेटेड फ्राइड कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने चीन के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने का फैसला किया है। सिग्नल लगाने का कॉन्ट्रैक्ट बीजिंग के नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कॉम्युनिकेशन को 2016 में दिया गया था।चाइनीज कंपनी को कानपुर-दीन दयाल उपाध्याय सेक्शन पर 417 किलोमीटर की दूरी में सिग्नल लगाने का काम दिया गया था। इस ठेके की कीमत थी 471 करोड़ रुपए। कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने की घोषणा करते हुए DFCCIL ने कहा कि कंपनी ने चार साल में महज 20 पर्सेंट का काम पूरा किया है।
यह भी कहा है कि चीनी कंपनी समझौते के मुताबिक तकनीकी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए अनिच्छुक है। DFCCIL ने कहा कि चाइनीज कंपनी इंजिनीयर्स और अधिकृत अधिकारी साइट पर देने में सक्षम नहीं है, जोकि एक गंभीर अड़चन है। DFCCIL ने रिलीज में कहा है, ”हर स्तर पर मीटिंग हो चुकी है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।”
कंपनी ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब पूर्वी लद्दाख में गलवानी घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि चीन भारत के खिलाफ आर्थिक उपायों पर भी विचार कर रहा है।
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चीन को हर मोर्चे पर सबक सिखाने की तैयारी… गलवान झड़प के बाद दिनभर बैठकों का दौर…लद्दाख के गलवान घाटी में चीन की नापाक साजिश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्शन में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर चीन को कड़ा जवाब भी दिया. पीएम मोदी ने कहा कि हमने हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर काम किया है. हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं. लेकिन अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते.
चीन के साथ जारी तनाव पर पीएम ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. वहीं, बुधवार देर शाम प्रधानमंत्री आवास पर बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री शामिल हुए. रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी को सैन्य तैयारियों से अवगत कराया.दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत
गलवान घाटी की घटना को लेकर बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की फोन पर बात हुई. एस जयशंकर ने कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ वो चीन की प्लानिंग थी. चीन ने जमीनी हालात को बदलने की साजिश की. उसकी मंशा तथ्यों को बदलने की है. वहीं, चीन के विदेश मंत्री ने उल्टे इस घटना के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया.चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि गलवान घाटी में स्थिति सामान्य होने पर भारतीय सैनिकों ने LAC को पार किया और हमारे सैनिकों को उकसाया. उन्होंने भारत से घटना की जांच करने की मांग की.
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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच कई दशकों के बाद बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। लद्दाख के पास गलवान घाटी के पास बीते सोमवार को हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। जिसमें से छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक जवान का भी नाम शामिल है। शहीदों की लिस्ट में देश के अलग-अलग हिस्सों से जवान शामिल हैं। कोई हैदराबाद से है तो कोई पंजाब से, इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ के भी कई जवानों का नाम शामिल है। नीचे दी गई लिस्ट में आप, सभी शहीदों के शहरों के नाम भी देख सकते हैं।इनमें भारतीय सेना का एक कमांडिंग अफसर भी शामिल था। सेना की ओर से मंगलवार शाम को इसकी पुष्टि की गई और अब बुधवार को सभी शहीदों के नाम जारी कर दिए गए हैं। देश में इन जवानों की शहादत को लेकर गुस्सा है और हर कोई चीन से बदला लेने की बात कर रहा है। इन जवानों के परिवारों ने कहा है कि उन्हें गर्व है कि उनके परिवार के एक सदस्य ने देश के लिए जान दी है।
ये सभी हुए हैं शहीद
- कर्नल संतोष बाबू, हैदराबाद
- सब. नुदूराम सोरेन, मयूरभंज
- सब. मंदीप सिंह, पटियाला
- सब. सतनाम सिंह, गुरदासपुर
- हवलदार के. पलानी, मदुरै
- हवलदार सुनील कुमार, पटना
- हवलदार बिपुल रॉय, मेरठ
- दीपक कुमार, रीवा
- सिपाही राजेश ओरंग, बीरभूम
- सिपाही कुंदन कुमार, साहिबगंज
- सिपाही गणेश राम, कांकेर
- सिपाही चंद्रकांत प्रधान, कंधामल
- सिपाही अंकुश, हमीरपुर
- सिपाही गुरबिंदर, संगरूर
- सिपाही गुरतेज सिंह, मनसा
- सिपाही चंदन कुमार, भोजपुर
- सिपाही कुंदन कुमार, सहरसा
- सिपाही अमन कुमार, समस्तीपुर
- सिपाही जयकिशोर सिंह, वैशाली
- सिपाही गणेश हंसदा, ईस्ट सिंघभूमि
देश को अपने जवानों पर गर्व
बता दें कि इस घटना के बाद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सभी सैनिकों को सलाम किया है। बुधवार को राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ..गलवान घाटी में सैनिकों को खोना दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने अपना फर्ज निभाते हुए देश के लिए जान दे दी. देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। रक्षा मंत्री ने लिखा कि शहीद जवानों के परिवारों के प्रति वह सांत्वना प्रकट करते हैं, देश उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें अपने देश के जवानों पर गर्व है। -
मौजूदा वक्त में भारत और चीन दो ऐसे पड़ोसी हैं, जिनके बीच बॉर्डर पर हलचल तो बनी रहती है, लेकिन कभी गोलीबारी नहीं की जाती. चीन की विस्तारवादी नीति को अपनाते हुए उसकी सेना भारतीय सीमा में हस्तक्षेप की कोशिश करती रहती है, जिसका सेना द्वारा माकूल जवाब दिया जाता है. कई बार तो हालात ऐसे बन जाते हैं कि महीनों तक दोनों सेनाएं आमने-सामने आ जाती हैं, मगर टकराव जानलेवा नहीं होता था. गलवान घाटी की घटना ने इस करार को तोड़ दिया है और दोनों तरफ से जवानों की मौत हुई है. यानी एक बार फिर वही दौर वापस आ गया है कि जब भारत-चीन सीमा पर जवानों की मौत होती थी.
दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा टकराव 1962 में हुआ, जो युद्ध में तब्दील हो गया. 1962 में चीन को जीत मिली थी. कहा जाता है कि भारत युद्ध के लिए तैयार ही नहीं था, जिसके चलते उसे शिकस्त झेलनी पड़ी. हालांकि, उस लड़ाई में भी कुछ क्षण ऐसे रहें जब भारतीय सेना ने अपना लोहा मनवाया. लेकिन 1967 में तो सेना ने चीन को सबक सिखा दिया.1967 में भारतीय सैनिकों ने चीन के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देते हुए सैकड़ों चीनी सैनिकों को न सिर्फ मार गिराया था, बल्कि उनके कई बंकरों को भी ध्वस्त कर दिया था. नाथु ला दर्रे की वो घटना आज भी चीन के लिए बड़ा सबक माना जाती है.
1967 में नाथु ला दर्रे पर हुआ टकराव
1967 का टकराव तब शुरू हुआ जब भारत ने नाथु ला से सेबू ला तक तार लगाकर बॉर्डर को परिभाषित किया. 14,200 फीट पर स्थित नाथु ला दर्रा तिब्बत-सिक्किम सीमा पर है, जिससे होकर पुराना गैंगटोक-यातुंग-ल्हासा व्यापार मार्ग गुजरता है. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान चीन ने भारत को नाथु ला और जेलेप ला दर्रे खाली करने को कहा. भारत के जेलेप ला तो खाली कर दिया, लेकिन नाथु ला दर्रे पर स्थिति पहले जैसी ही रही. इसके बाद से ही नाथु ला विवाद का केंद्र बन गया. -
ब्रिटेन के एक्सपर्ट का कहना है कि ये एक बड़ी सफलता है. Dexamethasone दवा की हल्की खुराक से ही कोरोना से लड़ने में मदद मिलती है. ट्रायल के दौरान पता चला कि वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों को ये दवा दिए जाने पर मौत का खतरा एक तिहाई घट गया.
जबकि ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों को इस दवा से अधिक फायदा होता है. जिन मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत होती है, उनमें इस दवा के इस्तेमाल से मौत का खतरा 1/5 घट जाता है.दुनिया के सबसे बड़े ट्रायल में Dexamethasone दवा को शामिल किया गया था. रिसर्चर्स का अनुमान है कि अगर ब्रिटेन में ये दवा पहले से उपलब्ध होती तो कोरोना से 5000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी, क्योंकि ये दवा सस्ती भी है. -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों से कहा है कि वो इस बात पर ध्यान दें कि कोरोना से मरने वाले लोगों की दर कम रहे। केंद्र सरकार चाहती है कि बड़ी संख्या में कोविड -19 मामलों वाले राज्य मामले की मृत्यु दर कम बनाए रखने के मुख्य उद्देश्य से न हटें।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि कोविड मामलों पर नजर रखने के लिए अधिक परीक्षण, डोर-टू-डोर परीक्षण और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास जारी रहेंगे। साथ ही मृत्यु दर को कम रखने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा, इस उद्देश्य के लिए एक विस्तृत कार्य योजना पहले ही तैयार की जा चुकी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार और बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बैठक में इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
भारत की औसत मृत्यु दर 2.9 बनी हुई है लेकिन वैश्विक औसत 5.4 फीसदी है। अधिकारियों ने कहा, देश में कुल मौतों में से 80 फीसदी से अधिक सिर्फ पांच राज्यों में हैं। इसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश शामिल हैं।
उन्होंने कहा, हमने इस बात पर भी ध्यान दिया है कि भारत के 65 जिलों में पांच फीसदी से अधिक मृत्यु दर है और 19 जिलों में से सबसे बड़ा हिस्सा मध्यप्रदेश में है। इसके बाद गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी हैं।
मध्यप्रदेश में, मंडला, सीहोर, उमरिया और छिंदवाड़ा हैं। यूपी में ललितपुर, झांसी, मेरठ और आगरा हैं। महाराष्ट्र में नंदुरबार, जलगांव, धुले और औरंगाबाद हैं। गुजरात में पोरबंदर, आणंद और अहमदाबाद हैं। पंजाब का कपूरथला और हरियाणा का जींद भी कम से कम 5 फीसदी सीएफआर वाले जिलों में शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि सीएफआर मुद्दे पर शनिवार को पीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में चर्चा की गई। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और प्रमुख अधिकारी शामिल थे। -
कोलकाता। रामकृष्ण मठ और मिशन का मुख्यालय बेलूर मठ 82 दिनों के बाद सोमवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया और पहले दिन करीब 250 श्रद्धालु यहां आए।
बेलूर मठ के एक प्रवक्ता ने बताया कि परिसर में स्थित चारों मंदिरों को दिन में दो चरणों में खोला गया। सुबह नौ बजे से 11 बजे तक और उसके बाद शाम में चार से छह बजे तक मंदिर खुले रहे। उन्होंने बताया कि सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी और बिना मास्क वाले श्रद्धालुओं को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने पर खास ध्यान दिया गया।
हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित बेलूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी। सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कई धार्मिक स्थल इस महीने श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। लेकिन तारापीठ मंदिर और कालीघाट मंदिर अब भी श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर 13 जून को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। तारापीठ ने पहले घोषणा की थी कि यह मंदिर 15 जून से खुल जाएगा। हालांकि, मंदिर समिति के सचिव तारामॉय मुखर्जी ने कहा, हमने पहले के फैसले को स्थगित करने का निर्णय लिया है। मौजूदा स्थिति काफी चिंताजनक है क्योंकि कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। श्री मुखर्जी ने कहा कि मंदिर प्रशासन मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में होने वाले फैसले की राह देख रहा है। इस बीच, बीरभूम में स्थित प्रसिद्ध बक्रेश्वर मंदिर भी सोमवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। -
उत्तर प्रदेश में 25 जिलों में एक साथ नौकरी करने के मामले में सुर्खियों में आई अनामिका और कई नाम वाली युवती के मामले में मंगलवार को बड़ा खुलासा हुआ है। जिसकी डिग्री पर 25 लड़कियां नौकरी कर रही हैं वह अनामिका शुक्ला कोई नौकरी नहीं करती है। गोंडा बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति के समक्ष पेश होकर मंगलवार को असली अनामिका शुक्ला ने पेश होकर इस बात का शपथ पत्र दिया है।
इस केस पर कांग्रेस की महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा है कि यूपी सरकार को अनामिका शुक्ला के घर जाकर माफी मांगनी चाहिए और उन्हें मानहानि का मुआवजा दिया जाना चाहिए। प्रियंका गांधी ने अनामिका के लिए सरकारी नौकरी की मांग करते हुए कहा कि यूपी सरकार उनके परिवार को सुरक्षा भी दे।
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जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सोमवार को मुठभेड़ शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को पिंजोरा में आतंकियों के छिपे होने का इनपुट का मिला था. इसके बाद मुठभेड़ में चार आतंकियों को मार गिराया गया है.
शोपियां के पिंजोरा में मुठभेड़सुरक्षाबलों ने इलाके को घेराचार आतंकियों को मार गिराया गया
आतंकियों पर सुरक्षाबलों का प्रहार जारी है. जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सोमवार को मुठभेड़ शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को पिंजोरा में आतंकियों के छिपे होने का इनपुट का मिला था. इसके बाद सोमवार सुबह सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान चार आतंकियों को मार गिराया गया है. एनकाउंटर अभी जारी है.इसके साथ ही इलाके में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है और लोगों को घरों में रहने की ही हिदायत दी गई है. सुरक्षाबलों ने पिछले दो दिनों में 9 आतंकियों को मार गिराया है. यह सभी आतंकी शोपियां में ही मारे गए हैं.
मारे गए थे हिज्बुल के 5 आतंकी
इससे पहले रविवार को शोपियां में ही सुरक्षाबलों ने पांच आतंकियों को मार गिराया था. मारे गए सभी आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन के थे. इनमें हिज्बुल का टॉप कमांडर फारूक अहमद भट उर्फ नाली भी शामिल था. कुलगाम का रहने वाला फारूक दो हफ्ते पहले एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को चकमा देकर फरार हो गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि डीएसपी देवेंद्र सिंह के साथ आतंकी नवीद बावू की गिरफ्तारी के फारूक अहमद भट कुलगाम और पुलवामा में हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बना था. फारूक अहमद भट A++ कटेगरी का आतंकवादी था. उसकी सुरक्षा बलों को काफी समय से तलाश थी.हिज्बुल कमांडर फारूक अहमद भट के अलावा सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की पहचान सकलैन अहमद वगर और सफैत अमीन नायक के रूप में हुई थी. इसके अलावा बाकी दो आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई थी. आतंकी फारूक अहमद भट पिछले साल हुए जम्मू बस ग्रेनेड हमले का मास्टरमाइंड भी था
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नई दिल्ली देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में प्रतिदिन हो रही वृद्धि से संक्रमितों की कुल संख्या सवा दो लाख से अधिक हो गई है तथा पिछले 24 घंटों के दौरान सर्वाधिक 273 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 6348 पर पहुंच गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान 9851 नये मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 226770 हो गई। इस दौरान 273 लोगों की मृत्यु के बाद मृतकों की संख्या 6348 हो गयी। देश में इस समय कोरोना के 110960 सक्रिय मामले हैं, जबकि 109462 लोग इस महामारी से निजात पाने में कामयाब हुए हैं।
महाराष्ट्र इस महामारी से देश में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। राज्य में पिछले 24 घंटों में 2933 नये मामले सामने आये हैं और 123 लोगों की मौत हुई है जिसके साथ ही राज्य में इससे प्रभावित होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 77793 तथा इस जानलेवा विषाणु से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2710 हो गयी है। इस दौरान राज्य में 1352 लोग रोगमुक्त हुए है जिससे स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 33681 हो गई है।
कोरोना वायरस से प्रभावित होने के मामले में तमिलनाडु दूसरे नंबर पर है, जहां संक्रमितों की संख्या 27256 पर पहुंच गयी है तथा 220 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 14902 लोगों को उपचार के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
कोरोना के कारण राष्ट्रीय राजधानी की भी स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है और देश में दिल्ली संक्रमितों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है। दिल्ली में 25004 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 650 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 9898 मरीजों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।
इसके बाद कोविड-19 से प्रभावित होने के मामले में देश का पश्चिमी राज्य गुजरात है। गुजरात में अब तक 18584 लोग इससे संक्रमित हुए हैं तथा 1155 लोगों ने जान गंवाई है। इसके अलावा 12667 लोग इस बीमारी से उबरने में कामयाब हुए हैं।
राजस्थान में भी कोरोना का प्रकोप जोरों पर है और यहां संक्रमितों की संख्या 9862 हो लोग पूरी तरह ठीक हुए हैं। मध्य प्रदेश में 8762 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं तथा 377 की इससे मौत हो गयी है जबकि 5637 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अब तक 9237 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं तथा 245 लोगों की मौत हुई है जबकि 5439 लोग इससे ठीक हुए हैं। पश्चिम बंगाल में 6876 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 355 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 2768 लोग ठीक हुए है।
दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में 4223 और कर्नाटक में 4320 लोग संक्रमित हुए हैं तथा इन राज्यों में इससे मरने वालों की संख्या क्रमश: 71 और 57 है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3142 हो गई है और 35 लोगों की मृत्यु हुई है। पंजाब में 47, बिहार में 29 , हरियाणा में 24 , केरल में 14, उत्तराखंड में 10, ओडिशा में सात, झारखंड में छह, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में पांच, असम में चार, छत्तीसगढ़ में दो तथा लद्दाख और मेघालय में इस महामारी से एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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नई दिल्ली । अनलॉक वन का पहला चरण आठ जून से लागू होगा। केन्द्र सरकार ने पहले चरण में धार्मिक स्थलों, मॉल, रेस्त्रां और होटलों को खोलने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी कर दिए। दरअसल आठ जून से ये सभी स्थान खुलने जा रहे है। नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि मॉल, होटल और धार्मिक स्थलों में जाने वालों को फोन में आरोग्य सेतु ऐप रखना होगा, फेस मास्क लगाना होगा और दूसरे लोगों से कम-से-कम 6 फीट की दूरी बरतनी होगी। धर्मस्थलों में संगीत तो बजेंगे, लेकिन कलाकारों को जुटाकर भजन-कीर्तन जैसे समारोह आयोजित नहीं होंगे।
दफ्तरों के लिए नियम
- दफ्तरों के एंट्री गेट पर सैनिटाइजर डिस्पेंसर का होना जरूरी है। यहीं पर थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाए
- केवल उन्हीं लोगों को दफ्तर में आने की अनुमति दी जाए, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण ना दिखाई दें
- ड्राइवरों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के संबंध में जारी नियमों का पालन करना होगा
- ट्रांसपोर्ट सेवा देने वाले यह निश्चित करेंगे कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले ड्राइवर गाडिय़ां ना चलाएं
- गाड़ी के भीतर, उसके दरवाजों, स्टीयरिंग, चाभियों का पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट होना जरूरी है
- गर्भवती महिलाएं, उम्रदराज कर्मचारी, पहले से बीमारियों का सामना कर रहे कर्मचारी अतिरिक्त ध्यान रखें।
- दफ्तरों में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के पोस्टर, होर्डिंग जगह-जगह पर लगाए जाएं।धार्मिक स्थलों पर जाने वाले ध्यान दें
- धार्मिक स्थल पर एक साथ बड़ी संख्या में लोग न जुटें। सभी को एक-दूसरे से कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखना होगा।
- धार्मिक स्थल में प्रवेश द्वार पर हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था होनी चाहिए। सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है।
- बिना लक्षण वाले श्रद्धालु को ही धार्मिक स्थल में प्रवेश दिया जाए। अगर किसी को खांसी, जुखाम, बुखार आ रहा है तो उसे तुरंत रोक दें।
- जूते, चप्पल श्रद्धालुओं को खुद की गाड़ी में उतारने होंगे। अगर ऐसी व्यवस्था नहीं है तो परिसर से दूर खुद की निगरानी में रखना होगा।
- धर्मस्थलों में प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं करने और श्रद्धालुओं को घर से चटाई या कपड़ा लाने का सुझाव दिया गया हैरेस्टोरेंट के लिए नियम जरूरी
- कंटेनमेंट जोन में रेस्टोरेंट बंद रहेंगे। इसके बाहर खोले जा सकते हैं
- रेस्टोरेंट में आकर खाना खाने की बजाय होम डिलीवरी को बढ़ावा दिया जाए
- डिलीवरी करने वाले घर के दरवाजे पर ही पैकेट छोड़ दें, हैंडओवर न करें
- होम डिलीवर पर जाने से पहले सभी कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की जाए।
- रेस्टोरेंट परिसर, पार्किंग और आसपास के इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए।
- ग्राहकों की संख्या अधिक होने पर उन्हें वेटिंग एरिया में बैठाया जाएशॉपिंग मॉल
- शॉपिंग मॉल में दुकानदारों को भीड़ जुटने से रोकना होगा ताकि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन हो
- मॉलों के अंदर दुकानें तो खुलेंगी, लेकिन बच्चों के खेलने की जगह और सिनेमा हॉल बंद रहेंगे।
- होटलों में उन्हीं स्टाफ और मेहमानों की अनुमति होगी जिनमें कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं होहास्पीटलिटी सेवा
- होटल में सिर्फ स्वस्थ लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। बीमार व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा
-होटल में भोजन के लिए रूम सर्विस अपनाने की सलाह दी गई है। बुफे से बचने की सलाह
- चेक-इन और चेक-आउट दोनों के लिए ई-वॉलेट आदि से भुगतान लेने की सलाह
- सामान को कमरों में भेजने से पहले उसे सेनेटाइज किया जाएगा। -
वैज्ञानिकों ने वायरस के इस अनूठे समूह को 'क्लेड ए3आई' नाम दिया है, जो भारत में जीनोम (जीनों के समूह) अनुक्रम के 41 प्रतिशत में पाया गया है.
नई दिल्ली: हैदराबाद स्थित सेलुलर और आणविक जीव विज्ञान के लिए केंद्र (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों ने देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों में एक अलग तरह के कोरोना वायरस का पता लगाया है. यह दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु और तेलंगाना में ज्यादातर पाया गया है.वैज्ञानिकों ने वायरस के इस अनूठे समूह को 'क्लेड ए3आई' नाम दिया है, जो भारत में जीनोम (जीनों के समूह) अनुक्रम के 41 प्रतिशत में पाया गया है. वैज्ञानिकों ने 64 जीनोम का अनुक्रम तैयार किया.
सीसीएमबी ने ट्वीट किया, 'भारत में सार्स-सीओवी2 के प्रसार के जीनोम विश्लेषण पर एक नया तथ्य सामने आया है. नतीजों से यह यह प्रदर्शित हुआ कि विषाणु का एक अनूठा समूह भी है और यह भारत में मौजूद है. इसे क्लेड ए3आई नाम दिया गया है.'इसमें कहा गया है, 'ऐसा प्रतीत होता है कि यह समूह फरवरी 2020 में विषाणु से उत्पन्न हुआ और देश भर में फैला. इसमें भारत से लिए गए सार्स-सीओवी2 जीनोम के सभी नमूनों के 41 प्रतिशत और सार्वजनिक किए गए वैश्विक जीनोम का साढ़े तीन प्रतिशत है.'
सीसीएमबी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआर) के तहत आता है. इस विषाणु पर किए गए शोध से यह पता चला है कि विषाणु के फरवरी में साझा पूर्वज थे.सीसीएमबी के निदेशक एवं शोध पत्र के सह-लेखक राकेश मिश्रा ने कहा कि तेलंगाना और तमिलनाडु से लिए गए ज्यादातर नमूने क्लेड ए3आई की तरह हैं.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर नमूने भारत में कोविड-19 के प्रसार के शुरूआती दिनों के हैं. मिश्रा ने कहा कि दिल्ली में पाए गए नमूनों से इसकी थोड़ी सी समानता है, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात के नमूनों से कोई समानता नहीं है.कोरोना वायरस का यह प्रकार सिंगापुर और फिलीपीन में पता चले मामलों जैसा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक नमूनों का जीनोम अनुक्रम तैयार किया जाएगा तथा इससे इस विषय पर और जानकारी मिलने में मदद मिलेगी.
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भारत-चीन सीमा पर ताज़ा हालात के बारे में पूछे गए सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'हाल फिलहाल की जो घटना है, ये बात सच है कि सीमा पर इस समय चीन के लोग भी, उनका दावा है कि हमारी सीमा यहां तक है, भारत का यह दावा है कि हमारी सीमा यहां तक है, उसको लेकर एक मतभेद हुआ है. और अच्छी खासी संख्या में चीन के लोग भी आ गए हैं.'
राजनाथ सिंह ने कहा, 'लेकिन अपनी तरफ़ से भारत को जो कुछ भी करना चाहिए, भारत ने भी किया है.'
उन्होंने कहा, 'भारत चीन सीमा पर लंबे समय से भारत और चीन के बीच लगातार कुछ न कुछ होता रहता है. शायद ही ऐसा कोई साल गुज़रा हो जब भारत और चीन की सेना के बीच सीमा पर फ़ेस आफ़ न होता हो. धक्कम धुक्की न होती है, कभी कभी ऐसा तनाव भी हुआ है कि हथियारों की छीना झपटी भी हुई है. ऐसा हालात समय-समय पर पैदा होते हैं.'
राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैं समझता हूं कि चीन को भी अब इस संबंध में गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए ताकि इस विवाद को पूरी तरह से सुलझाया जा सके.'
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले भी जब भी विवाद हुआ है, जैसे डोकलाम विवाद, भारत और चीन ने सैन्य स्तर पर और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता करके समाधान किए हैं.
उन्होंने कहा कि जब दोनों देशों के बीच डोकलाम को लेकर विवाद हुआ था तब भी बातचीत से ही समाधान हुआ था. इसके पहले भी जब भी दोनों देशों के बीच कोई वारदात हुई है सेना के स्तर पर और बातचीत के स्तर पर समाधान निकाला गया है.
राजनाथ सिहं ने बताया कि 'फिलहाल सैन्य स्तर पर इस समय वार्ता चल रही है. संभवतः छह जून को सेना के बड़े स्तर के अधिकारियों के बीच बात होने जा रही है.'
राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि अगर भारत को उकसाया गया तो भारत जवाब देगा, उन्होंने कहा, 'भारत की एक नीति बहुत ही स्पष्ट है, भारत दुनिया के किसी भी देश के स्वाभिमान पर न चोट पहुंचाना चाहता है और न ही अपने स्वाभिमान पर चोट बर्दाश्त कर सकता है. हमारी नीति बिलकुल स्पष्ट है. इससे जिसको जो अर्थ निकालना हो वो अर्थ निकाल ले.'
जब उनसे पूछा गया कि क्या वो चीन को दुश्मन मानते हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं चीन को दुश्मन नहीं मानता, पड़ोसी मानता हूं. जहां तक सोच का प्रश्न है, भारत की सोच ये हमेशा रही है कि हम किसी को दुश्मन नहीं मानते, सभी से बराबर का रिश्ता रखना चाहते हैं.'
उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर कोई भारत के स्वाभिमान को झुकाने की कोशिश करेगा तो हमारे अंदर वो कुव्वत भी है कि हम उसे मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं.'
भारत और चीन के बीच इस समय सीमा पर विवाद है. कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन ने बड़ी तादाद में सैनिक सीमा पर भेजे हैं और कुछ इस समय भारतीय क्षेत्र में घुस आए हैं.
अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी स्वीकार किया है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनातनी है और सैन्य मौजूदगी बढ़ रही है.
राजनाथ सिंह ने ट्रंप के दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के प्रस्ताव पर कहा कि भारत और चीन के बीच सीधी वार्ता का मैकेनिज़्म मौजूद है और मध्यस्थता की ज़रूरत नहीं है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ज़ोर देकर कहा था कि चीन और भारत के बीच सीमा पर हालात स्थिर हैं और नियंत्रण में हैं और दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के चैनल खुले हुए हैं.
चीन के अख़बार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन की सेना की तिब्बत कमांड ने ऊंचाई पर सैन्य अभ्यास किया है. रिपोर्ट के मुताबिक पीपुल्ज़ लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने 4700 मीटर की ऊंचाई पर दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर हमला करने का अभ्यास किया.
रात में क़रीब एक बजे किए गए अभ्यास में मुश्किल वातावरण में अंधेरे में हमला करने का अभ्यास किया गया. इस अभ्यास के बारे में चीन के सरकारी टीवी पर भी रिपोर्ट प्रसारित की गई है.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत और चीन ऊंचाई क्षेत्र में सीमा साझा करते हैं. हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच सीमा पर घटनाएं हुई हैं और दोनों ही देशों ने अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाई है.'