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बीजिंग। ब्रिक्स समूह देशों के नव विकास बैंक (न्यू डेवलपमेंट बैंक) ने बुधवार को मार्कोस प्राडो ट्रॉयजो को अपना अध्यक्ष नियुक्त किया। वह ब्राजील के वित्त मंत्री रह चुके हैं। वह भारतीय बैंक अधिकारी के.वी. कामथ का स्थान लेंगे।
कामथ 2015 से बैंक के अध्यक्ष थे। वह बैंक गठन के बाद बनने वाले पहले अध्यक्ष हैं। बैंक के निदेशक मंडल ने ट्रॉयजो के अलावा भारतीय स्टेट बैंक के अनिल किशोरा को नव विकास बैंक का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। ब्रिक्स समूह देशों में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। यह विकासशील देशों का सहयोग मंच है। नव विकास बैंक का मुख्यालय चीन के शंघाई में है। -
नई दिल्ली। लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। तनाव का आलम ये है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत की सेना फिर एक बार आमने-सामने है।
भले ही चीन ने सीमा पर अपनी सेना की तैनाती बढ़ा दी है, मगर अब भारत भी पीछे नहीं रहने वाला है। भारत ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस ली है और इसने चीनी सेना के बराबर अपनी सेना तैनात कर दी है। इस कदम के साथ भी भारत ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है कि अब वह चीन से जारी गतिरोध से एक कदम भी पीछने हटने वाला नहीं है।
भारत अब गतिरोध से पीछे नहीं हटेगा
भारत ने पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके में चीन के साथ गतिरोध से अब पीछे न होने का फैसला कर लिया है। काराकोरम दर्रा और इस क्षेत्र में तैनात चीनी सैनिकों का मुकाबला करने के लिए भारत ने सैनिकों को तैनात कर दिया है।यह जानकारी इस मामले से परिचित लोगों ने नाम न जाहिर होने की शर्त पर दी। बता दें कि बीते दिनों चीन ने यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन किया था और भारतीय सैनिकों से झड़प की थी।
भारत ने कस ली है कमर
सूत्रों की मानें तो भारत ने यह फैसला भारतीय क्षेत्र में किसी भी तरह की चीनी घुसपैठ और भारतीय इलाके में स्थिति परिवर्तन की कोशिशों को नाकाम करने के उद्देश्य से लिया है।मजबूती और संयम के साथ चीनी चुनौती का सामना करने के लिए ही भारत ने भी अपनी सेना की संख्या बढ़ा दी है।
पीएम मोदी ने लिया हालात का जायदा
दरअसल, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हुई। पीएम ने पूर्वी लद्दाख में गाल्वन घाटी और पैंगोंग झील इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा विभाग के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की। सीडीएस रावत ने लद्दाख में पीएम मोदी को सैन्य स्थिति से अवगत कराया और स्थिति को संभालने के सुझाव दिए। -
वाशिंगटन। दुनिया भर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड 19) से मरने वाले लोगों की संख्या साढ़े तीन लाख के पार पहुंच गई है, जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 55.88 लाख पर पहुंच गया है। अगर अमेरिका की बात करें तो कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा एक लाख पार कर गया है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से दुनियाभर में अब तक 350453 लोगों की मौत हुई है और 5588400 लोग संक्रमित हुए हैं। कोविड-19 से प्रभावित होने के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले पायदान पर है, जबकि ब्राजील दूसरे और रूस तीसरे स्थान पर है।
वहीं इस जानलेवा विषाणु से होने वाली मौत के हिसाब से अमेरिका पहले, ब्रिटेन दूसरे और इटली तीसरे नंबर पर है। भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप कम नहीं हुआ है लेकिन कुछ राहत की बात यह है कि यहां लगातार तीन दिन से नए संक्रमितों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही हैदेश में पिछले 24 घंटों में संक्रमितों के 6387 नये मामले सामने आये हैं तथा 170 लोगों ने जान गंवाई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके संक्रमण से अब तक 1,51767 लोग प्रभावित हुए हैं और 4337 लोगों की मौत हुई है जबकि 64426
लोग इस बीमारी से निजात पाने में कामयाब हुए हैं।
अमेरिका में एक लाख से अधिक मौतें
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में इस महामारी से अब तक 16.81 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं और करीब 1 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं ब्राजील में भी कोरोना ने अब तक 3.92 लोगों को अपनी चपेट में लिया है और 24512 लोगों की इसके कारण मौत हो चुकी है।रूस में भी कोविड-19 का प्रकोप जारी है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 3.63 लाख लोग प्रभावित हुए हैं तथा 3807 लोगों ने जान गंवाई है। ब्रिटेन में भी इस संक्रमण के कारण हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। यहां अब तक इस महामारी से 2.67 लाख लोग संक्रमित हुए हैं तथा 3719 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
यूरीपीय देशों में कहर बरपा
यूरोपीय देश इटली में भी इस महामारी ने बहुत कहर बरपाया है। यहां अब तक इसके कारण 32955 लोगों की मौत हुई है और 2.31 लाख लोग इससे संक्रमित हुए हैं। स्पेन में कोविड-19 से अब तक 2.37 लाख लोग संक्रमित हुए है जबकि 27117 लोगों की मौत हो चुकी है।इस वैश्विक महामारी के उद्गमस्थल चीन में अब तक 84,103 लोग संक्रमित हुए हैं और 4638 लोगों की मृत्यु हुई है। यूरोपीय देश फ्रांस और जर्मनी में भी इस जानलेवा विषाणु के कारण स्थिति काफी खराब है। फ्रांस में अब तक 1.83 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 28,533 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में कोरोना वायरस से 1.81 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 8,372 लोगों की मौत हुई है।
अन्य देशों का हाल
वहीं, तुर्की में कोरोना से अब तक 1.59 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 4,397 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में 1.40 लाख लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 75०8 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।बेल्जियम में 9334, मेक्सिको में 8134, कनाडा में 6753, नीदरलैंड में 5875, स्वीडन में 4125, पेरू में 3788, इक्वाडोर में 32०3, स्विट्जरलैंड में 1915, आयरलैंड में 1,615 और पुर्तगाल में 1342लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस जानलेवा विषाणु से अब तक 57705 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 1197 लोगों की मौत हो चुकी है।।
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पाकिस्तान में एक बड़ा विमान हादसा हो गया है. लाहौर से कराची जा रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की फ्लाइट हादसे का शिकार हो गई. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, ये हादसा कराची एयरपोर्ट के पास हुआ है. ये हादसा कराची में लैंडिंग से ठीक पहले हुआ है. बताया जा रहा है विमान में 90 यात्री सवार थे.
पीआईए के प्रवक्ता अब्दुल सत्तार ने दुर्घटना की पुष्टि की और कहा कि फ्लाइट A-320, 90 यात्रियों को लेकर जा रही थी. विमान लाहौर से कराची जा रहा था और मालिर में मॉडल कॉलोनी के पास जिन्ना गार्डन इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दुर्घटनास्थल से धुएं के गुबार उठते दिखाई दे रहे हैं. एंबुलेंस और बचाव अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं.
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ढाका। शक्तिशाली चक्रवाती तूफान से बांग्लादेश में छह साल के बच्चे समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, कई इलाके जलमग्न हो गए और सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
करीब दो दशकों में क्षेत्र में अब तक के सबसे विनाशकारी चक्रवाती तूफान अम्फान ने बुधवार शाम को बांग्लादेश में दस्तक दी। यह चक्रवात सिद्र के बाद से सबसे शक्तिशाली तूफान है। 2007 में सिद्र चक्रवात से करीब 3,500 लोगों की मौत हुई थी।
ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि बांग्लादेश के तटीय जिलों में चक्रवात से कई निचले इलाके डूब गए, तटबंध टूट गए, पेड़ उखड़ गए और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। उसने बताया कि चक्रवाती तूफान के भारत और बांग्लादेश की तटरेखा पर दस्तक देने पर कम से कम से सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में बर्गुना, सत्खिरा, पिरोजपुर, भोला और पटुआखली जिलों के लोग शामिल हैं।
खबर में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि बर्गुना में डूबने से 60 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई जबकि सत्खिरा में पेड़ गिरने से 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई। पिरोजपुर में 60 वर्षीय व्यक्ति पर दीवार गिरने से उसकी मौत हो गई। भोला में तूफान के कारण दो लोगों ने जान गंवाई। पटुआखली में पेड़ गिरने से छह वर्षीय लड़के की मौत हो गई।
इस बीच कालापाड़ा उपजिला अधिकारी अबू हसनत ने बताया कि चक्रवात तैयारी कार्यक्रम (सीपीपी) के नेता शाह आलम का शव नौ घंटे बाद बरामद कर लिया गया। वह कालापाड़ा उपजिला में एक नहर में नौका डूबने के बाद लापता हो गए थे। खबर में बताया गया है कि आलम समेत सीपीपी स्वयंसेवकों को लेकर जा रही एक नौका तूफान की चपेट में आने के बाद बुधवार सुबह एक नहर में डूब गई।
बीडीन्यूज24डॉट कॉम ने मौसम विज्ञानी अब्दुल मन्नन के हवाले से बताया कि चक्रवात अम्फान ने करीब 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बुधवार को शाम पांच बजे बांग्लादेश तट पार करना शुरू किया। बांग्लादेश ने 20 लाख से अधिक लोगों को शिविरों में भेजा और इस शक्तिशाली तूफान से निपटने के लिए सेना को तैनात किया है। -
ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशियेंसी वायरस (एचआईवी) पर शोध करने वाले अमरीका के एक नामी वैज्ञानिक ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि कोरोना वायरस की वैक्सीन जल्द आने वाली है. विलियम हेसलटाइन जिनके केंसर, एचआईवी समेत अन्य प्रोजेक्ट्स पर किए काम की काफ़ी चर्चा रही है, उनसे पूछा गया था कि कोविड-19 का टीका कितनी जल्द विकसित होने की संभावना है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वे इसका इंतज़ार नहीं करना चाहेंगे क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि निकट भविष्य में यह संभव है. उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए ज़रूरी है कि मरीज़ों की बेहतर पड़ताल की जाए, उन्हें सही तरीक़े से ढूंढा जाए और जहाँ संक्रमण फ़ैलता दिखे, वहीं उसे सख़्त आइसोलेशन के ज़रिए रोका जाए. अमरीका की सरकार को परामर्श देते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें टीके के इंतज़ार में नहीं बैठे रहना चाहिए. अगर शीर्ष नेता ये सोच रहे हैं कि टीका तैयार होने की घोषणा के आधार पर ही वे लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट देने का निर्णय करेंगे, तो यह रणनीति सही नहीं है. अन्य किस्मों के कोरोना वायरस के लिए पहले जो वैक्सीन तैयार की गई हैं, वो नाक को संक्रमण से सुरक्षा देने में विफल रही है जहाँ से वायरस के शरीर में दाखिल होने की सबसे ज़्यादा संभावना मानी जाती है. विलियम हेसलटाइन ने कहा है कि बिना किसी प्रभावी इलाज या फिर टीके के भी कोरोना वायरस को कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए संक्रमण की सही पहचान ज़रूरी है. जो लोग संक्रमित हैं, उन्हें आइसोलेशन में रखना सबसे ज़्यादा कारगर है. बाकी लोग हाथ धोते रहें, मास्क पहनें और सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली चीज़ों और जगहों को साफ़ रखें, तो भी इसमें काफ़ी कमी आ सकती है. विलियम हेसलटाइन मानते हैं कि चीन और कई अन्य एशियाई देशों ने इस वैकल्पिक रणनीति को बहुत प्रभावशाली तरीक़े से लागू किया है, जबकि अमरीका में ऐसा नहीं देखा गया कि जो लोग वायरस से संक्रमित हो गये हों, उन्हें सख़्त आइसोलेशन में रखा गया हो. उनके अनुसार चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान इस तरीक़े से कोरोना वायरस की संक्रमण दर को कम करने में सफल रहे हैं, जबकि अमरीका, रूस और ब्राज़ील इसमें नाकाम रहे हैं.
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बीजिंग/जिनेवा/नयी दिल्ली, 21 मई । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड 19) का कहर बढ़ता जा रहा है और विश्व भर में इससे संक्रमितों की संख्या 50 लाख के करीब पहुंच चुकी है और 3.28 लाख से अधिक लोग अब काल के गाल में समा चुके हैं।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कुल संक्रमितों की संख्या 49,96,472 हो गई जबकि 3,28,115 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। दुनिया भर में सर्वाधिक प्रभावित देशों में पहले स्थान पर अमेरिका, दूसरे पर रूस और तीसरे पर ब्राजील है।
भारत में भी कोरोना वायरस ने तेजी से पैर पसारे हैं और अब यह एक लाख से अधिक संक्रमण के मामलों वाले देशों में शामिल हो गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके संक्रमण से अब तक 1,12,359 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 3435 लोगों की मौत हुई है जबकि 45,300 लोग इस बीमारी से निजात पा चुके हैं।
अमेरिका में कोरोना वायरस से दुनिया में सर्वाधिक 15 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या 90 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। विश्व की महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कुल संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ते हुए 15,51,853 हो गई जबकि 93,439 लोगों की मौत हो चुकी है।
रूस में भी कोविड-19 का प्रकोप लगातार तेजी से बढ़ रहा है और यह इस संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। यहां अब तक 3,08,705 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और 2972 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
इस बीच ब्राजील में भी कोरोना को संकट गहराता जा रहा है। यहां 291,579 लोग संक्रमित हुए हैं तथा पिछले 24 घंटों के दौरान'कोविड 19Óके प्रकोप से 888 मरीजों की मौत के बाद देश में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 18,859 हो गयी है। संक्रमण के मामले में ब्राजील का तीसरा स्थान है।
इसके अलावा ब्रिटेन में भी हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। यहां अब तक इस महामारी से 2,49,619 लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक 35,786 लोगों की इसके कारण मौत हो चुकी है।
यूरोप में गंभीर रूप से प्रभावित देश इटली में इस महामारी के कारण अब तक 32,330 लोगों की मौत हुई है और 2,27,364 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। स्पेन में कुल 2,32,555 लोग संक्रमित हुए है जबकि 27,888 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस वैश्विक महामारी के केंद्र चीन में पिछले 24 घंटों में संक्रमण अथवा मौत का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। यहां अब तक 84,063 लोग संक्रमित हुए हैं और 4638 लोगों की मृत्यु हुई है। इस वायरस को लेकर तैयार की गयी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में हुई मौत के 80 प्रतिशत मामले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के थे।
यूरोपीय देश फ्रांस और जर्मनी में भी स्थिति काफी खराब है। फ्रांस में अब तक 1,81,700 लोग संक्रमित हुए हैं और 28,135 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में कोरोना वायरस से 1,78,473 लोग संक्रमित हुए हैं और 8,144 लोगों की मौत हुई है।
तुर्की में कोरोना से अब तक 1,52,587 लोग संक्रमित हुए हैं तथा इससे 4,222 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में 1,26,949 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 7183 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
बेल्जियम में 9150, कनाडा में 6150, मेक्सिको में 6090, नीदरलैंड में 5767, स्वीडन में 3831, पेरू में 3024, इक्वाडोर में 2888, स्विट््जरलैंड में 1892, आयरलैंड में 1,571 और पुर्तगाल में 1263 लोगों की मौत हो गयी है।
इसके अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 1932 नये मामले सामने आये हैं जबकि और 46 लोगों की मौत हो गयी। यहां अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 45,898 हो गयी है जबकि 985 लोगों की मौत हुई है। (वार्ता) -
लंदन। कोरोना वायरस से संक्रमण के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक की वजह से ब्रिटेन में फंसे करीब 2,200 भारतीयों को वंदे भारत मिशन के पहले चरण में स्वदेश लाया गया है। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़े में दी गई। भारत सरकार द्वारा विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू अबतक के सबसे बड़े मिशन के तहत एअर इंडिया की पहली उड़ान का परिचालन आठ मई को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से मुंबई के बीच किया गया। इसके साथ ही भारतीय छात्रों और पर्यटकों को लेकर ब्रिटेन से भारत के विभिन्न शहरों के लिए विशेष उड़ानों का परिचालन शुरू हुआ। भारत की सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया के विमान ब्रिटेन से भारतीयों को लेकर मुंबई, नयी दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और अहमदाबाद रवाना हुए। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने बताया, हमनें 17 मई तक एअर इंडिया की आठ उड़ानों के जरिये ब्रिटेन में फंसे 2,288 भारतीयों को वापस भेजा गया है। वंदे भारत मिशन भारतीयों की वापसी के लिए जारी रहेगा। कोविड-19 की वजह से अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर लगी रोक के चलते फंसे भारतीयों को लाने के लिए भारत ने अबतक के सबसे बड़े वापसी अभियान वंदे भारत मिशन की शुरुआत की है। भारतीयों को वापस लाने के अभियान का दूसरा चरण प्रक्रियागत है।
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जेनेवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनियाभर में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 93,324 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं । और इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या अब तक 46 लाख से अधिक हो गई है। डब्ल्यूएचओ द्वारा सोमवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में कोरोना से अब तक 4,618,821 लोग संक्रमित हुए हैं तथा पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 से संक्रमित 4,452 लोगों की मृत्यु होने के कारण मृतकों का आंकड़ा 311,847 हो गया है।
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस वैक्सीन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. इसी बीच बांग्लादेश के डॉक्टरों ने कोरोना वायरस की दवा खोजने का दावा किया है. बांग्लादेश की एक मेडिकल टीम का दावा है कि दो दवाओं को मिलाकर तैयार किये गए एंटीडोट से कोरोना वायरस के लक्षणों वाले मरीजों को ठीक करने में चौंकाने वाले परिणाम मिले हैं.
बांग्लादेशी मेडिकल टीम ने खतरनाक कोविड-19 के इलाज का दावा उस वक्त किया है, जब विश्व के अन्य देश निराश हो चुके हैं. प्राइवेट बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मेडिसीन विभाग के प्रमुख डॉक्टर मोहम्मद तारेक आलम का कहना है कि दो दवाओं को मिलाकर बनाए गए एंट्रीडोट से 60 कोरोना मरीज ठीक हुए है.
शोध के अनुसार, एक एंटीबायोटिक, डॉक्सीसाइक्लिन के साथ एक सिंगल डोज में अक्सर इवरमेक्टिन नामक एंटीप्रोटोजोअल दवा का इस्तेमाल किया जाता है, जो COVID-19 के मरीजों को ठीक करने में चमत्कारिक परिणाम देता है.
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, कोरोनोवायरस से चीन में 46,50,793 से अधिक संक्रमित हुए और इससे 3,12,115 मौतें हुईं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बांग्लादेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 22,268 पहुंच गया है और इससे ठीक होने वालों की संख्या 4,373 और मौत का आंकड़ा 328 है. जबकि कोविड-19 से दुनियाभर में करीब 40 लाख से भी ज्यादा लोग संक्रमित हैं और मौत का आंकड़ा 3 लाख 15 हजार है.
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वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ लड़ाई में भारत-अमेरिका साझेदारी को महत्वपूर्ण करार देते हुए भारत को वेंटिलेटर देने की घोषणा की है। ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “ मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि अमेरिका अपने मित्र भारत को वेंटिलेटर देगा। इस महामारी के समय में हम भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़े हुए हैं। हम कोविड-19 का टीका विकसित करने की दिशा में भी सहयोग कर रहे हैं। हम साथ मिलकर इस अदृश्य शत्रु को हराएंगे।” ट्रम्प ने कहा कि भारत और अमेरिका कोविड-19 का टीका विकसित करने की दिशा में एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं। हम साथ मिलकर इस अदृश्य शत्रु को हराएंगे।
भारत ने अप्रैल में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की मदद के तहत हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन दवा की बड़ी खेप भेजी थी। जिसके बाद ट्रम्प ने मोदी के नेतृत्व को मजबूत करार देते हुए उनकी प्रशंसा की थी और भारत का धन्यवाद किया था। गौरतलब है कि अमेरिका में यह महामारी विकराल रूप ले चुकी है और अब तक 14 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और संक्रमितों की संख्या चीन से अधिक हो गयी है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 87 हजार को पार कर 87427 पहुंच गयी है जबकि संक्रमितों की संख्या 14 लाख का आंकड़ा पार कर 1441172 हो गयी है।
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अमेरिका में कोरोना वैक्सीन जनता को मुफ्त-ट्रंप
वाशिंगटन,16 मई (एजेंसी). अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का कारगर और प्रभावी टीका विकसित होने पर इसे जनता के लिए निशुल्क उपलब्ध कराने पर अवश्य विचार किया जाएगा। ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 के टीके को हम आम जनता के लिए निशुल्क उपलब्ध कराने पर विचार कर रहे हैं।
ट्रंप ने कहा कि इस साल के अंत तक कोविड-19 का टीका विकसित किया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा-कोविड-19 का टीका जनवरी 2021 तक लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा।
ट्रंप ने कहा कि सरकार कोविड-19 का टीका विकसित करने की दिशा में काम कर रही और करीब 100 टीमों के कार्यों का मूल्यांकन कर रही है जिसमें से 14 टीमों को आशाजनक परिणाम मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक कोविड-19 का टीका विकसित कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि अमेरिका में यह महामारी विकराल रूप ले चुकी है और अब तक 14 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और संक्रमितों की संख्या चीन से अधिक हो गई है।
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 87 हजार को पार कर 87,427 पहुंच गई है जबकि संक्रमितों की संख्या 14 लाख का आंकड़ा पार कर 14,41,172 हो गई है।( LIVE हिदुस्तान ) -
नई दिल्ली (एजेंसी)। फ्रांस से इस साल जुलाई महीने के आखिर तक पहले चार राफेल लड़ाकू विमान भारत आ जाएंगे। पहले इन विमानों को भारत मई महीने में ही आना था लेकिन दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी के चलते राफेल की डिलीवरी को दो महीनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया। राफेल के आने से भारत की शक्ति और बढ़ जाएगी।
डिफेंस सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि पहले चार विमान जिनमें तीन ट्विन-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट और एक सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान शामिल हैं, जुलाई के अंत तक अंबाला एयरबेस में पहुंचना शुरू हो जाएंगे। प्रशिक्षकों के पास वायुसेना प्रमुख के सम्मान में आरबी श्रृंखला के टेल नंबर होंगे। आरबी का मतलब आरकेएस भदौरिया से है, जिन्होंने 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सबसे बड़े रक्षा सौदे को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने बताया कि पहले विमान को फ्रांसीसी पायलट के साथ-साथ 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर द्वारा उड़ाए जाने की योजना है। फ्रांस से भारत के रास्ते में विमान में हवा में फ्रांसीसी वायुसेना के टैंकर विमान द्वारा फिर से ईंधन भरा जाएगा।सूत्रों ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘भारत में लैंडिंग से पहले टैंकर विमान द्वारा हवा में ईंधन भरा जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि राफेल सीधे फ्रांस से भारत भी आ सकता था लेकिन एक छोटे कॉकपिट के भीतर 10 घंटे की उड़ान तनावपूर्ण हो सकती थी। सात भारतीय पायलटों के पहले बैच ने भी एक फ्रांसीसी एयरबेस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जबकि दूसरा बैच फ्रांस जाएगा। वहीं, बताया जा रहा है कि राफेल की हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता चीन और पाकिस्तान दोनों के लड़ाकू विमानों से ज्यादा होगी। इस वजह से भारत को दोनों प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त मिलेगी। -
जेनेवा। पूरे विश्व में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से पिछले 24 घंटों में 6600 लोगों की मौतें हो चुकी है जबकि इस दौरान लगभग 78,000 संक्रमित सामने आये हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नये आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर कोरोना के 77,965 नये मामले सामने आये हैं जिससे कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,248,389 हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से मृतकों की संख्या 6647 हो गयी है जिससे कुल मौतें बढ़कर 294,046 हो गयी है। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र उत्तरी और मध्य अमेरिका है जहां 18 लाख से अधिक मामले सामने आये हैं। अकेले अमेरिका में 13.4 लाख संक्रमित हैं और 80695 लोगों की मौत हुई है।
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच चीन ने लद्दाख के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी नापाक हरकतें तेज कर दी हैं। भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ गया है. चीन की हिमाकत का जवाब देने के लिए भारतीय लड़ाकू विमानों ने बॉर्डर पर उड़ान भरी. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि चीन के मिलिट्री हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा के करीब आ गए. सूत्र के मुताबिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर ये तनातनी पिछले हफ्ते लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में हुई थी।
पिछले दिनों उत्तरी सिक्किम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हुआ, जिसमें दोनों पक्षों के सदस्यों को मामूली चोटें आईं. इस दौरान भारतीय और चीनी सेना के जवान आक्रामक हो गए थे, जिसमें कुछ को मामूली चोटें आई थीं. हालांकि, बाद में स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद सैनिकों को हटा दिया गया था।भारत और चीनी सेना के बीच केवल उत्तरी सिक्किम में ही नहीं बल्कि 5 मई को लद्दाख में भी झड़प हुई थी. भारत और चीन की सेना के जवान लद्दाख में भी एक-दूसरे से भिड़ गए थे. 6 मई को दोनों सेनाओं के बीच विवाद सुलझ गया था. इसके बाद एलएसी पर चीनी सैन्य हेलिकॉप्टर को उड़ान भरते देखा गया।चीन की इस हिमाकत को देखते हुए भारतीय वायुसेना अलर्ट मोड में आ गई. आनन-फानन में लद्दाख बॉर्डर पर लड़ाकू विमानों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही लड़ाकू विमानों ने बॉर्डर पर उड़ान भरकर चीन को करारा जवाब दिया. पाकिस्तान और चीन कोरोना संकट के बीच भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।सरकार के शीर्ष सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया, ‘जैसे ही चीनी हेलिकॉप्टरों की आवाजाही शुरू हुई, भारतीय लड़ाकू विमानों को लद्दाख सेक्टर में सीमावर्ती क्षेत्रों में ले जाया गया. भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान ने नजदीकी बेसकैंप से उड़ान भरी थी. फिलहाल, चीनी हेलिकॉप्टरों ने भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया है। -
ईरान ने कथित तौर से अपने ही जंगी जहाज पर हमला कर दिया जिससे दर्जनों लोगों की मौत की आशंका है. डेली मेल ने स्थानीय मीडिया के हवाले से दावा किया है कि ओमान सागर में ईरान ने गलती से अपने ही युद्धपोत को निशाना बना दिया. हमले की वजह से ईरान का एक युद्धपोत समुद्र में डूब गया. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 40 नौसैनिक लापता बताए जा रहे हैं. घटना के बाद राहत कार्य चलाया गया.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरानी युद्धपोत पर गलती से C-802 नूर मिसाइल से हमला किया गया. नौसेना के अभ्यास के दौरान ये हादसा हुआ.बताया जाता है कि गलती से एंटी-शिप क्रूज मिसाइल दागने की वजह से बड़ा हादसा हुआ. हालांकि, ईरान की सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है.सोशल मीडिया पर घटना से जुड़ा कई अपुष्ट वीडियो वायरल हो रहे हैं. वीडियो में कथित तौर से घायल नौसैनिक और बचावकर्मियों को दिखाया गया है. -
नई दिल्ली, 10 मई। उत्तरी सिक्किम बॉर्डर पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हुआ है और इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई होने की बात कही जा रही है।
भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई है। नाकू ला सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई जिसके बाद सैनिकों के बीच आक्रामक व्यवहार देखने को मिला। इस झड़प में कुछ जवानों को मामूली चोटें आई हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर मामले को सुलझा लिया गया है। (एएनआई)
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अम्बिकापुर, 8 मई। सरगुजा के पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह के घर में 15 दिनों से पत्थरबाजी हो रही है, जिससे पूर्व सांसद सहित कैंपस में रहने वाले चार-पांच किराएदार, कर्मचारी व मोहल्लेवासियों में दहशत है। गुरुवार की शाम भी पत्थरबाजी की खबर पर अंबिकापुर पुलिस उनके निवास स्थल पर पहुंची हुई थी। पुलिस ने लगभग 4 घंटे तक पूरे इलाके को सील कर जांच-पड़ताल की लेकिन कुछ पता नहीं चला। बताया जा रहा है कि पुलिस की मौजूदगी में भी पत्थरबाजी हुई, जिससे पुलिस भी असमंजस में है कि आखिरकार यह पत्थर कहां से गिर रहे हैं।
इस घटना के पीछे शरारती तत्वों का या कोई अन्य कारण हो, फिलहाल यह मोहल्ले वासियों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है। पूर्व सांसद सहित उनके कर्मचारियों व किरायेदारों को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर पत्थर कहां से बरसाए जा रहे हैं। इस घटना से आसपास के लोगों में सनसनी व दहशत का माहौल निर्मित है।
गुरुवार की शाम 7 बजे अंबिकापुर कोतवाली पुलिस पत्थरबाजी की सूचना पर पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह के जोड़ा तालाब निवास के पास पहुंची हुई थी। पुलिस की उपस्थिति में भी पत्थरबाजी हुई,जिसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर रात लगभग 11 बजे तक सघन रूप से जांच पड़ताल की लेकिन पता नहीं चल पाया कि आखिर पत्थरबाजी की घटना कहां से हो रही है।
पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह के द्वारा बताया गया कि पत्थरबाजी का यह क्रम पिछले 15 दिनों से उनके निवास पर जारी है। शाम 6 बजे से रात12 बजे के बीच छत पर या आंगन में रुक-रुक कर पत्थर गिरता है। उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर यह पत्थर कहां से गिर रहा है। पत्थर टेनिस बॉल आकार से भी बड़े साइज का है जिसके लगने से कोई भी घायल हो सकता है।
मुझे समझ में नहीं आ रहा-थाना प्रभारी
इस घटना को लेकर कोतवाली थाना प्रभारी विलियम टोप्पो से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह के यहां काम करने वाले एक कर्मचारी द्वारा पत्थरबाजी की सूचना पुलिस को दी गई थी। गुरुवार की शाम को 7 से 11 के बीच इलाके में सघन जांच-पड़ताल करवाई गई,लेकिन कुछ पता नहीं चल सका।किसी शरारती तत्व के हाथ होने के संदर्भ में थाना प्रभारी ने कहा कि अगर इनके द्वारा यह घटना अंजाम दिया जाता तो पुलिस उन्हें पकड़ लेती। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया था और जगह-जगह सिविल ड्रेस में भी पुलिस बल की तैनाती की गई थी लेकिन कोई ऐसा करते नहीं दिखा। श्री टोप्पो ने बताया कि उन्हें भी यह घटना समझ में नहीं आ रहा है। शुक्रवार को भी उक्त स्थल पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस सघन जांच पड़ताल में लगी है कि आखिर यह घटना कैसे घटित हो रही है।
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कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया खस्ताहाल है. लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत है पुख्ता इलाज की. दुनिया भर में कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए कई प्रकार के प्रयोग चल रहे हैं. वैक्सीन को लेकर, दवाओं को लेकर और इम्यूनिटी को लेकर. लेकिन अभी तक कोई ये नहीं बता पाया कि वैक्सीन कब तक बनकर तैयार होगी. वो कौन सी वैक्सीन होगी, जिससे लोगों का इलाज होगा. जो पूरी दुनिया को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाएगी.
आपको बता दें कि दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड-19 की वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों की करीब 90 टीम काम कर रही हैं. सभी अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं. लेकिन इनमें से सिर्फ 6 ऐसी हैं जो अपने लक्ष्य के करीब हैं. जिसे ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण कहते हैं. आइए जानते हैं इन 6 वैक्सीन के बारे में कि ये कहां बन रही हैं? कौन बना रहा है और ये क्या करेंगी?चीन में इस समय तीन टीकों का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. आइए जानते हैं ये वैक्सीन कौन-कौन से हैं…
1. AD5-nCoV वैक्सीनचीन की कंपनी कैंसिनो बॉयोलॉजिक्स ने 16 मार्च से ही अपने परीक्षण शुरू कर दिए थे. कैंसिनो के साथ चीन के एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज और इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी भी काम कर रही है. इस कंपनी ने कोरोना के इलाज में वायरस को काटने के लिए वायरस का उपयोग किया है. इंसान के शरीर में आंखों, सांस की नली, फेफड़े, आंतों और नर्वस सिस्टम में संक्रमण का कारण बनने वाले वायरस एडेनोवायरस का उपयोग किया जा रहा है. चीन इस एडेनोवायरस को शरीर में डालकर कोशिका के उस प्रोटीन के सक्रिय कर देगा जो कोरोना वायरस से लड़ेगा. इससे इम्यूनिटी भी बढ़ेगी.2. LV-SMENP-DC वैक्सीनचीन के शेंझेन जीनोइम्यून इंस्टीट्यूट ने एक वैक्सीन तैयार की है जो HIV के लिए जिम्मेदार वायरस लेंटीवायरस पर आधारित है. इस कंपनी ने उन कोशिकाओं की मदद ली है जो प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करती हैं. ये कोशिकाएं शरीर में बाहरी वायरस के आते ही सक्रिय हो जाती हैं और उस पर हमला कर देती हैं. इसके हमले से या तो वायरस मारा जाता है, या फिर निष्क्रिय हो जाता है.3. तीसरी वैक्सीन बन रही है वुहान मेंचीन के वुहान स्थित बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स इंस्टीट्यूट में ऐसी वैक्सीन बनाई जा रही है जो निष्क्रिय कोरोना वायरस से बनी होगी. चीन के वैज्ञानिकों ने इस निष्क्रिय कोरोना वायरस की जींस में ऐसे बदलाव किए हैं कि अब वो किसी शख्स को संक्रमित नहीं कर सकता. यह वैक्सीन बनाने की बेहद पारंपरिक विधि है. ज्यादातर वैक्सीन ऐसे ही बनाए जाते हैं.4. ChAdOx1 वैक्सीनऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ChAdOx1 वैक्सीन को विकसित किया जा रहा है. यूरोप में पहला क्लीनिकल ट्रायल 23 अप्रैल को शुरू हुआ था. यहां भी वायरस से वायरस को काटने की तैयारी चल रही है. लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चिंपाजी से लिए गए कमजोर एडेनोवायरस का उपयोग कर रहे हैं. इसमें कुछ जेनेटिक बदलाव किए गए हैं ताकि ये इंसानों के शरीर में जाकर उल्टा काम न शुरू कर दें.5. mRNA-1273 वैक्सीनअमेरिका के मैसाच्युसेट्स में स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडर्ना थेराप्यूटिक्स ऐसी वैक्सीन बना रही है जो इंसानों की इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता को कोरोना से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करेगी. यह वैक्सीन कोरोना वायरस को शरीर में फैलने से रोकेगी. इसके लिए मॉडर्ना ने कमजोर और लगभग निष्क्रिय वायरस को इंसान के शरीर में डालने की तैयारी की है, ताकि शरीर इसके प्रति इम्यूनिटी विकसित कर ले. लेकिन मॉडर्ना ने इसके लिए कोरोना वायरस का उपयोग नहीं किया है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने कोरोना का जेनेटिक कोड तैयार किया है. इसका एक छोटा सा हिस्सा शरीर में सुई से डाला जाएगा. जिसके बाद वह कोरोना वायरस से लड़ेगा.6. INO-4800 वैक्सीनअमेरिकी के पेंसिलवेनिया में स्थित फार्मा कंपनी इनोवियो ऐसी वैक्सीन तैयार कर रही है जिसमे मरीज की कोशिकाओं में प्लाज्मिड से सीधे डीएनए शरीर के अंदर इंजेक्ट करेगी. इससे मरीज के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनने लगेंगे. इनोवियो एक जेनेटिक स्ट्रक्चर पर बदलाव करके इस बीमारी को ठीक करना चाहती है. क्योंकि अगर शरीर के अंदर जेनेटिकली इस बीमारी से लड़ने की क्षमता पैदा हो गई तो भविष्य में ये खतरा कभी नहीं आएगा.दुनिया भर के साइंटिस्ट भले ही वैक्सीन की खोज में लगे हुए हों. लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इनमें से कोई वैक्सीन काम करेगी या नहीं. बड़ी चुनौती वैक्सीन बनाना नहीं है. वैक्सीन को बड़े पैमाने पर उत्पादन करके लोगों तक पहुंचाना ज्यादा बड़ी चुनौती है. -
अभी तक ये माना जा रहा था कि कोरोना वायरस यौन संबंध यानी सेक्सुअल रिलेशन से नहीं फैलता. लेकिन अब चीन के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि अगर कोरोना वायरस से संक्रमित मर्द किसी के साथ सेक्स करता है तो उसे भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है. क्योंकि कोरोना संक्रमित कुछ पुरुषों के वीर्य यानी स्पर्म में कोरोना वायरस मिला है.
चीन के शांगक्यू म्युनिसिपल हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित 38 पुरुष मरीजों की जांच में ये बात सामने आई है. इनमें से 6 मरीजों के स्पर्म में कोरोना वायरस का संक्रमण मिला है.कोरोना वायरस से संक्रमित इन 6 लोगों में से कुछ पहले ही कोरोना वायरस की बीमारी से ठीक हो चुके हैं. लेकिन उनके स्पर्म में कोरोना वायरस का संक्रमण मिला है. हालांकि, चीन के शोधकर्ताओं ने स्पष्ट तौर पर ये नहीं कहा कि शारीरिक संबंध बनाते समय कोरोना का संक्रमण होगा कि नहीं.चीन के शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि कोरोना संक्रमित पुरुष के साथ सेक्स करने पर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है. क्योंकि कुछ पुरुषों के वीर्य में यानी स्पर्म में कोरोना वायरस का संक्रमण मिला है. यह स्टडी जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित हुई है.चीनी वैज्ञानिकों ने कहा कि हमें बेहद कम संख्या में ऐसे मरीज मिले हैं. ज्यादा जानकारी जमा करने के लिए ज्यादा लोगों की जांच करनी पड़ेगी. क्योंकि ये हो सकता है कि भविष्य में कोरोना वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD) की कैटेगरी में आ जाए. -
नई दिल्ली, 4 मई। कोरोना वायरस की महामारी का सबसे बुरा प्रकोप झेल रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि देश साल के अंत कर कोरोना वायरस की वैक्सीन ढूंढ लेगा। ये जानकारी एएफपी न्यूज एजेंसी ने दी है।
हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दावा किया था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान स्थित लैब से होने के उनके पास पुख्ता सबूत है। चीन के खिलाफ मुखर रहे पोम्पियो ने हालांकि यह नहीं बताया कि क्या चीन ने इस वायरस को जान बुझकर फैलाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर कोरोना वायरस को लेकर सबसे ज्यादा आक्रामक रहे हैं। वह लगातार बीजिंग पर हमला करते हुए उसपर सूचना छुपाने का दोष मढ़ते रहे हैं। उनका कहना है कि इस गैरजिम्मेदारी के लिए चीन को जवाबदेही लेनी चाहिए।सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने अपने जासूसों से कहा है कि इस वायरस की उत्पत्ति का पता लगाएं। पहले यह माना जाता था कि यह वायरस वुहान के उस बाजार से निकला है जहां पर चमगादड़ जैसे जानवर बेचे जाते हैं। लेकिन अब बड़े पैमाने पर यह आशंका जताई जा रही है कि यह वायरस चीन के लैब से ही आया है। पोम्पिओ ने अमेरिकी खुफिया विभाग के उस बयान पर भी सहमति जताई, जिसमें मोटे तौर पर कहा जा रहा है कि कोविड-19 वायरस मनुष्य द्वारा निर्मित नहीं है या इसे अनुवांशिक रूप से विकसित नहीं किया गया है।भारत की बात करें तो देश में बीते 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 83 मौतें दर्ज की गईं। इस बीच, संक्रमण के 2487 नये मामले भी सामने आए, जिससे देश में संक्रमितों की संख्या 40 हजार पार कर गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार शाम को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में संक्रमितों की संख्या 40,263 पहुंच गई है। मरने वालों की संख्या 1306 हो गई है। स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़ी है। अब तक कुल 10,887 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। स्वस्थ होने वालों का प्रतिशत 26 फीसदी से भी अधिक है। कुल 28,070 रोगियों का देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित राज्य हैं।इधर प्रवासी मजदूरों और छात्रों की अपने घरों तक वापसी भी परेशानी का कारण है क्योंकि उन पर अगले दो हफ्ते तक कड़ी नजर रखनी होगी। साथ ही, उनको क्वॉरंटाइन करने से लेकर रोजगार तक की व्यवस्था भी देखनी होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तो इस बारे में कई कदम उठाए भी हैं, लेकिन अन्य राज्यों से अभी पूरी रिपोर्ट नहीं मिली है। रेड जोन वाले क्षेत्रों में अभी काफी समय तक सख्त प्रतिबंध लागू रहेंगे। तीसरा चरण खत्म होगा तब भी वहां पर सख्ती के साथ नियमों पर का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। (लाइव हिन्दुस्तान) -
इजरायल, 5 मई : कोरोना वायरस की विश्वव्यापी महामारी के बीच इजरायल के रक्षा मंत्री नफ्ताली बेनेट ने दावा किया है कि देश के मुख्य जैविक अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के लिए एक एंटीबॉडी विकसित करने में "महत्वपूर्ण सफलता" हासिल की है. उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने कोरोना वायरस को खत्म करने के टीके के विकास का चरण पूरा कर लिया है और अब इसके पेटेंट और बड़े पैमाने पर संभावित उत्पादन के बारे में काम चल रहा है. बेनेट ने सोमवार को नेस ज़ियोना में, इज़राइल के इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च (IIBR) की लैब्स का दौरा किया और कोरोना वायरस के लिए एक वैक्सीन विकसित करने का आदेश दिया.
इस संबंध में जारी बयान में कहा गया है कि यह एंटीबॉडी, वायरस पर अटैक करता है और उसे शरीर में बेअसर कर देता है. बयान के अनुसार, एंटीबॉडी को विकसित करने का काम पूरा हो चुका था और संस्थान "इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया में है". इस प्रक्रिया के अगले चरण में, रिसर्चर्स अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से संपर्क करेंगे ताकि वाणिज्यिक स्तर पर एंटीबॉडी का उत्पादन किया जा सके. रक्षा मंत्री बेनेट ने कहा, "मुझे इस महत्वपूर्ण सफलता के लिए संस्थान के कर्मचारियों पर गर्व है, उनकी रचनात्मकता ने इस उपलब्धि की खोज का मार्ग प्रशस्त किया"गौरतलब है कि इसी साल मार्च में इज़राइली अखबार Ha'aretz ने मेडिकल स्रोतों के हवाले से बताया था कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने जैविक तंत्र और वायरस के गुणों को समझने में अहम सफलता हासिल की है. गौरतलब है कि IIBR की स्थापना वर्ष 1952 में इज़राइल डिफेंस फोर्सेज साइंस कॉर्पस के एक भाग के रूप में हुई थी और बाद में यह नागरिक संगठन (civilian organization) बन गया. यह तकनीकी रूप से प्रधान मंत्री कार्यालय की देखरेख में है, लेकिन रक्षा मंत्रालय के साथ निकट संपर्क में है. कहा जाता है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 1 फरवरी को संस्थान को COVID-19 के लिए एक वैक्सीन विकसित करने का आदेश दिया था. "जैविक संस्थान एक विश्व-प्रसिद्ध अनुसंधान और विकास एजेंसी है और इसमें 50 से अधिक अनुभवी वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. (ndtv) -
वाशिंगटन, 7 मई । कोरोना वायरस पर रिसर्च करने वाले चीन में जन्मे शोधकर्ता की अमरीका में हुई मौत को लेकर पूरी दुनिया में साजिश की कहानियां गढ़ी जा रही हैं। 37 साल के बिंग ली शनिवार को अपने घर में मृत पाए गए थे। वो यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग के स्कूल ऑफ मेडिसीन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे।
उनके साथ काम करने वाले लोगों का कहना है कि वो कोविड-19 को लेकर 'अहम खोज' करने के कऱीब पहुँच चुके थे। इसके बाद से ऑनलाइन मीडिया पर उनकी हत्या की अटकलें तेज हो गई हैं। लेकिन पुलिस का कहना है कि यह हत्या और आत्महत्या का मामला है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक पिट्सबर्ग में बिंग ली के सिर, धड़, हाथ-पैर और गर्दन में गोली लगी हुई थी। गोली मारने वाले की पहचान 46 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर हाउ गु के रूप में हुई है।अधिकारियों का कहना है कि कार से लौटते वक्त उसने अपनी जान भी ले ली। बिंग ली और हाउ गु एक दूसरे को जानते थे। जांच में पाया गया है कि यह पहले हत्या और फिर आत्महत्या का मामला है। इससे पहले 'दोनों के बीच अपनी अंतरंग साथी को लेकर लंबी बहस' हुई है। जांचकर्ताओं का कहना है कि इस बात के 'कोई सबूतÓ नहीं हैं कि ली के मौजूदा कोरोना के शोध से उनकी हत्या का कोई संबंध है।ली के साथी उन्हें एक उल्लेखनीय शोधकर्ता मानते हैं जो कि कोरोना को लेकर 'किसी महत्वपूर्ण खोजÓ के करीब पहुँच चुके थे। वो ली को श्रद्धांजलि देते हुए उनका अधूरा काम पूरा करने की बात करते है। ली चीन के रहने वाले थे। उन्होंने सिंगापुर से स्नातक और पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद वो अमरीका शोध के लिए चले गए थे।क्या हैं साजिश की कहानियांचीनी सोशल प्लेटफॉर्म वीबो पर एक यूजर ने लिखा है, ओह माई गॉड, ऐसा लगता है जैसे यह मिशन इम्पॉसिबल की कहानी हो। शायद वो वायरस के अमरीका के लैब में तैयार होने के नतीजे तक पहुँच चुके थे। चीन के अधिकारियों और सरकारी मीडिया ने अमरीका के लैब में वायरस के तैयार होने और उसे अमरीकी सेना की मदद से वुहान लाने का आधारहीन दावा कुछ दिन पहले पेश किया था।कुछ वीबो यूजर्स का कहना है कि यह काफी संयोग की बात नहीं लगती। एक ने लिखा है, यह एक बहुत ही असामान्य मामला है। कई रहस्य इसमें दबे पड़े हैं। कई वीबो यूजर्स का कहना है कि ली का चीनी होना उन्हें अमरीका में जोखिम में डाल दिया।हालांकि उनके चीनी होने की वचह से उन्हें निशाना बनाया गया हो, इसे लेकर अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। चीन की सरकारी मीडिया के साथ जुड़ी एक वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख छापा है जिसमें ली की मौत से जुड़ी कई अकटलें लगाई गई हैं। ट्विटर पर इस बीच कई लोगों ने यह भी दावा किया है कि चीन की इस मामले में भूमिका हो सकती है।(बीबीसी) -
संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह शहर में एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लग गई है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ये हादसा अल नहदा इलाके में हुआ है. ताजा जानकारी के मुताबिक शारजाह सिविल डिफेंस की टीम आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस बिल्डिंग मे आग मंगलवार देर शाम लगी. आग की लपटें में आसमान चारों से दिखाई दे रही थी और पूरा इलाका लाल दिखाई दे रहा था.यूएई की स्थानीय मीडिया का कहना है कि इस इमारत में फंसे सभी लोगों को सिविल डिफेंस की टीम ने निकाल लिया है, लेकिन आग पर काबू पाने की कोशिश जारी है. आग बुझाने के लिए हाइड्रोलिक दमकल मशीनों को लगाया गया है.आग बुझाए जाने का काम अभी जारी है. यहां आग किस वजह से लगी, इसका पता नहीं चल सका है. जानकारी के अनुसार बिल्डिंग में रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. -
नई दिल्ली। एक तरफ दुनिया के नामी देश कोरोनावायरस (Corona Virus) के इलाज के लिए वैक्सीन (Vaccine) बनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन दूसरी तरफ मेडागास्कर (Medagascar), तंजानिया (Tanzania) और कांगो (Congo) जैसे देश एक ‘हर्बल-ड्रिंक’ (Herbal Drink) को कोरोना का इलाज बता रहे हैं. इस ‘हर्बल-ड्रिंक’ का नाम है कोविड ऑर्गेनिक्स (Covid Organics) जिसको लेकर तीन देशों के राष्ट्रपतियों का दावा है कि ये कोरोना के इलाज में कारगर है.
बीबीसी हिंदी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने पिछले ही महीने अप्रैल को कोरोना के इलाज के लिए हर्बल टी और हर्बल ड्रिंक का आधिकारिक लॉन्च किया था. उनका दावा है कि ‘हर्बल-ड्रिंक’ से कोरोना वायरस का इलाज और रोकथाम किया जा सकता है. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने मालागासी इंस्टीट्यूट ऑफ अपलाइड रिसर्च (IMRA) में संबोधन के दौरान ये भी कहा कि इस दवा का टेस्ट कर लिया गया है और 2 लोगों का इससे इलाज किया जा चुका है. राष्ट्रपति ने इस ड्रिंक को खुद पत्रकारों के सामने पी कर बताया. वहीं मेडागास्कर ने आधिकारिक तौर पर बताया कि तीन हफ्तों तक 20 से कम लोगों पर किए क्लीनिकल ट्रॉयल के बाद ही ‘हर्बल-ड्रिंक’ कोविड-ऑर्गेनिक्स को लॉन्च करने का फैसला किया गया.‘हर्बल-ड्रिंक’ को लेकर दावा है कि कोरोना मरीज़ को इसे पिलाने से 7 दिन में ही असर दिखाई देने लगता है. इस हर्बल ड्रिंक को आर्टेमिसिया नाम के प्लांट से तैयार किया गया है जो कि मलेरिया के इलाज में कारगर साबित हो चुकी है. वहीं मलेरिया के इलाज में कारगर हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को भी अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना के इलाज में प्रभावी माना गया था.